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IGIMS में हो रहे शोध से होगा खुलासा, कितना कारगर है वैक्सीनेशन

आईजीआईएमएस (IGIMS) में कई दिलचस्प और गंभीर शोध हो रहे हैं. इस शोध के बाद कोरोना (Covid-19) को लेकर फैली भ्रांतियां खत्म हो जाएंगी. इम्यूनिटी टेस्ट से लेकर डॉक्टरों की मानसिक स्थिति पर भी शोध हो रहा है.

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Published : Jun 27, 2021, 5:23 PM IST

पटनाः बिहार की राजधानी पटना स्थित आईजीआईएमएस (IGIMS) में कोरोना संक्रमण को लेकर शोध शुरू हुआ है. संस्थान के डॉक्टर इम्यूनिटी लेवल जांचने में जुटे हैं. कोरोना वैक्सीन लेने के बाद लोगों की इम्यूनिटी और कोरोना से ठीक हुए मरीजों में बढ़ी इम्यूनिटी की जांच (Immunity Test) हो रही है. जांच में पता चलेगा कि कौन सा इम्यूनिटी लेवल बेस्ट है. संस्थान के अधीक्षक मनीष मंडल के अनुसार कोविड (Covid-19) को लेकर कई भ्रांतियां हैं. इसके कारण शोध किए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- अब टेलीमेडिसिन सेवा के लिए IGIMS का होगा अपना ऐप, ऐसे किया जाएगा इलाज

कई पहलुओं पर हो रहा है शोध
'संस्थान के डॉक्टर कई पहलुओं पर शोध कर रहे हैं. शोध के लिए अभी तक 36 प्रस्ताव आए थे. सभी प्रस्ताव अच्छे हैं. इन सभी प्रस्तावों पर शोध जारी है. हमारे यहां एक डॉक्टर इस बात पर शोध कर रहे हैं कि कोरोना टीका लेने के बाद और कोरोना से ठीक होने के बाद, इंसान में जो इम्यूनिटी बढ़ी है, दोनों में से कौन सी इम्यूनिटी लेवल सबसे ज्यादा कारगर है.' -मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस

देखें वीडियो

मानसिक हालात पर भी हो रहा शोध
मनीष मंडल ने बताया, दूसरा दिलचस्प शोध इस बात पर हो रहा है कि कोरोना काल में जो हालात बने थे, उसमें डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ कितने भयभीत थे. क्योंकि जिस तरह लगातार कोविड के सीरियस मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे थे और डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे. ऐसे हालात में उनकी मानसिक स्थिति कैसी थी. किस तरह वे अपने आप को ऐसे हालात में फिट रखते थे.

शोध में कई महत्वपूर्ण बिंदू हैं शामिल
उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण शोध भी हो रहे हैं, जिसमें ये भी है कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए जो दवाएं या ट्रीटमेंट मरीजों किया गया, उससे उनके लीवर, किडनी या शरीर के अन्य अंगों पर क्या प्रभाव पड़ा है. इन सब महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आईजीआईएमएस में शोध शुरू किया गया है. ऐसा शोध होने के बाद कोविड की तीसरी लहर के दौरान मरीजों के इलाज में डॉक्टरों को सहायता मिलेगी. लोगों में जो कोरोना को लेकर भ्रांतियां हैं, उसे भी दूर किया जा सकेगा.

यह भी पढ़ें- Corona Third Wave in Bihar: बच्चों को बचाने के लिए अभिभावकों को रहना होगा सतर्क, बरतें सावधानी

पटनाः बिहार की राजधानी पटना स्थित आईजीआईएमएस (IGIMS) में कोरोना संक्रमण को लेकर शोध शुरू हुआ है. संस्थान के डॉक्टर इम्यूनिटी लेवल जांचने में जुटे हैं. कोरोना वैक्सीन लेने के बाद लोगों की इम्यूनिटी और कोरोना से ठीक हुए मरीजों में बढ़ी इम्यूनिटी की जांच (Immunity Test) हो रही है. जांच में पता चलेगा कि कौन सा इम्यूनिटी लेवल बेस्ट है. संस्थान के अधीक्षक मनीष मंडल के अनुसार कोविड (Covid-19) को लेकर कई भ्रांतियां हैं. इसके कारण शोध किए जा रहे हैं.

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कई पहलुओं पर हो रहा है शोध
'संस्थान के डॉक्टर कई पहलुओं पर शोध कर रहे हैं. शोध के लिए अभी तक 36 प्रस्ताव आए थे. सभी प्रस्ताव अच्छे हैं. इन सभी प्रस्तावों पर शोध जारी है. हमारे यहां एक डॉक्टर इस बात पर शोध कर रहे हैं कि कोरोना टीका लेने के बाद और कोरोना से ठीक होने के बाद, इंसान में जो इम्यूनिटी बढ़ी है, दोनों में से कौन सी इम्यूनिटी लेवल सबसे ज्यादा कारगर है.' -मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस

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मानसिक हालात पर भी हो रहा शोध
मनीष मंडल ने बताया, दूसरा दिलचस्प शोध इस बात पर हो रहा है कि कोरोना काल में जो हालात बने थे, उसमें डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ कितने भयभीत थे. क्योंकि जिस तरह लगातार कोविड के सीरियस मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे थे और डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे. ऐसे हालात में उनकी मानसिक स्थिति कैसी थी. किस तरह वे अपने आप को ऐसे हालात में फिट रखते थे.

शोध में कई महत्वपूर्ण बिंदू हैं शामिल
उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण शोध भी हो रहे हैं, जिसमें ये भी है कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए जो दवाएं या ट्रीटमेंट मरीजों किया गया, उससे उनके लीवर, किडनी या शरीर के अन्य अंगों पर क्या प्रभाव पड़ा है. इन सब महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आईजीआईएमएस में शोध शुरू किया गया है. ऐसा शोध होने के बाद कोविड की तीसरी लहर के दौरान मरीजों के इलाज में डॉक्टरों को सहायता मिलेगी. लोगों में जो कोरोना को लेकर भ्रांतियां हैं, उसे भी दूर किया जा सकेगा.

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