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सेनारी नरसंहार: हाईकोर्ट के फैसले से असंतुष्ट है बिहार सरकार, खटखटाएगी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा - Patna High Court

हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने किया फैसले का स्वागत

Senari massacre case
Senari massacre case
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Published : May 22, 2021, 10:18 PM IST

Updated : May 23, 2021, 6:50 AM IST

पटना: सेनारी नरसंहार के दोषियों को पटना हाईकोर्ट से बरी करने के बाद बिहार सरकार अब इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम में चुनौती देने की तैयारी कर रही है. वहीं सरकार के इस फैसले का बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार ने स्वागत योग्य बताया और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी है.

'मृतकों को न्याय प्रदान के लिए राज्य सरकार का यह कदम प्रशंसनीय है, आखिर सेनारी के मृतकों का कोई तो कातिल होगा. उन्हें न्याय दिलाना राज्य सरकार का कर्तव्य है': - नीरज कुमार, पूर्व मंत्री

  • माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar जी को बधाई
    सेनारी मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील का निर्णय स्वागतयोग्य
    सेनारी के मृतकों को न्याय मिलना चाहिए
    आखिर इनका कोई तो कातिल होगा@laluprasadrjd @RabriDeviRJD
    शासनकाल में एक के बाद एक नरसंहार होते रहे
    पर सरकार कान में तेल डालकर सोई रही।

    — Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) May 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
नीरज कुमार ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में यह साफ पता चला कि लालू-राबड़ी शासनकाल में पुलिसिया कार्रवाई कैसी होती थी. जानमाल की सुरक्षा का कोई प्रबंध तो था नहीं और न ही केस की विवेचना सही ढंग से की जाती थी. प्रत्यक्षदर्शियों से अभियुक्तों की शिनाख्त तक नहीं करवाई जाती थी. एक के बाद एक नरसंहार होते रहे पर तत्कालीन सरकार कान में तेल डालकर सोई रही.

सेनारी नरसंहार के सभी आरोपी बरी
पटना हाइकोर्ट ने सेनारी नरसंहार पर शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया था. कोर्ट ने इस नरसंहार के 13 दोषियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया. हाइकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया था और सभी दोषियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें: कहानी सेनारी हत्याकांड की, जब 6 लोग कतार बना गर्दनें रेत रहे थे

34 लोगों की गला रेतकर हत्या
18 मार्च, 1999 की रात जहानाबाद जिले के सेनारी गांव में एक खास अगड़ी जाति के 34 लोगों की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. उस समय इस नरसंहार में प्रतिबंधित संगठन माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) को शामिल माना गया था.

पटना: सेनारी नरसंहार के दोषियों को पटना हाईकोर्ट से बरी करने के बाद बिहार सरकार अब इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम में चुनौती देने की तैयारी कर रही है. वहीं सरकार के इस फैसले का बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार ने स्वागत योग्य बताया और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी है.

'मृतकों को न्याय प्रदान के लिए राज्य सरकार का यह कदम प्रशंसनीय है, आखिर सेनारी के मृतकों का कोई तो कातिल होगा. उन्हें न्याय दिलाना राज्य सरकार का कर्तव्य है': - नीरज कुमार, पूर्व मंत्री

  • माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar जी को बधाई
    सेनारी मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील का निर्णय स्वागतयोग्य
    सेनारी के मृतकों को न्याय मिलना चाहिए
    आखिर इनका कोई तो कातिल होगा@laluprasadrjd @RabriDeviRJD
    शासनकाल में एक के बाद एक नरसंहार होते रहे
    पर सरकार कान में तेल डालकर सोई रही।

    — Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) May 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
नीरज कुमार ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में यह साफ पता चला कि लालू-राबड़ी शासनकाल में पुलिसिया कार्रवाई कैसी होती थी. जानमाल की सुरक्षा का कोई प्रबंध तो था नहीं और न ही केस की विवेचना सही ढंग से की जाती थी. प्रत्यक्षदर्शियों से अभियुक्तों की शिनाख्त तक नहीं करवाई जाती थी. एक के बाद एक नरसंहार होते रहे पर तत्कालीन सरकार कान में तेल डालकर सोई रही.

सेनारी नरसंहार के सभी आरोपी बरी
पटना हाइकोर्ट ने सेनारी नरसंहार पर शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया था. कोर्ट ने इस नरसंहार के 13 दोषियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया. हाइकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया था और सभी दोषियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें: कहानी सेनारी हत्याकांड की, जब 6 लोग कतार बना गर्दनें रेत रहे थे

34 लोगों की गला रेतकर हत्या
18 मार्च, 1999 की रात जहानाबाद जिले के सेनारी गांव में एक खास अगड़ी जाति के 34 लोगों की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. उस समय इस नरसंहार में प्रतिबंधित संगठन माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) को शामिल माना गया था.

Last Updated : May 23, 2021, 6:50 AM IST
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