पटना: देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर हर्षोल्लास का माहौल है. वहीं राजधानी पटना के धनरूआ प्रखंड के विजयपुर गांव स्थित कन्हैया स्थान में जन्माष्टमी को लेकर उल्लास है. यहां जन्माष्टमी पर दूर-दूर से लोग इस मंदिर पर अपनी आस्था और मन्नतें मांगने के लिए आते हैं. बताया जाता है कि विजयपुर पंचायत स्थित कन्हैया स्थान में आज भी भगवान श्री कृष्ण की बांसुरी की सुरीली आवाज लोगों को सुनाई पड़ती है.
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जन्माष्टमी को लेकर धनरूआ में उत्साह: ग्रामीण संतोष कुमार सिंह ने बताया कि हमारे पूर्वज बताते हैं कि विजयपुरा गांव में भगवान श्री कृष्णा जब पांडवों के साथ जरासंघ पर विजय पाकर लौट रहे थे. ऐसी मान्यता है कि उस समय भगवान श्री कृष्ण यहां रात्रि विश्राम किए थे. इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण जब रुक्मणीहरण कर लौट रहे थे तो यहीं पर उनका ठहराव हुआ था. कहानी यह भी है कि इसी गांव के बंगाली दास जब भगवान श्री कृष्ण से मिलने के लिए वृंदावन जा रहे थे तो भगवान ने बीच रास्ते में ही उन्हें कुष्ठ रोगी के रूप में मिलकर दर्शन दिए थे. पहले तो श्री कृष्ण ने उनकी परीक्षा ली थी, जिसके बाद उन्होंने दर्शन दिए थे.
53 दिनों तक रासलीला का होता है उत्सव: बताया जाता है कि जब बगाली दास वृंदावन से मिट्टी लाकर यहां पर पिंडी बनाकर उन्होंने पूजा अर्चना शुरू की. तब से लेकर आज तक यहां पर रासलीला का भव्य कार्यक्रम किया जाता है. ग्रामीणों की माने तो रासलीला कब से शुरू हो रही है. आज तक किसी को नहीं पता है. तकरीबन सैकड़ों सालों से यहां पर रासलीला का कार्यक्रम किया जाता रहा है. यहां तक की पूरे भारत में तीन जगह पर ही सबसे ज्यादा दिनों तक रासलीला का आयोजन होता है. जिसमें बिहार के पटना के धनरूआ प्रखंड का यह विजयपुरा गांव है. जहां पर 53 दिनों तक रासलीला का कार्यक्रम किया जाता है.