पटना: सूबे में कोरोना संक्रमित मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें अस्पतालों में जगह नहीं मिल पा रही है. आम लोग जहां एक तरफ इसका खामियाजा भुगत रहे हैं. दूसरी तरफ लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टर भी खुद इसका शिकार हो रहे हैं. इसे लेकर भारतीय चिकित्सा संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने सरकार से गुहार लगाई है कि तुरंत आईजीआईएमएस को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल घोषित किया जाए.
सरकार की ओर से नहीं किया गया कोई प्रयास
बता दें कि राज्य भर में अब तक आठ डॉक्टरों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो चुकी है. आइएमए के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अजय कुमार ने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा दबाव पटना एम्स पर है. सरकार ने इसे आनन-फानन में डेडीकेटेड कोविड अस्पताल तो घोषित कर दिया. लेकिन वहां कोई सुविधाएं नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि पटना एम्स को तुरंत कम से कम 200 विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है. इसको लेकर उन्होंने बिहार के स्वास्थ्य विभाग को कई बार पत्र भी लिखा है. लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया है.
आईजीआईएमएस में है बेहतर सुविधा
डॉ अजय कुमार ने कहा कि सरकार को तुरंत पटना एम्स से बेहतर सुविधा संपन्न आईजीआईएमएस को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल घोषित करना चाहिए. वहां पहले से अस्पताल के डॉक्टरों और नर्स के लिए कोरोना के इलाज की व्यवस्था की गई है. विशेष रूप से डॉक्टरों की जान बचाने के लिए वहां अलग बिल्डिंग में कम से कम 100 बेड रिजर्व किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा आईजीआईएमएस में बड़ी संख्या में डॉक्टर, विशेषज्ञ और आधारभूत संरचना उपलब्ध है. कई अलग-अलग बिल्डिंग भी है. जिसके जरिए आम लोगों का भी कोरोना संक्रमण के दौरान इलाज वहां संभव है.