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पुलिसकर्मियों की मौत की ही गुत्थी नहीं सुलझा पा रहा विभाग, ऐसे में आम लोगों के मामले तो भगवान भरोसे

बीते कुछ समय के दौरान केवल पटना में ही चार पुलिसकर्मी सड़क हादसे का शिकार हुए हैं. इन सभी मामलों में पुलिस की जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

पटना पुलिस
पटना पुलिस
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Published : Oct 9, 2021, 10:34 AM IST

पटनाः बिहार में सड़क दुर्घटना (Road Accident) में आए दिन लोगों की जानें जाती रहती है. रोड एक्सीडेंट का शिकार होने वाले सिर्फ आम लोग ही नहीं होते, बल्कि इसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हैं. ईटीवी भारत द्वारा जुटाए गए आंकड़ों की बात करें तो बीते कुछ समय के दौरान केवल पटना में 4 पुलिसकर्मी हादसे का शिकार हो गए, लेकिन इनमें से किसी भी मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई है.

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23 जुलाई को पटना के गर्दनीबाग इलाके में महिला दारोगा अर्चना कुमारी हादसे का शिकार हो गई थी. वहीं, 6 सितंबर को ट्रैफिक पुलिस की महिला कांस्टेबल प्रियंका कुमारी को एक बेलगाम चारपहिया वाहन ने रौंद दिया था. इस हादसे में इलाज के दौरान प्रियंका की मौत हो गई थी.

कांस्टेबल प्रियंका मौत मामले में जांच तो जारी है, लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. आरोपी स्कॉर्पियो चालक की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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तारीख 5 अक्टूबर, एएसआई अवध किशोर सिंह ड्यूटी पर तैनात थे, तभी बेलगाम स्कॉर्पियों ने उन्हें जबरदस्त टक्कर मार दी. इस मामले में भी जांच जारी है, लेकिन आरोपी चालक तक को पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई है.

अक्टूबर महीन में ही एक और महिला कांस्टेबल सड़क हादसे का शिकार हो गई. कांस्टेबल नेहा को भी चार पहिया वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिसमें उनकी मौत हो गई थी. पटना ट्रैफिक थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने नेहा भारती को टक्कर मारने वाले चालक को ट्रेस कर लिया है. लेकिन आपको बता दें कि इन सभी हादसों के आरोपी अब भी फरार हैं.

इसे भी पढे़ं- जानलेवा ओवर स्पीडिंग: लॉकडाउन के दौरान भी बिहार में सड़क हादसों में गई 11,000 से ज्यादा लोगों की जान

ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब सड़क हादसों का शिकार बन रहे पुलिसकर्मियों के मामलों की जांच पूरी नहीं हो पा रही है तो आम आदमी का क्या होगा? क्योंकि छोटे-बड़े हादसे तो बिहार में लगभग हर रोज हो रहे हैं. 12 जून को खगौल में टैंकर और कार की टक्कर को याद कीजिए. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और टैंकर चालक मौके से फरार हो गया था, जो अभी भी फरार ही है.

सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो साल 2021 में जनवरी से अगस्त महीने तक 38 लोग इसका शिकार बन चुके हैं. पटना जिले में सड़क दुर्घटनाओं में 2020 जनवरी से लेकर फरवरी 2021 तक 210 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, 243 लोग सड़क दुर्घटना में घायल हुए हैं.

इसे भी पढ़ें- सड़क दुर्घटना और प्रदूषण को कम करना प्राथमिकता , ईटीवी भारत से बोलीं नई परिवहन मंत्री

पटना के कंकड़बाग का मेन रोड, आयकर गोलंबर, कारगिल चौक, अनिसाबाद गोलंबर, न्यू बाईपास मोड़, दीघा, सगुना मोड़, चितकोहरा मोड़, राजा बाजार ओवरब्रिज, अटल पथ, बेउर मोड़, गायघाट मोड़, एनआईटी मोड़ और त्रिपोलिया मोड़ काफी संवेदनशील इलाके हैं, जहां अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.

नोटः सड़क दुर्घटना से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना देने के लिए स्थानीय और नजदीकी थाना से संपर्क करें. घायल को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएं.

पटनाः बिहार में सड़क दुर्घटना (Road Accident) में आए दिन लोगों की जानें जाती रहती है. रोड एक्सीडेंट का शिकार होने वाले सिर्फ आम लोग ही नहीं होते, बल्कि इसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हैं. ईटीवी भारत द्वारा जुटाए गए आंकड़ों की बात करें तो बीते कुछ समय के दौरान केवल पटना में 4 पुलिसकर्मी हादसे का शिकार हो गए, लेकिन इनमें से किसी भी मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई है.

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23 जुलाई को पटना के गर्दनीबाग इलाके में महिला दारोगा अर्चना कुमारी हादसे का शिकार हो गई थी. वहीं, 6 सितंबर को ट्रैफिक पुलिस की महिला कांस्टेबल प्रियंका कुमारी को एक बेलगाम चारपहिया वाहन ने रौंद दिया था. इस हादसे में इलाज के दौरान प्रियंका की मौत हो गई थी.

कांस्टेबल प्रियंका मौत मामले में जांच तो जारी है, लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. आरोपी स्कॉर्पियो चालक की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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तारीख 5 अक्टूबर, एएसआई अवध किशोर सिंह ड्यूटी पर तैनात थे, तभी बेलगाम स्कॉर्पियों ने उन्हें जबरदस्त टक्कर मार दी. इस मामले में भी जांच जारी है, लेकिन आरोपी चालक तक को पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई है.

अक्टूबर महीन में ही एक और महिला कांस्टेबल सड़क हादसे का शिकार हो गई. कांस्टेबल नेहा को भी चार पहिया वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिसमें उनकी मौत हो गई थी. पटना ट्रैफिक थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने नेहा भारती को टक्कर मारने वाले चालक को ट्रेस कर लिया है. लेकिन आपको बता दें कि इन सभी हादसों के आरोपी अब भी फरार हैं.

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ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब सड़क हादसों का शिकार बन रहे पुलिसकर्मियों के मामलों की जांच पूरी नहीं हो पा रही है तो आम आदमी का क्या होगा? क्योंकि छोटे-बड़े हादसे तो बिहार में लगभग हर रोज हो रहे हैं. 12 जून को खगौल में टैंकर और कार की टक्कर को याद कीजिए. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और टैंकर चालक मौके से फरार हो गया था, जो अभी भी फरार ही है.

सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो साल 2021 में जनवरी से अगस्त महीने तक 38 लोग इसका शिकार बन चुके हैं. पटना जिले में सड़क दुर्घटनाओं में 2020 जनवरी से लेकर फरवरी 2021 तक 210 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, 243 लोग सड़क दुर्घटना में घायल हुए हैं.

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पटना के कंकड़बाग का मेन रोड, आयकर गोलंबर, कारगिल चौक, अनिसाबाद गोलंबर, न्यू बाईपास मोड़, दीघा, सगुना मोड़, चितकोहरा मोड़, राजा बाजार ओवरब्रिज, अटल पथ, बेउर मोड़, गायघाट मोड़, एनआईटी मोड़ और त्रिपोलिया मोड़ काफी संवेदनशील इलाके हैं, जहां अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.

नोटः सड़क दुर्घटना से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना देने के लिए स्थानीय और नजदीकी थाना से संपर्क करें. घायल को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएं.

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