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Thakur Vs Brahmin Dispute: बिहार में ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई का असर, किस पर भारी?

राजद सांसद मनोज झा ने महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ठाकुरों पर दिए गए बयान को लेकर मनोज झा सियासत की केंद्र बिंदु में हैं. ठाकुर समुदाय से आने वाले नेता धमकी भरे लहजे में मनोज झा को माफी मांगने की नसीहत दे रहे हैं. इन सबके बीच सवाल उठ रहे हैं कि ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई का किसको फायदा और किसको नुकसान होगा.

बिहार में ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई का असर
बिहार में ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई का असर
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 28, 2023, 5:54 PM IST

बिहार में ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई

पटना: बिहार की राजनीति जातिगत वोट बैंक के इर्द-गिर्द घूमती है. राजपूत समुदाय का जुड़ाव पहले से ही राष्ट्रीय जनता दल के साथ रहा है. जगदानंद सिंह और दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह राजद के कद्दावर नेताओं में शुमार थे. एक समय में राजद के चार सांसद थे तो उन में तीन ठाकुर समुदाय से थे.

पढ़ें- Thakur Vs Brahmin Dispute: 'माफी मांगिये.. वर्ना क्षत्रिय के आक्रोश के लिए तैयार रहिये', मनोज झा पर भड़के राघवेंद्र प्रताप

बिहार में 5% के आसपास राजपूत वोट शेयर: उमाशंकर सिंह ,जगदानंद सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव जीते थे. लालू यादव अकेले यादव जाति से चुनाव जीते थे. राष्ट्रीय जनता दल को ठाकुर समुदाय का वोट भी मिलता रहा है. बिहार में 5% के आसपास राजपूत जाति का वोट शेयर है. औरंगाबाद ,महाराजगंज, छपरा ,मोतिहारी, वैशाली, शिवहर, जमुई लोकसभा सीट ऐसे हैं जहां पर ठाकुर समुदाय के लोग निर्णायक भूमिका में होते हैं. लोकसभा के सात सीटों पर ठाकुर समुदाय नेताओं का भविष्य तय करते हैं.

ब्राह्मण Vs ठाकुर: राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान से बिहार में ब्राह्मण और ठाकुरों के बीच संघर्ष जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. महागठबंधन में जहां महासंग्राम है. वहीं भाजपा भी आक्रामक है. राष्ट्रीय जनता दल मनोज झा के पक्ष में मजबूती से खड़ी है.

आनंद मोहन का हमला: बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके पुत्र चेतन आनंद ने मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आनंद मोहन ने कहा है कि ठाकुरों ने लड़ाई लड़ने का काम किया है और ठाकुरों का अपमान किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

"मनोज झा ने कहा कि अपने अंदर के ठाकुर को मारो उन्होंने यह क्यों नहीं कहा कि अपने अंदर के ब्राह्मण को मारो. मनोज झा फिटकरी झा हैं. केंद्र के लिए एजेंट का काम कर रहे हैं. आरजेडी के कमजोर होते ही पाला बदल लेंगे."- आनंद मोहन, पूर्व सांसद

"मनोज झा ने ठाकुरों का अपमान किया है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए. अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो राजद नेतृत्व इस मामले को देखेगी. ब्राह्मणों के बारे में भी यह कहा जाता था कि अगर आपके सामने मैथिल ब्राह्मण और कोबरा दोनों हो तो पहले मैथिल ब्राह्मण को मारो क्या यह भी कहा जा सकता है."- डॉ सुनील सिंह, जदयू प्रवक्ता

"मनोज झा अपने बयान को वापस ले और ठाकुर समुदाय से माफी मांगे नहीं तो ठाकुर समुदाय भी अपने हिसाब से एक्ट करने के लिए स्वतंत्र है. एक राजपूत वो भी जो आपकी गर्दन उतार देगा."- राघवेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा विधायक, बड़हरा

"मनोज झा जी ने किसी की भावना को आहत नहीं किया है. नेताओं को उनके खिलाफ तल्ख टिप्पणी से बचना चाहिए."- शक्ति यादव, मुख्य प्रवक्ता, आरजेडी

"लोकसभा चुनाव नजदीक है और वोट बैंक की सियासत हो रही है. पार्टी मनोज झा के पक्ष में खड़ी है लेकिन ठाकुर समुदाय के नेता आक्रामक हैं. पार्टी के स्तर पर अगर बीच का रास्ता नहीं निकाला गया तो राष्ट्रीय जनता दल को वोट बैंक का नुकसान हो सकता है. वैसे अलग-अलग क्षेत्र से नेता वोट बैंक को साधने में भी जुटे हैं."-डॉक्टर संजय कुमार,राजनीतिक विश्लेषक

बिहार में ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई

पटना: बिहार की राजनीति जातिगत वोट बैंक के इर्द-गिर्द घूमती है. राजपूत समुदाय का जुड़ाव पहले से ही राष्ट्रीय जनता दल के साथ रहा है. जगदानंद सिंह और दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह राजद के कद्दावर नेताओं में शुमार थे. एक समय में राजद के चार सांसद थे तो उन में तीन ठाकुर समुदाय से थे.

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बिहार में 5% के आसपास राजपूत वोट शेयर: उमाशंकर सिंह ,जगदानंद सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव जीते थे. लालू यादव अकेले यादव जाति से चुनाव जीते थे. राष्ट्रीय जनता दल को ठाकुर समुदाय का वोट भी मिलता रहा है. बिहार में 5% के आसपास राजपूत जाति का वोट शेयर है. औरंगाबाद ,महाराजगंज, छपरा ,मोतिहारी, वैशाली, शिवहर, जमुई लोकसभा सीट ऐसे हैं जहां पर ठाकुर समुदाय के लोग निर्णायक भूमिका में होते हैं. लोकसभा के सात सीटों पर ठाकुर समुदाय नेताओं का भविष्य तय करते हैं.

ब्राह्मण Vs ठाकुर: राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान से बिहार में ब्राह्मण और ठाकुरों के बीच संघर्ष जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. महागठबंधन में जहां महासंग्राम है. वहीं भाजपा भी आक्रामक है. राष्ट्रीय जनता दल मनोज झा के पक्ष में मजबूती से खड़ी है.

आनंद मोहन का हमला: बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके पुत्र चेतन आनंद ने मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आनंद मोहन ने कहा है कि ठाकुरों ने लड़ाई लड़ने का काम किया है और ठाकुरों का अपमान किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

"मनोज झा ने कहा कि अपने अंदर के ठाकुर को मारो उन्होंने यह क्यों नहीं कहा कि अपने अंदर के ब्राह्मण को मारो. मनोज झा फिटकरी झा हैं. केंद्र के लिए एजेंट का काम कर रहे हैं. आरजेडी के कमजोर होते ही पाला बदल लेंगे."- आनंद मोहन, पूर्व सांसद

"मनोज झा ने ठाकुरों का अपमान किया है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए. अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो राजद नेतृत्व इस मामले को देखेगी. ब्राह्मणों के बारे में भी यह कहा जाता था कि अगर आपके सामने मैथिल ब्राह्मण और कोबरा दोनों हो तो पहले मैथिल ब्राह्मण को मारो क्या यह भी कहा जा सकता है."- डॉ सुनील सिंह, जदयू प्रवक्ता

"मनोज झा अपने बयान को वापस ले और ठाकुर समुदाय से माफी मांगे नहीं तो ठाकुर समुदाय भी अपने हिसाब से एक्ट करने के लिए स्वतंत्र है. एक राजपूत वो भी जो आपकी गर्दन उतार देगा."- राघवेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा विधायक, बड़हरा

"मनोज झा जी ने किसी की भावना को आहत नहीं किया है. नेताओं को उनके खिलाफ तल्ख टिप्पणी से बचना चाहिए."- शक्ति यादव, मुख्य प्रवक्ता, आरजेडी

"लोकसभा चुनाव नजदीक है और वोट बैंक की सियासत हो रही है. पार्टी मनोज झा के पक्ष में खड़ी है लेकिन ठाकुर समुदाय के नेता आक्रामक हैं. पार्टी के स्तर पर अगर बीच का रास्ता नहीं निकाला गया तो राष्ट्रीय जनता दल को वोट बैंक का नुकसान हो सकता है. वैसे अलग-अलग क्षेत्र से नेता वोट बैंक को साधने में भी जुटे हैं."-डॉक्टर संजय कुमार,राजनीतिक विश्लेषक

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