पटनाः बिहार की राजधानी पटना में जदयू की ओर से बापू सभागार में कर्पूरी जयंती समारोह (JDU Karpoori Jayanti Celebration in Patna ) का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और सभी मंत्री सांसद विधायक और अति पिछड़ा वर्ग से जुड़े हजारों की संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे थे. भीड़ को देखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले पार्टी कार्यालय में करते थे, लेकिन हम लोगों ने भीड़ को देखते हुए बापू सभागार में करने का फैसला लिया था, लेकिन आज बापू सभागार भी छोटा पड़ गया है.
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कर्पूरी जयंती में जुटी हजारों की भीड़ः मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया. जब से हम लोगों ने काम शुरू किया है. सभी के लिये काम किया है. नीतीश कुमार ने एक बार फिर से विशेष राज्य दर्जा की चर्चा की. उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता है तो बिहार कितना विकास करता है. वहीं पार्टी नेताओं ने कहा कि कर्पूरी जयंती सभी पार्टियों के लिए मनाना मजबूरी है जो पार्टी नहीं मनाएंगे. बिहार से बाहर हो जाएंगे. नकली और असली का पहचान करना जरूरी है और उनके आदर्श और उसूलों पर चलने वाली केवल एक पार्टी है जदयू और एक नेता है नीतीश कुमार .
भीड़ के कारण एक व्यक्ति हुआ बेहोशः बापू सभागार में भीड़ इतनी अधिक थी कि एक आदमी बेहोश भी हो गया इसके कारण कुछ देर के लिए अफरा-तफरी भी मच गई. बापू सभागार में जदयू की ओर से एक कर्पूरी जयंती समारोह आज भव्य तरीके से आयोजित किया गया. पिछले एक महीने से तैयारी चल रही थी ऐसे तो आयोजन अति पिछड़ा प्रकोष्ठ की ओर से हुआ लेकिन पार्टी ने पूरी ताकत लगाई थी और इसलिए पार्टी के सभी सांसद सभी विधायक कार्यक्रम में पहुंचे थे. पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और मंत्री तो शामिल थे. हालांकि उपेंद्र कुशवाहा को निमंत्रण नहीं दिया गया था. उनके अलावा पार्टी के सभी दिग्गज मौजूद थे.
बापू सभागार भी पड़ा गया छोटाः बापू सभागार में भीड़ इतनी थी कि पार्टी नेता इसे देखकर काफी गदगद दिखे नीतीश कुमार ने कहा भी कि पहले पार्टी कार्यालय में होता था तो काफी लोग बाहर ही रह जाते थे. तब हम लोगों ने फैसला लिया था कि 5000 क्षमता वाले बापू सभागार में आयोजन होगा. 2 साल तक कोरोना के कारण नहीं हुआ, लेकिन इस साल बापू सभागार में आयोजन हो रहा है, लेकिन बापू सभागार भी छोटा पड़ गया है तो कि बड़ी संख्या में लोग बाहर खड़े हैं. नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर की चर्चा करते हुए कहा कि सब को साथ लेकर चलते थे किसी के खिलाफ उन्होंने काम नहीं किया. उच्च वर्ग के खिलाफ भी उन्होंने कभी काम नहीं किया.
"पहले कार्यक्रम पार्टी कार्यालय में करते थे, लेकिन हम लोगों ने भीड़ को देखते हुए बापू सभागार में करने का फैसला लिया था, लेकिन आज बापू सभागार भी छोटा पड़ गया है. हम लोग भी सबको साथ लेकर चलते हैं लेकिन कुछ लोग हिंदू मुस्लिम करने में लगे रहते हैं. यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता तो कितना विकास होता" -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
सभी पार्टियों को कर्पूरी जयंती मनाना मजबूरीः पार्टी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कर्पूरी जयंती मनाना बिहार की सभी पार्टियों के लिए मजबूरी है, नहीं मनाएंगे तो बिहार से बाहर हो जाएंगे, लेकिन असली और नकली का पहचान करना जरूरी है और बिहार में कर्पूरी ठाकुर के उसूलों और आदर्शो पर चलने वाले कोई पार्टी और नेता है तो जदयू और नीतीश कुमार ही है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा कि कर्पूरी ठाकुर के संकल्पों को यदि कोई पूरा कर रहा है तो वह नीतीश कुमार है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा यदि अति पिछड़ा समुदाय सपोर्ट कर दे पूरी तरह से तो हमारे नेता को लाल किले पर झंडा फहराने से कोई रोक नहीं सकता है.
"कर्पूरी जयंती मनाना बिहार की सभी पार्टियों के लिए मजबूरी है, नहीं मनाएंगे तो बिहार से बाहर हो जाएंगे, लेकिन असली और नकली का पहचान करना जरूरी है और बिहार में कर्पूरी ठाकुर के उसूलों और आदर्शो पर चलने वाले कोई पार्टी और नेता है तो जदयू और नीतीश कुमार ही" - विजय कुमार, चौधरी जदयू मंत्री।
पिछड़ा वोट बैंक पर जदयू की रही है दावेदारी: जदयू की ओर से अति पिछड़ा वोट बैंक पर लंबे समय से दावेदारी होती रही है और नीतीश कुमार के साथ यह वोट बैंक 2005 से जुड़ा हुआ है. कर्पूरी जयंती इससे पहले जदयू की ओर से बहुत बड़े स्तर पर मनाई नहीं जाती थी, लेकिन इस बार बड़ा कार्यक्रम हुआ है. इसका मकसद 2024 और 2025 चुनाव है और अति पिछड़ा वर्ग को साधने की उसके लिए कोशिश है.