पटना: केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार और बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार दोनों ही चर्चा का विषय बने हुये हैं. एलजेपी अध्यक्ष चिराग को केंद्र में जगह मिलती है या नहीं इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है. लेकिन जदयू को यकीन है कि केंद्र में चिराग को तवज्जो नहीं दिया जायेगा. हालांकि जदयू के नेता खुलकर चिराग को लेकर कुछ भी नहीं बोल रहे लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि जब महागठबंधन के साथ संगत रहा है तो परिणाम भी उसी के अनुरूप होगा.
खुलकर बोलने से बच रहे जदयू के नेता
जदयू के पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार का कहना है कि पार्टी क्या फैसला लेगी उस पर बोलने के लिए हम तो अधिकृत नहीं है. लेकिन इतना जरूर है कि जब संगत महागठबंधन के साथ रहा है तो परिणाम भी उससे अलग नहीं होना है और उन्हें पता भी चलेगा.
'चिराग पासवान प्रवासी पक्षी की तरह बिहार के लिए हैं. कहां बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट अभियान चला रहे थे लेकिन उनके लिए तो परिवार ही फर्स्ट है. कुछ बयान देकर चर्चा में जरूर बने रहने की कोशिश करते हैं. लेकिन उनकी पार्टी के अंदर ही नाराजगी है और ऐसे में उनके लिए राजनीति अस्तित्व बचाना चुनौती बना हुआ है.'- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
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क्या मंत्री बनेंगे चिराग ?
जदयू के वरिष्ठ नेता पहले भी कहते रहे हैं कि लोजपा को केंद्र में भी जगह नहीं मिलनी चाहिए. ऐसे बिहार में प्रधानमंत्री से लेकर बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान साफ कर दिया था कि बिहार में 4 ही दल एनडीए में है. लेकिन केंद्रीय स्तर पर बीजेपी ने अभी तक खुलकर फैसला नहीं लिया है. जदयू नेताओं को भरोसा है कि बीजेपी, लोजपा को केंद्र में जगह नहीं देगी. लेकिन चिराग पासवान को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है, अगर केंद्रीय मंत्रिमंडल चिराग को जगह दी जाती है, तब देखना दिलचस्प होगा कि जदयू का क्या फैसला होगा.