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'9 साल में 58 प्लॉट कैसे खरीदे?'.. JDU ने RCP सिंह को भेजा नोटिस, लगाए गंभीर आरोप - JDU Asked clarification from RCP Singh

बिहार की राजनीति में इन दिनों सत्ताधारी जेडीयू के अंदर बड़ी गुटबाजी चल रही है. इस रस्साकशी में आरसीपी सिंह की परेशानी बढ़ती जा रही है. पार्टी के नालंदा जिले के कार्यकर्ताओं (JDU Workers Complaint Against RCP Singh) ने उन पर संपत्ति को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. अब देखना ये है पार्टी का उनके खिलाफ अगला कदम क्या होगा?

आरसीपी सिंह
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Published : Aug 6, 2022, 11:27 AM IST

Updated : Aug 6, 2022, 2:14 PM IST

पटनाः कभी जदयू के कद्दावर नेता माने जाने वाले आरसीपी सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब पार्टी की तरफ से उन पर गंभीर आरोप लगे हैं. पार्टी के दो कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU state president Umesh Kushwaha) को आवेदन देकर आरसीपी सिंह द्वारा बड़े पैमाने पर संपत्ति बनाने का आरोप लगाया गया है. कार्यकर्ताओं के आवेदन के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने 4 अगस्त को आरसीपी ( JDU Asked Clarification From RCP Singh) को पत्र भेजकर इसका जवाब मांगा है. यह खबर बाहर आने के बाद पार्टी के अंदर हड़कंप मच गया है.

ये भी पढ़ें- ललन के गढ़ में गूंजा नारा- 'बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो RCP सिंह जैसा हो'

जेडीयू ने आरसीपी सिंह से मांगा जवाबः जानकारी के अनुसार उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को पत्र में लिखा है कि नालंदा जिला जदयू के दो कार्यकर्ताओं का साक्ष्य के साथ परिवाद पत्र प्राप्त हुआ है. इसमें उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके द्वारा आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत संपत्ति निबंधित कराई गई है. इसमें कई प्रकार की अनियमितता दृष्टि गोचर होती है. आप लंबे समय तक दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी और राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं. आपको हमारे माननीय नेता ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव संगठन, राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र में मंत्री के रूप में भी कार्य करने का अवसर पूर्ण विश्वास एवं भरोसा के साथ दिया है. आप इस तथ्य से भी अवगत हैं कि माननीय नेता भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम कर रहे हैं और इतने लंबे समय सार्वजनिक जीवन के बावजूद उन पर कभी दाग नहीं लगा और ना ही उन्होंने कभी कोई संपत्ति बनाई. पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि इस परिवाद पर बिंदुवार अपनी स्पष्ट राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएंगे.

ये भी पढ़ेंः RCP के लिए लगे थे नारे, अब बोले ललन सिंह- CM के लिए वैकेंसी नहीं

पत्नी और बेटियों के नाम है संपत्तिः पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खरीदी गई ज्यादातर जमीन आरसीपी सिंह की पत्नी गिरजा सिंह और दोनों पुत्रियों लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर है. एक आरोप यह भी है कि आरसीपी सिंह ने 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया है. आरोप है कि 9 साल में 58 प्लॉट आरसीपी सिंह के परिवार ने खरीदा है, नालंदा जिले के दो प्रखंड अस्थमा और इस्लामपुर में 2013 से अब तक 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप है और इन सब का जवाब उमेश कुशवाहा ने पत्र के माध्यम से मांगा है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं. चर्चा यह भी है कि सब कुछ ललन सिंह के इशारे पर हो रहा है. पार्टी का कोई भी नेता इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहा है.


जेडीयू में आरसीपी और ललन गुट हावी?: बता दें कि आरसीपी सिंह राज्यसभा नहीं जा पाए, इसकी वजह भी ललन सिंह से मनमुटाव को माना जा रहा है. यही कारण है कि आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. ललन और आरसीपी सिंह का टकराव मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार के वक्त से ही दिखने लगा था. चर्चा थी कि ललन सिंह केंद्रीय मंत्री बनेंगे, लेकिन आरसीपी सिंह जेडीयू कोटे से मोदी कैबिनेट में शामिल हो गए. इसके बाद यूपी चुनाव बीजेपी से गठबंधन नहीं होने पर भी ललन सिंह ने इसका ठीकरा आरसीपी पर फोड़ा था. हालांकि इस गुटबाजी पर श्रवण कुमार ने संगठन को सर्वोपरि बताया है.

आरसीपी सिंह पर हो सकती बड़ी कार्रवाईः आरसीपी सिंह ने जब जनता दल यूनाइटेड की कमान संभाली थी तो उन्होंने 33 प्रकोष्ठों का गठन किया था. लेकिन जैसे ही ललन सिंह ने पार्टी की बागडोर अपने हाथ में ली. आरसीपी सिंह के ना सिर्फ पर कतरे बल्कि उनके द्वारा बनाए गए प्रकोष्ठों को भी भंग करना शुरू कर दिया. हाल ये रहा कि 12-13 प्रकोष्ठ ही अब रह गए हैं. इस बात पर आरसीपी सिंह ने नाराजगी जताते हुए नेतृत्व पर सवाल भी उठाए और कहा कि प्रकोष्ठों को 33 से 53 करना चाहिए था ना कि 12-13 पर पहुंचाना चाहिए था. ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से आरसीपी सिंह को पार्टी में हाशिये पर पहुंचाने के बाद अब पार्टी से निकालने की भी तैयारी शुरू हो गई है. उमेश कुशवाहा ने जिस प्रकार से पत्र लिखा है, उससे साफ है आने वाले दिनों में पार्टी कोई बड़ी कार्रवाई उन पर कर सकती है.

पटनाः कभी जदयू के कद्दावर नेता माने जाने वाले आरसीपी सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब पार्टी की तरफ से उन पर गंभीर आरोप लगे हैं. पार्टी के दो कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU state president Umesh Kushwaha) को आवेदन देकर आरसीपी सिंह द्वारा बड़े पैमाने पर संपत्ति बनाने का आरोप लगाया गया है. कार्यकर्ताओं के आवेदन के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने 4 अगस्त को आरसीपी ( JDU Asked Clarification From RCP Singh) को पत्र भेजकर इसका जवाब मांगा है. यह खबर बाहर आने के बाद पार्टी के अंदर हड़कंप मच गया है.

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जेडीयू ने आरसीपी सिंह से मांगा जवाबः जानकारी के अनुसार उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को पत्र में लिखा है कि नालंदा जिला जदयू के दो कार्यकर्ताओं का साक्ष्य के साथ परिवाद पत्र प्राप्त हुआ है. इसमें उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके द्वारा आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत संपत्ति निबंधित कराई गई है. इसमें कई प्रकार की अनियमितता दृष्टि गोचर होती है. आप लंबे समय तक दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी और राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं. आपको हमारे माननीय नेता ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव संगठन, राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र में मंत्री के रूप में भी कार्य करने का अवसर पूर्ण विश्वास एवं भरोसा के साथ दिया है. आप इस तथ्य से भी अवगत हैं कि माननीय नेता भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम कर रहे हैं और इतने लंबे समय सार्वजनिक जीवन के बावजूद उन पर कभी दाग नहीं लगा और ना ही उन्होंने कभी कोई संपत्ति बनाई. पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि इस परिवाद पर बिंदुवार अपनी स्पष्ट राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएंगे.

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पत्नी और बेटियों के नाम है संपत्तिः पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खरीदी गई ज्यादातर जमीन आरसीपी सिंह की पत्नी गिरजा सिंह और दोनों पुत्रियों लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर है. एक आरोप यह भी है कि आरसीपी सिंह ने 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया है. आरोप है कि 9 साल में 58 प्लॉट आरसीपी सिंह के परिवार ने खरीदा है, नालंदा जिले के दो प्रखंड अस्थमा और इस्लामपुर में 2013 से अब तक 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप है और इन सब का जवाब उमेश कुशवाहा ने पत्र के माध्यम से मांगा है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं. चर्चा यह भी है कि सब कुछ ललन सिंह के इशारे पर हो रहा है. पार्टी का कोई भी नेता इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहा है.


जेडीयू में आरसीपी और ललन गुट हावी?: बता दें कि आरसीपी सिंह राज्यसभा नहीं जा पाए, इसकी वजह भी ललन सिंह से मनमुटाव को माना जा रहा है. यही कारण है कि आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. ललन और आरसीपी सिंह का टकराव मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार के वक्त से ही दिखने लगा था. चर्चा थी कि ललन सिंह केंद्रीय मंत्री बनेंगे, लेकिन आरसीपी सिंह जेडीयू कोटे से मोदी कैबिनेट में शामिल हो गए. इसके बाद यूपी चुनाव बीजेपी से गठबंधन नहीं होने पर भी ललन सिंह ने इसका ठीकरा आरसीपी पर फोड़ा था. हालांकि इस गुटबाजी पर श्रवण कुमार ने संगठन को सर्वोपरि बताया है.

आरसीपी सिंह पर हो सकती बड़ी कार्रवाईः आरसीपी सिंह ने जब जनता दल यूनाइटेड की कमान संभाली थी तो उन्होंने 33 प्रकोष्ठों का गठन किया था. लेकिन जैसे ही ललन सिंह ने पार्टी की बागडोर अपने हाथ में ली. आरसीपी सिंह के ना सिर्फ पर कतरे बल्कि उनके द्वारा बनाए गए प्रकोष्ठों को भी भंग करना शुरू कर दिया. हाल ये रहा कि 12-13 प्रकोष्ठ ही अब रह गए हैं. इस बात पर आरसीपी सिंह ने नाराजगी जताते हुए नेतृत्व पर सवाल भी उठाए और कहा कि प्रकोष्ठों को 33 से 53 करना चाहिए था ना कि 12-13 पर पहुंचाना चाहिए था. ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से आरसीपी सिंह को पार्टी में हाशिये पर पहुंचाने के बाद अब पार्टी से निकालने की भी तैयारी शुरू हो गई है. उमेश कुशवाहा ने जिस प्रकार से पत्र लिखा है, उससे साफ है आने वाले दिनों में पार्टी कोई बड़ी कार्रवाई उन पर कर सकती है.

Last Updated : Aug 6, 2022, 2:14 PM IST
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