पटना: बिहटा स्थित आईआईटी पटना के छात्र-छात्राओं और शोधकर्ताओं ने 36 महीने के परिश्रम के बाद लो वेट बैटरी इनवर्टर और बीएमएस किट को बनाया (IIT Patna students made low watt battery inverter) है. यह देश के जवानों के लिए ऐसी चीज जिससे उन्हें काफी मदद मिलेगी. पहले चीन से आने वाले बीएमएस और सर्किट को अब आईआईटी में ही तैयार किया जाएगा. पहले यह बीएमएस किट चीन से भारत आती थी, जो टू व्हीलर और थ्री व्हीलर बैटरी गाड़ी में लगाई जाती थी.
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IIT पटना ने बनाया लो वेट बैटरी इनवर्टर: यह किट भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना के फिजिक्स डिपार्टमेंट के छात्रों ने बनाया है. इससे आने वाले समय में भारत की चीन पर निर्भरता कम हो जाएगी. इस उपकरण की वजह से इलेक्ट्रिक पावर से चलने वाले दो पहिया और तीन पहिया वाहनों में भारत निर्मित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ेगा और संभवत उसकी कीमत में भी कमी आएगी. भारत में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को लगातार बढ़ावा दे रही है. ऐसे में इससे जुड़ी स्वदेशी तकनीक का फायदा देश को मिलेगा.
बनाने में लगा 36 महीने का समय: बता दें की आईआईटी पटना के छात्रों ने 36 महीने के शोध के बाद बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम ने पटना आइआइटी के शोध को केंद्रीय पेटेंट कार्यालय में भी पेटेंट कर दिया है. आईआईटी के छात्रों ने एक बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम और बैट्री के प्रबंधन के लिए निष्क्रिय संतुलन विधि का ईजाद किया है. आईआईटी पटना में सर्किट और बीएमएस सर्किट, बीएमएस, ट्रांसफार्मर ये सभी तैयार किया गया है. भारतीय बाजार को इसका काफी फायदा होगा.
"लाइटवेट बैटरी काफी हल्का है जिसे जवान पीठ पर टांग कर आसानी से रात के अंधेरे में सर्च ऑपरेशन कर सकते हैं. वहीं चाइना से एक्सपोर्ट होने वाली बीएमएस किट जो टू व्हीलर और थ्री व्हीलर इलेक्ट्रिकल बाइक में यूज होती है अब उसे पटना के आईआईटी में बनाया जाएगा. जिससे देश के निर्मित बैटरी को लोग उपयोग में लाएंगे और आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आत्मनिर्भर होने की सलाह दी है और भारत अब आने वाले समय में आत्मनिर्भर होकर देश में बने सामानों का उपयोग करेगा जिससे अपने देश को भी फायदा होगा."-अभिजीत कुमार, आईआईटी पटना
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