पटनाः बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ. पहले दिन ही सत्र में हंगामे का दौर जारी रहा. कभी जातीय जनगणना तो शिक्षक बहाली को लेकर विपक्ष सरकार को घेरते नजर आए. सोमवार को सत्र शुरू होने से पहले ही श्रद्धांजलि सभा के दौरान हंगामा शुरू हो गया. वामदल के नेता ने इजराइल फिलिस्तीन में युद्द में मारे गए लोगों के लिए श्रद्धांजलि सभा की मांग की तो भाजपा और जदयू विरोध करने लगे.
अपने ही दल से भिड़े नेताः वामदल के नेताओं के इस मांग पर भाजपा और जदयू ने जमकर विरोध किया. इस दौरान जदयू ने वामदल को आतंकी तो भाजपा ने गाजा भेजने की बात कही. दूसरी ओर राजद ने वादमल के इस मांग का समर्थन किया. जिस तरह से जदयू ने अपने ही वाम दल के नेता का विरोध, इससे साफ है कि वामदल से काफी नाराजगी है.
दरअसल, शीतकालीन सत्र से पहले श्रद्धांजलि देने की परंपरा है. दिवंगत आत्मा की शांति के लिए जैसे ही विधायक सदन में खड़े हुए भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि देने की मांग की. इसीपर हंगामा शुरू हो गया. हालांकि महबूब आलम ने मीडिया को दिए बयान में सफाई दी. उन्होंने कहा कि उन्होंने हमास नहीं बल्कि फिलिस्तीन के लोगों के लिए ऐसा कहा था.
"मैंने विधानसभा के अंदर जो बातें की उसमें हमास के बारे में कोई बात नहीं थी. बीजेपी को हमास का भूत परेशान कर रहा है. मैंने कहा फिलिस्तीन में मारे गए बच्चे, बुढ़े, महिलाओं के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करना चाहिए. जदयू गलत आरोप लगा रही है. सीएम से बात हुई है, ऐसा कुछ नहीं है. अगर मेरे पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग कर रहे हैं तो भारत सरकार से पूछिए कि हमास को लेकर क्या राय है?" -महबूब आलम, भाकपा माले विधायक दल के नेता
'वाम दल आतंकी का समर्थक': महबूब आलम के इस मांग पर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार बबलू ने जमकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि आतंकी का समर्थन करने वाला आतंकी ही हो सकता है. उन्होंने मांग की है कि ऐसे नेता पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होनी चाहिए. नीरज बबलू ने कहा कि विधानसभा में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी आंतकी का समर्थन किया गया है.
"पूरी दुनिया जानती है कि हमास एक आतंकी संगठन है. अलकायदा हो या और आतंकी संगठन सब उसके स्पोर्ट में खड़ा है. बिहार विधानसभा में पहली बार हुआ है कि सत्ता पक्ष के लोग आतंकी संगठन के समर्थन में खड़ा हुए हैं. मेरा कहना है कि बिहार विधानसभा से हमला हो रहा है क्या? आतंकी के स्पोर्ट में खड़ा होने वाला कोई आतंकी ही हो सकता है." -नीरज कुमार बबलू, भाजपा नेता
जदयू ने महबूब आलम को गाजा भेजने की बात कही: इस दौरान जदयू की ओर से भी वामदल के इस बयान का विरोध जताया गया. जदयू विधायक संजीव सिंह ने तो यहां तक कहां कि ऐसे नेता को गाजा चले जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए फ्लाइट का खर्चा देने के लिए तैयार हूं. महबूब आलम गांजा चले जाएं. विधायक ने कहा कि इतनी बहियात मंशा किसी आतंकी का ही हो सकता है. उन्होंने देशद्रोह का मुदकमा चलाने की मांग की है.
"अच्छा रहता इनको गाजा पट्टी भेज दिया जाए. वहीं शोकसभा मनाएंगे. जो खर्च होगा हम देंगे. इनका इतनी बहियात मंशा है कि आतंकी संगठन का पक्ष ले रहे हैं. ये चाहते हैं कि वैसा ही आतंकी भारत में आएं, लेकिन बिहार और भारत सरकार इसकी इजाजत नहीं देती है. जो आतंकी का समर्थन करते हैं, इनपर तो राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए." -संजीव सिंह, जदयू विधायक
राजद ने मांग को ठहराया जायजः हालांकि इसी बीच राजद की ओर से वामदल के नेता महबूब आलम का समर्थन किया गया. राजद विधायक निहाल उद्दीन में इनकी मांग को जायज ठहराया. इस दौरान मीडिया ने जब जदयू नेता के द्वारा देशद्रोह की मुकदमा को लेकर पूछा गया तो राजद विधायक मीडिया पर ही भड़क गए. उन्होंने कहा कि आपलोग को कोई काम नहीं मिलता है. जदयू नाराज है या क्या हैस उससे जाकर पूछिए.
"फिलिस्तीन और मनिपुर में मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया जाना चाहिए, यह बिल्कुल सही है. जदयू नाराज है या क्या है, उनसे पूछिए. उनकी बात हमसे क्यों पूछ रहे हैं. आपलोग को कोई मुद्दा नहीं मिलता है, बस एक ही मुद्दा मिलता है. हम किसी को आतंकी नहीं मानते हैं." -निहाल उद्दीन, राजद विधायक