पटना: राजधानी के बेउर जेल से कई बार फोन कॉल से लोगों से भारी रकम मांगने और अन्य अपराधिक गतिविधियों का मामला सामने आया है. बेउर जेल में बंद ऐसे अपराधियों पर नकेल कसने के लिए बेउर जेल प्रशासन ने पिछले महीने देव जेल परिसर में जैमर का टेस्ट किया था. हालांकि यह टेस्ट पूरी तरह से सफल नहीं रहा था. उसके बाद जेल प्रशासन ने किसी दूसरी निजी कंपनी से जैमर लगावाने का फैसला लिया था.
'अगले वर्ष किया जाएगा जैमरयुक्त'
बेउर जेल में बंद अपराधियों को बाहरी दुनिया से संपर्क ना हो सके, इसको लेकर बेउर जेल प्रशासन ने पिछले महीने जेल परिसर में निजी कंपनी से जैमर का टेस्ट करवाया था. तकनीकी कारणों से ये टेस्ट पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया. जेल प्रशासन ने इस बाबत पत्र जारी करते हुए 2020 के प्रथम माह तक बेउर जेल को जैमरयुक्त करने का आदेश जारी किया है.
अपराधियों पर नकेल की कोशिश
जेल प्रशासन के तरफ से बेउर जेल में बंद अपराधियों पर नकेल कसने की कोशिश की जा रही है. लेकिन जेल प्रशासन के किए गए सारे दावे अभी तक खोखले ही साबित हुए हैं. हर वर्ष जेल प्रशासन बेउर जेल को पूरी तरह से जैमरयुक्त करने की बातें तो करता है, लेकिन पूरी तरह से जैमरयुक्त करने में सफल नहीं हो पाया है.