पटना: बिहार चुनाव संपन्न होने के बाद सोमवार को नीतीश कुमार की शपथ ग्रहण में विपक्ष के नेता नहीं पहुंचे. शपथ ग्रहण के दौरान राजभवन के बाहर एनडीए लोगों ने राष्ट्रीय जनता दल पर जमकर हमला बोला.
गौरतलब है कि कोरोना काल में पहला चुनाव बिहार में हुआ. चुनाव आयोग ने तीन फेज में चुनाव का ऐलान किया था. जिसमें 28, 3 और 7 नवंबर को चुनाव संपन्न हुए. जिसका रिजल्ट 10 नवंबर को आया. जिसमें एनडीए 125 सीट लाकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनी. जबकि महागठबंधन 110 सीट पर ही संतुष्ट करना पड़ा.
शपथ ग्रहण में नहीं पहुंचे तेजस्वी
वहीं, आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने शपथ ग्रहण किया. इससे पहले घटनाक्रम को देखने को मिला. इस शपथ ग्रहण में महागठबंधन की तरफ से कोई नेता नहीं पहुंचा. यानी शपथ ग्रहण का आरजेडी ने बहिष्कार कर दिया. आरजेडी नेताओं का कहना है कि बिहार चुनाव में वोटों की धांधली हुई है. इसलिए विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और कई नेता शपथ ग्रहण में नहीं पहुंचे.
आरजेडी समर्थकों कहना है कि ये सरकार जनादेश के खिलाफ बनी है. अनैतिकता के आधार पर नीतीश कुमार की सरकार बनी है. सरकार ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगी. वहीं, शपथ ग्रहण के बाहर जेडीयू समर्थकों का कहना है कि आरजेडी के लगाए गए सरासर आरोप गलत है. ये अपने शासनकाल में किए गए कार्यों को देखें. तब नीतीश सरकार के शासनकाल को देख लें. एनडीए सरकार बनने के बाद हमलोग आगे विकास कार्य करते रहेंगे. वहीं, आरजेडी लोकतांत्रिक व्यवस्था को भूल रहा है.