पटना: महावीर आरोग्य संस्थान में रोटरी पाटलिपुत्र के सहयोग से 3 और डायलिसिस मशीन लगाया गया. मौके पर न्यास समिति के सचिव आचार्य कुणाल किशोर ने कहा कि महावीर आरोग्य केंद्र में पहले से ही चार डायलिसिस मशीनें लगी हुई हैं. शुक्रवार को तीन और अत्याधुनिक मशीनों के संचालन शुरू होने के बाद केंद्र में अब 7 मशीनें हो गई हैं.
'गरीब मरीजों के लिए वरदान है संस्थान'
मौके पर ईटीवी भारत टीम से बात करते हुए आचार्य कुणाल किशोर ने कहा कि 'महावीर आरोग्य संस्थान गरीब मरीजों के लिए शुरू से ही कार्य करती है. यहां पर काफी सस्ते दरों में जरूरतमंदों का इलाज किया जाता है. संस्थान गरीबों और बेसहारों के लिए वरदान के रूप में कार्य करती है.
संस्थान में पहले से ही 4 मशीनें लगी हुई थी. शुक्रवार को रोटरी पाटलिपुत्र के सहयोग से 3 और मशीनों को लगाया गया. इसके साथ ही संस्थान में अब 7 मशीनें हो गई. नए डायलिसिस मशीनों के लगने से प्रदेश के लोगों को काफी लाभ मिलेगा. यहां डायलिसिस की सुविधा काफी सस्ते दरों में की जाती है.
लगे हुए हैं अत्याधुनिक मशीन
महावीर आरोग्य संस्थान में न्यूनतम दर पर लोगों का डायलिसिस किया जाता है. इसके अलावे जो लोग पैसे देने में असमर्थ रहते हैं. उनका इलाज मुफ्त में किया जाता है. संस्थान के डायलिसिस सेंटर में 3 बेड लगे हुए हैं. मरीजों के सुविधा के लिए यहां पर एसी, टीवी, फ्रिज के अलावे कई अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं. इस सेंटर का निर्माम रोटरी फाउंडेशन के सहयोग से किया गया है.
120 साल पुराना है मंदिर का इतिहास
गौरतलब है कि महावीर मंदिर का इतिहास 120 साल पुराना है. साल 1948 में पटना हाईकोर्ट ने इसको को सार्वजनिक मंदिर घोषित किया था. कोरोना काल में मंदिर पहली बार बंद हुआ था. महावीर मंदिर पटना नैवेद्यम लड्डू की बिक्री के साथ अन्य धार्मिक गतिविधियों से करीब 35 करोड़ रुपए सालाना अर्जित करता है. पटना शहर में मंदिर संस्थान का 5 अस्पताल चल रहे हैं. जिनमें डॉक्टरों और नर्सों समेत करीब एक हजार कर्मचारी कार्यरत हैं.