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मंत्री नीरज बबलू के बयान पर JDU का पलटवार, कहा-'दूसरे देशों से नहीं हो सकती भारत की तुलना' - Gulam Rasool Balyawi counterattack

वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू (Minister Niraj Bablu) के बयान पर जदयू (JDU) नेता गुलाम रसूल बलियावी ने पलटवार करते हुए कहा कि भारत की तुलना दूसरे देशों से नहीं हो सकती है.

पटना
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Published : Aug 28, 2021, 9:34 PM IST

पटना: जातिगत जनगणना (Caste Census) को लेकर जदयू (JDU) नेता फ्रंट फुट पर हैं. वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू (Minister Niraj Bablu) के बयान पर जदयू (JDU) ने प्रतिक्रिया दी है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि भारत की तुलना दूसरे देशों से नहीं हो सकती है.

ये भी पढ़ें- जनसंख्या नियंत्रण नहीं हुआ तो अफगानिस्तान बन जाएगा देश: नीरज कुमार बबलू

नीरज बबलू के बयान पर गुलाम रसूल बलियावी ने पलटवार करते हुए कहा कि ''भारत की तुलना दूसरे देशों से नहीं हो सकती है. हम अपने मुल्क से मोहब्बत करते हैं. जदयू नेता और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर हमारा स्टैंड साफ है. बिहार विधान मंडल से सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित किया गया है और तमाम नेता प्रधानमंत्री से मुलाकात भी कर चुके हैं. हम चाहते हैं कि हर हाल में जातिगत जनगणना हो.''

देखें रिपोर्ट

वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय (Minority Community) के पिछड़ों की जनगणना के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर जनगणना होगी तो अल्पसंख्यक भी शामिल किए जाएंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है.

ये भी पढ़ें- ये क्या बोल गए BJP विधायक- 'भारत भी बन जाएगा अफगानिस्तान तालिबान'

बता दें कि पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू में कहा था कि अगर जनसंख्या नियंत्रण नहीं हुआ तो हमारे देश में भी अफगानिस्तान जैसी स्थिति हो जाएगी. जातीय जनगणना से पहले इस राज्य में, देश में जनसंख्या विस्फोट हुआ है. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून देश में बनना चाहिए. उसके बाद जातीय जनगणना होता रहे. धरती जनसंख्या के लोड से दबी जा रही है. जनसंख्या का यही हाल रहा तो हमारे देश में भी तालिबानी ताकतें सर उठाएगी और यहां भी अफगानिस्तान जैसा हाल हो सकता है.

जातीय जनगणना की मांग देश में जोर शोर से उठ रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से इस मुद्दे पर मुलाकात भी की. इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित दस दलों के 11 नेता थे. इन लोगों का कहना है कि जातीय जनगणना से सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचेगा, उनका विकास होगा. कमजोर वर्ग की जातियों की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- दीपांकर भट्टाचार्य का तंज- 'BJP जनसंख्या नियंत्रण की हिमायती, लेकिन RSS चाहता है बढ़नी चाहिए हिंदुओं की आबादी'

वहीं, बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं दिख रही है. भाजपा नेता जनसंख्या नियंत्रण को अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं और इसके लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की वकालत कर रहे हैं.

पटना: जातिगत जनगणना (Caste Census) को लेकर जदयू (JDU) नेता फ्रंट फुट पर हैं. वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू (Minister Niraj Bablu) के बयान पर जदयू (JDU) ने प्रतिक्रिया दी है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि भारत की तुलना दूसरे देशों से नहीं हो सकती है.

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नीरज बबलू के बयान पर गुलाम रसूल बलियावी ने पलटवार करते हुए कहा कि ''भारत की तुलना दूसरे देशों से नहीं हो सकती है. हम अपने मुल्क से मोहब्बत करते हैं. जदयू नेता और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर हमारा स्टैंड साफ है. बिहार विधान मंडल से सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित किया गया है और तमाम नेता प्रधानमंत्री से मुलाकात भी कर चुके हैं. हम चाहते हैं कि हर हाल में जातिगत जनगणना हो.''

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वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय (Minority Community) के पिछड़ों की जनगणना के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर जनगणना होगी तो अल्पसंख्यक भी शामिल किए जाएंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है.

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बता दें कि पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू में कहा था कि अगर जनसंख्या नियंत्रण नहीं हुआ तो हमारे देश में भी अफगानिस्तान जैसी स्थिति हो जाएगी. जातीय जनगणना से पहले इस राज्य में, देश में जनसंख्या विस्फोट हुआ है. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून देश में बनना चाहिए. उसके बाद जातीय जनगणना होता रहे. धरती जनसंख्या के लोड से दबी जा रही है. जनसंख्या का यही हाल रहा तो हमारे देश में भी तालिबानी ताकतें सर उठाएगी और यहां भी अफगानिस्तान जैसा हाल हो सकता है.

जातीय जनगणना की मांग देश में जोर शोर से उठ रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से इस मुद्दे पर मुलाकात भी की. इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित दस दलों के 11 नेता थे. इन लोगों का कहना है कि जातीय जनगणना से सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचेगा, उनका विकास होगा. कमजोर वर्ग की जातियों की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी.

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वहीं, बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं दिख रही है. भाजपा नेता जनसंख्या नियंत्रण को अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं और इसके लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की वकालत कर रहे हैं.

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