पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. पहले सुधाकर सिंह और उसके बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान ने जेडीयू और आरजेडी के बीच विवाद (Chandreshkhar Tejashwi Bihar tweet) को बढ़ा दिया है. सोशल मीडिया पर भी महागठबंधन की लड़ाई खुलकर सामने आई है.
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जेडीयू ने चलाए ट्वीट बाण: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के ट्वीट ने एक बार फिर से महागठबंधन में खलबली मचा दी है. चंद्रेशखर ने ट्वीट करते हुए कहा था कि बुनियादी संसाधन उचित पाठन, शिक्षित बिहार, तेजस्वी बिहार ! इसपर जदयू ने करारा जवाब दिया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज ने मोर्चा खोलते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं.
बोले नीरज कुमार- 'मैंने अपनी बात तथ्यों के आधार पर रखी': बढ़ता बिहार नीतीश कुमार, ट्विटर की नहीं काम की सरकार, शिक्षित कुमार शिक्षित बिहार, जैसे ट्वीट नीरज कुमार ने किए हैं. उन्होंने शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सीधा जवाब दिया है. नीरज ने कहा कि अब इस ट्वीट का जिसको जो व्याख्या करना है कर सकता है, लेकिन मैंने अपनी बात तथ्यों के आधार पर ट्वीट के माध्यम से कही है.
'नालंदा के लाल तुमने कर दिया कमाल': शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के ट्वीट के जवाब में एक के बाद एक ट्वीट किए जाने पर नीरज ने कहा कि इसका कोई राजनीतिक निहितार्थ नहीं है. यह आम लोगों की भावना और जन जन का नारा है. 'बढ़ता बिहार नीतीश कुमार.. नालंदा के लाल तुमने कर दिया कमाल..'
"देश में व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी चल रहा है. ट्विटर यूनिवर्सिटी चल रहा है. हमारी ट्विटर की नहीं काम की सरकार है. शिक्षित कुमार शिक्षित बिहार। बिहार की नई पीढ़ी के लोग शिक्षित होंगे तभी ना बिहार आगे बढ़ेगा. मेरा निहितार्थ यही है अब इसका अलग-अलग निहितार्थ लोग निकाले उनका काम है."- नीरज कुमार, जेडीयू एमएलसी
जेडीयू और आरजेडी में रार!: नीरज कुमार कुमार ने अपने ट्वीट में 1996, 2005 और 2015-16 का शिक्षक छात्र अनुपात बताया है. 2005 में बिहार का शिक्षा का बजट क्या था और 2021-22 में क्या बजट है उसे भी ट्वीट के माध्यम से बताने की कोशिश की है. एक तरह से आरजेडी को आईना दिखाने की कोशिश नीरज ने ट्वीट के माध्यम से की है.
क्या बिहार में फिर होगा खेला?: कुल मिलाकर देखें तो बिहार में महागठबंधन के प्रमुख घटक दल आरजेडी और जदयू नेताओं की बयानबाजी ने असहज स्थिति पैदा कर दी है. नीतीश कुमार जब बीजेपी से अलग हुए थे तो बीजेपी नेताओं के बयानबाजी को बड़ा आधार बनाया गया था. अब एक बार फिर से आरजेडी नेताओं की बयानबाजी को आधार बनाया जा रहा है और जदयू की तरफ से खुलकर मोर्चा खोल दिया गया है.