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विधान परिषद में उठा पारस अस्पताल की लापरवाही का मुद्दा, जांच के लिए 5 सदस्यीय कमिटी का गठन - जदयू विधान पार्षद संजय सिंह

बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने पारस अस्पताल (Paras Hospital) की लापरवाही का मुद्दा उठाया. जिसके बाद सभापति ने इसकी जांच को लेकर पांच सदस्यीय जांच कमिटी बनाई है.

पटना
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Published : Jul 27, 2021, 9:55 PM IST

पटना: बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में पारस अस्पताल (Paras Hospital) की लापरवाही (Negligence) का मामला उठाया गया. शून्य काल में विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह (MLC Sanjiv Kumar Singh) ने मामला उठाया कि एक लड़के की मौत अस्पताल में लापरवाही के कारण हो गई थी और मृतक के परिजन से पैसा भी लिया गया है.

ये भी पढ़ें- पटना के पारस अस्पताल के खिलाफ बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने दिए जांच के आदेश

सदन में मामला उठाए जाने के बाद इसकी जांच को लेकर सभापति ने एक जांच कमिटी बनाई है. जदयू विधान पार्षद संजय सिंह ने इस मामले की जानकारी दी और कहा कि पारस अस्पताल मरीजों को लेकर भारी लापरवाही करता है और मरीजों से अवैध रूप से पैसा भी वसूल करता है. कई ऐसे मामले भी आये हैं, जिसमें मृतक मरीजों को वेंटिलेटर पर रखकर पैसा वसूला जाता है, उन्होंने कहा कि मैं भी इसका भुक्तभोगी हूं.

संजय सिंह, विधान पार्षद, जदयू

''सभापति महोदय ने इस मामले की जांच के लिए कमिटी बनाई है, जो इस मामले की जांच करेगी. अगर पारस अस्पताल प्रबंधन दोषी पाया जाएगा, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.''- संजय सिंह, विधान पार्षद, जदयू

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: कोरोना रिपोर्ट के लिए भटकाते रहे डॉक्टर, इलाज नहीं मिलने से बच्ची ने तोड़ा दम

पहली बार सदन में पटना के बड़े अस्पताल पर ये आरोप लगाया गया है. सभापति ने इसकी जांच को लेकर कमिटी का भी गठन करने की घोषणा की है. निश्चित तौर पर जिस तरह का सवाल पारस अस्पताल पर सदन में उठाया गया है, उससे लगता है कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर काफी हद तक लगाम लग सकेगी.

बता दें कि पटना का पारस अस्पताल हमेशा विवादों में घिरा रहता है. अस्पताल पर लापरवाही और मरीजों के परिजनों से अवैध तरीके से पैसों की वसूली के आरोप लगते रहते हैं. कोरोनाकाल में ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब मुजफ्फरपुर जिले के पियूष विश्वकर्मा कोविड पॉजिटिव पाए गए थे. जिसके बाद पियूष को इलाज के लिए पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान 7 मई को उनका निधन हो गया था.

ये भी पढ़ें- बिहार में हद से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर? गर्दनीबाग अस्पताल के कूड़े में फेंका पड़ा है ब्रांड न्यू 36 सिलेंडर

जिसके बाद परिजनों ने पटना के पारस अस्पताल के खिलाफ किडनी निकालने और हत्या का आरोप लगाया था. बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में दखल देते हुए पारस अस्पताल के खिलाफ जांच के आदेश भी दिए थे.

पटना: बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में पारस अस्पताल (Paras Hospital) की लापरवाही (Negligence) का मामला उठाया गया. शून्य काल में विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह (MLC Sanjiv Kumar Singh) ने मामला उठाया कि एक लड़के की मौत अस्पताल में लापरवाही के कारण हो गई थी और मृतक के परिजन से पैसा भी लिया गया है.

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सदन में मामला उठाए जाने के बाद इसकी जांच को लेकर सभापति ने एक जांच कमिटी बनाई है. जदयू विधान पार्षद संजय सिंह ने इस मामले की जानकारी दी और कहा कि पारस अस्पताल मरीजों को लेकर भारी लापरवाही करता है और मरीजों से अवैध रूप से पैसा भी वसूल करता है. कई ऐसे मामले भी आये हैं, जिसमें मृतक मरीजों को वेंटिलेटर पर रखकर पैसा वसूला जाता है, उन्होंने कहा कि मैं भी इसका भुक्तभोगी हूं.

संजय सिंह, विधान पार्षद, जदयू

''सभापति महोदय ने इस मामले की जांच के लिए कमिटी बनाई है, जो इस मामले की जांच करेगी. अगर पारस अस्पताल प्रबंधन दोषी पाया जाएगा, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.''- संजय सिंह, विधान पार्षद, जदयू

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पहली बार सदन में पटना के बड़े अस्पताल पर ये आरोप लगाया गया है. सभापति ने इसकी जांच को लेकर कमिटी का भी गठन करने की घोषणा की है. निश्चित तौर पर जिस तरह का सवाल पारस अस्पताल पर सदन में उठाया गया है, उससे लगता है कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर काफी हद तक लगाम लग सकेगी.

बता दें कि पटना का पारस अस्पताल हमेशा विवादों में घिरा रहता है. अस्पताल पर लापरवाही और मरीजों के परिजनों से अवैध तरीके से पैसों की वसूली के आरोप लगते रहते हैं. कोरोनाकाल में ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब मुजफ्फरपुर जिले के पियूष विश्वकर्मा कोविड पॉजिटिव पाए गए थे. जिसके बाद पियूष को इलाज के लिए पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान 7 मई को उनका निधन हो गया था.

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जिसके बाद परिजनों ने पटना के पारस अस्पताल के खिलाफ किडनी निकालने और हत्या का आरोप लगाया था. बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में दखल देते हुए पारस अस्पताल के खिलाफ जांच के आदेश भी दिए थे.

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