नई दिल्ली/पटना: बोधगया में पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान (IITTM) का अपना परिसर होगा. केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज राज्यसभा में सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.
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दरअसल, प्रधानमंत्री द्वारा बिहार पैकेज (1.40 लाख करोड़) के तहत पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए घोषित 600 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत बोधगया में 50 करोड़ की अनुमानित लागत से भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्धन संस्थान (आईआईटीटीएम) की स्थापना की सैद्धान्तिक स्वीकृति दी गई थी. भूमि उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण स्वायत संस्था के रूप में स्थापित होने वाले देश के छह अन्य केंद्रों ग्वालियर, भुवनेश्वर, नोयडा, गोवा, मेल्लोर व शिलॉन्ग के बाद सातवां बिहार के बोधगया केंद्र को अपना परिसर नहीं मिल पाया था.
बोधगया में भूमि आवंटित
केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने राज्यसभा में जानकारी दी कि उपयुक्त भूखंड की अनुपलब्धता के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है. वैसे, पिछले महीने फरवरी, 2021 में बिहार सरकार ने बोधगया में 5 एकड़ भूमि आवंटित किए जाने की केंद्र सरकार को सूचना दी है. इसके बाद अब तक भुवनेश्वर के विस्तारित केंद्र के रूप में संचालित हो रहे बोधगया केंद्र का भी अब अपना परिसर हो जाएगा.
बिहार में पर्यटन की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए ही आईआईटीटीएम के इस केंद्र की स्थापना की स्वीकृति दी गई थी. बिहार और खासकर बोधगया में बड़ी संख्या में विभिन्न देशों से बौद्ध धर्मावलंबी पर्यटक आते हैं. ऐसे में बोधगया में भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थान की स्थापना से बिहार के पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा.
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पर्यटन राज्यमंत्री ने बताया कि इस बीच आई आई टी टी एम ने वर्ष 2019 से राजकीय होटल प्रबन्धन संस्थान ( एस आई एच एम) बोधगया परिसर से चीनी, थाई, जापानी, वियतनामी भाषाओं में भाषाई पर्यटक सुविधाप्रदाता पाठ्यक्रम शुरू किया है. दो शैक्षणिक सत्रों 2018-19 और 2019- 20 में 525 व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है.