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Bihar Agricultural Road Map: 'जब किसान आत्मनिर्भर हो जाएंगे तो कृषि रोड मैप की जरूरत नहीं होगी', मंत्री श्रवण कुमार - Bihar News

बिहार में चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत हो गई है. सरकार बिहार के किसानों के लिए इसकी शुरुआत की. संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने इसे किसानों के लिए लाभदायक बताया. उन्होंने कहा कि जब किसान आत्मनिर्भर हो जाएंगे, उस वक्त इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी. पढ़ें पूरी खबर...

संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार
संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 18, 2023, 4:51 PM IST

संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार

पटनाः बिहार में कृषि रोड मैप की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की. पटना में बुधवार को सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अब तक तीन कृषि रोड मैप से बिहार में कृषि में कई तरह के बदलाव आए हैं. चौथे कृषि रोड मैप से किस तरह की उम्मीद है, इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने से बातचीत की गई. उन्होंने चौथे कृषि रोड मैप को किसानों के लिए लाभदायक बताया.

यह भी पढ़ेंः President Retirement Plan: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का रिटायरमेंट प्लान, बोलीं- 'पद छोड़ने के बाद अपने गांव जाकर खेती करूंगी'


किसानों को मिलेगी सुविधाः चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत होने पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा बिहार में जब से कृषि रोड मैप बना है, तब से किसान उत्साहित हैं. किसान पहले कृषि से मुंह मोड़ चुके थे, लेकिन अब किसान कृषि के प्रति आकर्षित हुए हैंं. बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किसानों को कृषि रोड मैप के माध्यम से हर तरह की सुविधा और साधन मुहैया करायी जा रही है.

चावल उत्पादन में बिहार आगेः मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कृषि रोड मैप लागू होने के बाद बिहार के किसानों ने चावल उत्पादन के मामले में चीन के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. आलू, गेहूं और अन्य फसलों के उत्पादन में भी बिहार के किसानों ने दूसरे राज्यों के किसानों को पीछे छोड़ दिया है. इसका मतलब है बिहार के किसान कृषि रोड मैप से काफी लाभ ले रहे हैं. बुधवार को चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत हुई है, इससे भी किसानों को लाभ मिलेगा.

चौथे कृषि रोड मैप में क्या खास है?: मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इसमें कई बाते हैं. हर खेत को पानी पहुंचाया जा रहा है. हर खेत को बिजली पहुंचाने पर काम हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर बिहार में जलजमाव वाला इलाके का विकास किया जाएगा. परंपरागत तरीके से खेतों तक पानी पहुंचाने की कोशिश हो रही है. जो चौर का इलाका उसको भी विकसित करने की कोशिश हो रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह अंतिम कृषि रोड मैप है? इसपर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा जब किसानों के पास सभी तरह के साधन पहुंच जाएंगे. उन्हें सभी तरह की जानकारियां प्राप्त हो जाएगी और किसान आत्मनिर्भर हो जाएंगे तो फिर कृषि रोड मैप की जरूरत क्यों पड़ेगी? बिहार में पहले कृषि रोड मैप से ही कृषि की स्थिति बदलने लगी और अब चौथे कृषि रोड मैप से पूरी तरह से किसानों की स्थिति बदल जाएगी.

"बिहार में कृषि रोड मैप से किसानों को काफी लाभ हुआ है. खेती में काफी बदलाव आया है. पहले किसान खेती करना नहीं चाहते थे, लेकिन अब खेती के लिए आगे आ रहे हैं. चावन उत्पादन में बिहार चीन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस बार उत्तर बिहार को फोकस किया जाएगा. जब किसान आत्मनिर्भर हो जाएंगे तो आगे इसकी जरूत नहीं पड़ेगी." -श्रवण कुमार, मंत्री, बिहार सरकार

खेती में हुई है बढ़ोतरीः चौथा कृषि रोड मैप 2028 तक लागू रहेगा. इसके तहत 162000 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसकी तारीफ की है. कृषि रोड मैप के कारण ही बिहार को पांच कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है. गेहूं, चावल, मक्का व दलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. अंडा-मछली का उत्पादन भी बढ़ा है. फल और सब्जी के उत्पादन में भी बिहार ने लंबी छलांग लगाई है.

संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार

पटनाः बिहार में कृषि रोड मैप की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की. पटना में बुधवार को सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अब तक तीन कृषि रोड मैप से बिहार में कृषि में कई तरह के बदलाव आए हैं. चौथे कृषि रोड मैप से किस तरह की उम्मीद है, इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने से बातचीत की गई. उन्होंने चौथे कृषि रोड मैप को किसानों के लिए लाभदायक बताया.

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किसानों को मिलेगी सुविधाः चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत होने पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा बिहार में जब से कृषि रोड मैप बना है, तब से किसान उत्साहित हैं. किसान पहले कृषि से मुंह मोड़ चुके थे, लेकिन अब किसान कृषि के प्रति आकर्षित हुए हैंं. बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किसानों को कृषि रोड मैप के माध्यम से हर तरह की सुविधा और साधन मुहैया करायी जा रही है.

चावल उत्पादन में बिहार आगेः मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कृषि रोड मैप लागू होने के बाद बिहार के किसानों ने चावल उत्पादन के मामले में चीन के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. आलू, गेहूं और अन्य फसलों के उत्पादन में भी बिहार के किसानों ने दूसरे राज्यों के किसानों को पीछे छोड़ दिया है. इसका मतलब है बिहार के किसान कृषि रोड मैप से काफी लाभ ले रहे हैं. बुधवार को चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत हुई है, इससे भी किसानों को लाभ मिलेगा.

चौथे कृषि रोड मैप में क्या खास है?: मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इसमें कई बाते हैं. हर खेत को पानी पहुंचाया जा रहा है. हर खेत को बिजली पहुंचाने पर काम हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर बिहार में जलजमाव वाला इलाके का विकास किया जाएगा. परंपरागत तरीके से खेतों तक पानी पहुंचाने की कोशिश हो रही है. जो चौर का इलाका उसको भी विकसित करने की कोशिश हो रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह अंतिम कृषि रोड मैप है? इसपर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा जब किसानों के पास सभी तरह के साधन पहुंच जाएंगे. उन्हें सभी तरह की जानकारियां प्राप्त हो जाएगी और किसान आत्मनिर्भर हो जाएंगे तो फिर कृषि रोड मैप की जरूरत क्यों पड़ेगी? बिहार में पहले कृषि रोड मैप से ही कृषि की स्थिति बदलने लगी और अब चौथे कृषि रोड मैप से पूरी तरह से किसानों की स्थिति बदल जाएगी.

"बिहार में कृषि रोड मैप से किसानों को काफी लाभ हुआ है. खेती में काफी बदलाव आया है. पहले किसान खेती करना नहीं चाहते थे, लेकिन अब खेती के लिए आगे आ रहे हैं. चावन उत्पादन में बिहार चीन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस बार उत्तर बिहार को फोकस किया जाएगा. जब किसान आत्मनिर्भर हो जाएंगे तो आगे इसकी जरूत नहीं पड़ेगी." -श्रवण कुमार, मंत्री, बिहार सरकार

खेती में हुई है बढ़ोतरीः चौथा कृषि रोड मैप 2028 तक लागू रहेगा. इसके तहत 162000 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसकी तारीफ की है. कृषि रोड मैप के कारण ही बिहार को पांच कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है. गेहूं, चावल, मक्का व दलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. अंडा-मछली का उत्पादन भी बढ़ा है. फल और सब्जी के उत्पादन में भी बिहार ने लंबी छलांग लगाई है.

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