पटना: राजधानी पटना में शिक्षा विभाग की ओर से जिलाधिकारी पटना चन्द्रशेखर सिंह के निर्देश पर बुधवार को विभिन्न प्रखण्डों में स्थित 487 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया. अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये 10 शिक्षकों का बुधवार का वेतन अगले आदेश तक अवरुद्ध रखने का निर्देश दिया गया है. डीएम ने कहा कि सरकार के निर्देश के आलोक में तैयार कैलेण्डर के अनुसार प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है. इसके पूर्व 4 जुलाई को विभिन्न प्रखण्डों में स्थित 938 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया था.
10 शिक्षकों पर गुरी गाज: अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये 10 शिक्षकों के निरीक्षण तिथि का वेतन अगले आदेश तक अवरुद्ध रखने का निर्देश दिया गया है. 3 जुलाई को 832 विद्यालयों की जांच की गयी थी. अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये 21 शिक्षकों का निरीक्षण तिथि का वेतन अगले आदेश तक अवरुद्ध रखने का निर्देश दिया गया था. जबकि 1 जुलाई, 2023 को 371 विद्यालयों की जांच की गयी थी और अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये 46 शिक्षकों का निरीक्षण तिथि का वेतन अगले आदेश तक अवरुद्ध रखने का निर्देश दिया गया था.
"विभिन्न प्रखण्डों में स्थित 487 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया. अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये 10 शिक्षकों का बुधवार का वेतन अगले आदेश तक अवरुद्ध रखने का निर्देश दिया गया है. इससे पहले 4 जुलाई को विभिन्न प्रखण्डों में स्थित 938 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया था."-चन्द्रशेखर सिंह, डीएम, पटना
विद्यालयों का सप्ताह में दो बार निरीक्षण: गौरतलब हो कि जिले में कुल 3,486 विद्यालय हैं जिसमें 1973 प्राइमरी, 1091 मिडल/अपर प्राइमरी तथा 422 सेकेंडरी/हायर सेकेंडरी विद्यालय है. डीएम ने कहा कि कैलेण्डर इस प्रकार तैयार किया गया है कि सभी विद्यालय का सप्ताह में कम-से-कम दो बार अवश्य निरीक्षण हो. रोस्टर के अनुसार शिक्षा विभाग के जिला में पदस्थापित पदाधिकारियों के साथ-साथ जिला में पदस्थापित अन्य विभागों के पदाधिकारियों को निरीक्षण का दायित्व दिया गया है. निरीक्षी पदाधिकारियों को मॉडल निरीक्षण प्रपत्र उपलब्ध कराया गया है.
इन सभी की होगी जांच: निरीक्षी पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे जांच के दौरान विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों की संख्या, उपस्थित शिक्षकों की संख्या, स्वीकृत/सूचित अवकाश में रहने वाले शिक्षकों की संख्या देखी गई. असूचित/अनधिकृत अवकाश में रहने वाले शिक्षकों का नाम, विद्यालय में नामांकित कुल विद्यार्थियों की संख्या की जांच की गई. विद्यालय में उपस्थित कुल विद्यार्थियों की संख्या, 50 प्रतिशत या उससे कम, 50-75 प्रतिशत तक तथा 75 प्रतिशत से अधिक छात्र की उपस्थिति अवश्य देख कर प्रतिवेदित करेंगे. वे यह भी देखेंगे कि निर्धारित समय तक शिक्षक और विद्यार्थी वास्तविक रूप से विद्यालय में हैं या नहीं तथा पढ़ाई हो रही है या नहीं.
जिलाधिकारी ने दिए ये निर्देश: गौरतलब है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय का समय ग्रीष्मावकाश के पश्चात् सुबह 09.00 बजे से 03.00 बजे तक है. माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय का समय सुबह 09.30 बजे से 04.00 बजे तक है. इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया है कि निरीक्षी पदाधिकारी कभी सुबह 09.00 बजे/09.30 बजे के आस-पास और कभी दोपहर (02.00 बजे से 03.00 बजे के बीच) में भी उस विद्यालय में अपने रोस्टर के अनुसार जाएं. यह देंखे कि 03.00 बजे/04.00 बजे तक शिक्षक और विद्यार्थी वास्तविक रूप से विद्यालय में रह रहें हैं या नहीं एवं पढ़ाई हो रही है या नहीं.
मॉडल प्रपत्र में शिक्षकों का हस्ताक्षर अनिवार्य: डीएम ने निरीक्षण के दौरान यह भी जांच करने का निर्देश दिया है कि विद्यालय प्रबंध समिति एवं विद्यालय शिक्षा समिति की अंतिम बैठक कब हुई थी. प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में मध्याह्न भोजन दोपहर को तय समय पर ही परोसा जा रहा है या नहीं. निरीक्षी पदाधिकारी प्रत्येक कक्ष में अवश्य जाएंगे तथा साफ-सफाई की स्थिति देखेंगे. विद्यालय में शौचालय की सुविधा है या नहीं. शौचालय होने की स्थिति में शौचालय साफ एवं क्रियाशील है अथवा नहीं. विद्यालय में पेयजल की कैसी सुविधा है. आवश्यकतानुसार छात्रों एवं अभिभावकों से फीडबैक भी लेंगे. मॉडल प्रपत्र में सभी मौजूद शिक्षकों का हस्ताक्षर भी अनिवार्य है.
क्षेत्राधीन विद्यालयों का औचक निरीक्षण: औचक निरीक्षण के लिए सेक्टोरल पदाधिकारी के रूप में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी/अंचलाधिकारी/राजस्व पदाधिकारी/बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी को नामित किया गया है. इनके द्वारा भी क्षेत्राधीन विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाएगा. डीएम ने कहा कि संबंधित अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत विद्यालयों के निरीक्षण का सतत अनुश्रवण किया जा रहा है. निरीक्षी पदाधिकारियों को मॉडल प्रपत्र में प्रतिवेदन प्रतिदिन शाम में प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी को समर्पित करने का निदेश दिया गया है.