पटना: दिल्ली में रामविलास पासवान को आवंटित बंगला (Bungalow Allotted to Ram Vilas Paswan) खाली होने के बाद एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान (LJPR President Chirag Paswan) से विपक्षी दलों के नेताओं की नजदीकियां बढ़ गईं हैं. आरजेडी नेता श्याम रजक के बाद आज जाप सुप्रीमो पप्पू यादव (JAP Supremo Pappu Yadav) ने भी उनसे पटना में मुलाकात की है. दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत हुई. वहीं मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पप्पू ने कहा कि एलजेपी में टूट के बावजूद भी चिराग ने कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला. इसके बाद भी ऐसी कौन सी नौबत आ गई थी कि उनसे 12 जनपथ स्थित सरकारी आवास खाली करवाया गया. उन्होंने कहा कि बीजेपी भूल रही है कि आज भी चिराग के पास 4 से 6 फीसदी वोट है.
ये भी पढ़ें: 'बहुमूल्य सामान मां-बेटे पहले ही ले जा चुके थे, फोटो फेंककर की पॉलिटिकल माइलेज लेने की कोशिश'
'बीजेपी ने दलितों का किया अपमान': जन अधिकारी पार्टी के प्रमुख ने कहा कि हमारा रामविलास पासवान के साथ बाद पिता-पुत्र का रिश्ता था. चिराग पासवान ने पिता के देहांत के बाद पार्टी की बागडोर संभाली है. आज वह संघर्ष करने वाले नेता बन गए हैं. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान हर धर्म, हर वर्ग के लोगों को एक साथ लेकर चलने का काम करते थे. उन्होंने दलितों को हक दिलवाने का काम किया था. ऐसे में बीजेपी वालों ने जिस तरह से मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित स्वर्गीय रामविलास पासवान की तस्वीर और बाबा साहेब की तस्वीर को अपमानित करने का काम किया है. बीजेपी केवल दलितों का इस्तेमाल करने का काम करती है. वह गोडसे की विचारधारा पर चलने वाली पार्टी है. अगर चिराग चाह लें तो बीजेपी को उनकी औकात दिखा सकते हैं.
'चिराग के साथ खड़े रहेंगे': पप्पू यादव ने कहा कि हमलोग की सोच एक जैसी है. हमलोग आपस में भाई हैं और हमेशा रहेंगे. उन्होंने कहा कि रामविलास मेरे पिता समान थे. हमलोग ने काफी लंबे समय तक साथ राजनीति की. ऐसे में उनकी तस्वीरों को फेंकना, उनकी बेइज्जती करने जैसा है. चिराग की तारीफ करते हुए कहा कि वह मेरे लिए मेरे छोटे भाई जैसे हैं. वे जब भी मुसीबत में होंगे, हम उनके साथ खड़े रहेंगे. मुसीबत में उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकते हैं. गरीबों के लिए रामविलास पासवान से बड़ी पर्सनालिटी के नेता अब तक पूरे बिहार में नहीं हुए हैं, इसलिए बीजेपी को उनका सम्मान करना चाहिए, केवल मरणोपरांत पद्म भूषण देने से सम्मान नहीं हो जाता है.
'चिराग पासवान के पास 4-6% वोट': जाप प्रमुख ने कहा कि एक तरफ बीजेपी की सरकार रामविलास पासवान को मरणोपरांत पद्म भूषण देती है, वहीं दूसरी तरफ उनकी फोटो सड़को पर फेंकवा देती है. ऐसा कर बीजेपी ने उनके साथ गलत किया है. चिराग ने कभी भी बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ कुछ नहीं बोला फिर भी बीजेपी ने उन्हें धोखा दिया है. उन्होंने कहा कि शायद बीजेपी ये भूल रही है कि चिराग के पास 4 से 6% वोट है. अगर चिराग चाह लें तो बीजेपी को उनकी औकात दिखा सकते हैं.
'पिता की तस्वीरों को रास्ते पर फेंका': आपको बता दें कि चिराग पासवान ने कहा था कि मुझे बंगले में रहना होता तो संघर्ष का रास्ता नहीं चुनता. मुझे बंगला तो खाली करना ही था लेकिन केंद्र सरकार ने घर खाली कराने का जो तरीका अपनाया वो गलत है. मेरे पिता रामविलास पासवान की तस्वीरों को रास्ते पर फेंक दिया गया, जो दुखद है. उन्होंने कहा- 'मेरे चाचा खुद को मेरे पिता रामविलास पासवान जी का उत्तराधिकारी कहते हैं लेकिन जिस तरह से मेरे पिता की फोटो को बंगले से फेंका गया और पैरों के नीचे कुचल दिया गया, उस पर वह चुप रहे.'
32 साल तक रहा पासवान परिवार: रामविलास पासवान और उनका परिवार 12 जनपथ में लगातार 32 वर्ष तक रहे थे. उनके निधन के एक साल से अधिक वक्त के बाद सरकार ने आखिर खाली करा लिया है. चिराग पासवान को यह बंगला पसंद था और वे चाहते थे कि इसे उनके पिता के नाम पर स्मारक बना दिया जाए. उन्होंने बंगले में अपने पिता की एक प्रतिमा भी लगवा दी थी. रामविलास पासवान पहली बार 1977 में बिहार के हाजीपुर से जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा के लिए चुने गए थे. अक्टूबर 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद पिछले साल अगस्त में केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को बंगला आवंटित किया गया था. वहीं, चिराग पासवान को पहले ही सांसदों के लिए आरक्षित फ्लैट आवंटित किया जा चुका है.
ये भी पढ़ें: दो बंगलों से बेदखल मोदी के 'हनुमान' के तल्ख तेवर, वैकल्पिक राजनीति की राह पर चिराग
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP