पटनाः बिहार में सत्ताधारी दल जदयू (JDU) में खेमेबाजी खत्म नहीं हो रही है. उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwah) के जदयू में शामिल होने के बाद से ही पार्टी में खेमेबाजी शुरू हो गई है. आरसीपी सिंह (RCP Singh) और उपेंद्र कुशवाहा के बीच दूरियां दिखने लगी हैं. इधर, आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद से ललन सिंह (Lalan Singh) का अपना गुट तैयार हो गया है.
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ललन सिंह के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद देखा जा रहा है कि पार्टी से आरसीपी सिंह के चहेतों को एक-एक कर साइडलाइन किया जा रहा है. आने वाले दिनों में अगर प्रदेश अध्यक्ष से लेकर अन्य अधिकारियों को भी बदल दिया गया तो आने वाले दिनों में अगर प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई अन्य नेताओं को भी साइडलाइन किया गया तो यह कोई नई बात नहीं रह जाएगी.
गौरतलब है कि जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद बुलाई गई पहली बैठक में ही ललन सिंह ने कई बड़े बदलाव कर दिए थे. आरसीपी सिंह के कई करीबियों का पत्ता साफ कर दिया था. बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार आरसीपी सिंह ने संगठन को धारदार बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए थे, उन फैसलों को भी अब धीरे-धीरे बदला जा रहा है.
जदयू मीडिया सेल के प्रभारी अमरजीत ने बीते दिनों इस्तीफा दे दिया. मुख्यालय प्रभारी अनिल कुमार को भी साइडलाइन किया जा चुका है. आरसीपी सिंह के नजदीकी चंदन कुमार को भी साइड लाइन किया गया है. पार्टी के अंदर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को लेकर भी कई तरह की चर्चा है.
उमेश कुशवाहा आरसीपी सिंह के खेमे के बताए जाते रहे हैं. चर्चा यह भी है कि यदि उमेश कुशवाहा को हटाया नहीं गया तो साइडलाइन करने के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. अगर यह सब होता भी है तो नीतीश कुमार की सहमति के बिना यह संभव नहीं है.
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हालांकि, पार्टी में इस तरह की गतिविधियों को जदयू के नेता और मंत्री संगठन की मजबूती के लिए उठाए जा रहे कदम बता रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने अनुभव के आधार पर संगठन को मजबूत बनाने की कोशिश में लगे हैं. वहीं, पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा ने भी इसे संगठन की बेहतरी बताया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर इस तरह के फैसले लिए जाते हैं. इसे दूसरा रूप देना गलत है.
जेडीयू के नेता इसपर खुलकर कुछ बोलें ये तो संभव नहीं है, लेकिन पार्टी का आलम ये है कि हर खेमा संगठन में अपनी पकड़ मजबूत करने की की जद्दोजहद में जुटा है. जहां मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह एक तरफ आरसीपी सिंह के चहेतों को साइडलाइन करने में लगे हैं, तो आरसीपी सिंह अपने लोगों को प्राइवेट सेक्रेट्री बनाकर पार्टी नेताओं को मैसेज देने की कोशिश में जुटे हैं.
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बीते दिनों पोस्टर विवाद में अभय कुशवाहा काफी चर्चा में रहे थे. उन्हें आरसीपी सिंह ने अपना प्राइवेट सेक्रेटरी बनाया है. संगठन में अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए आरसीपी सिंह इन दिनों पूरे बिहार का दौरा कर रहे हैं. वे लोगों और कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका धन्यवाद दे रहे हैं. खबर है कि आने वाले दिनों में जदयू के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी यात्रा पर निकल सकते हैं.