पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) एक तरफ जहां कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ बयान (Prashant Kishor Attacked Congress) दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ (Prashant Kishor Praises PM Modi) कर रहे हैं. पीके की बदली रणनीति पर कांग्रेस के नेता इसे पूरी तरह से व्यवसायिक दृष्टिकोण वाला नजरिया बता रहे हैं. जबकि बीजेपी का कहना है वह कब क्या बोलेंगे, कोई नहीं जानता है. वहीं, जानकार कहते हैं कि वह फिर से बीजेपी के लिए काम करने का माहौल बना रहे हैं. वैसे भी अगले साल पांच राज्यों में चुनाव होना है.
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दरअसल, प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल चुनाव से ही टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन लगातार कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ बोल रहे हैं. साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ भी कर रहे हैं. वैसे तो प्रशांत किशोर कई दलों के साथ काम कर चुके हैं. बिहार में भी नीतीश कुमार के लिए काम किया था. बाद के दिनों में जेडीयू में उन्हें महत्वपूर्ण पद (जेडीयू उपाध्यक्ष) भी मिला था. हालांकि बाद में उनको पार्टी छोड़ना पड़ गया था.
वहीं, पीके कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में भी काम कर चुके हैं. पिछले दिनों यह काफी चर्चा थी कि कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस में ही इसका विरोध शुरू हो गया. हाल के दिनों में लगातार कांग्रेस के कार्यक्रमों को लेकर सवाल खड़ा करते रहे हैं और यह भी कहते रहे हैं कि बीजेपी को इन कार्यक्रमों से हराया नहीं जा सकता है, क्योंकि बीजेपी बहुत मजबूत हो चुकी है. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस कांग्रेस को कई राज्यों में चुनौती दे रही है. कई जगह उनके विधायकों को भी तोड़ा गया है और इसमें भी प्रशांत किशोर की भूमिका अहम मानी जा रही है.
इन दिनों प्रशांत किशोर जिस तरह से कांग्रेस के खिलाफ बयान दे रहे हैं, उसको लेकर बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधान पार्षद समीर कुमार सिंह का कहना है प्रशांत किशोर व्यवसायिक आदमी हैं. जहां उन्हें लाभ मिलेगा, वहीं चले जाते हैं. कांग्रेस के साथ भी काम कर चुके हैं, लेकिन यहां उनका पेट नहीं भरा. वो तो नफा-नुकसान देखकर ही अपनी रणनीति तैयार करते हैं.
"प्रशांत किशोर व्यवसायिक आदमी हैं. जहां उन्हें दिखता है कि लाभ मिलेगा, वे वहीं चले जाते हैं. वैसे तो कांग्रेस के साथ भी काम कर चुके हैं, लेकिन यहां उनका पेट नहीं भरा. वो केवल अपना नफा-नुकसान देखकर ही अपनी रणनीति तैयार करते हैं"- समीर कुमार सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस
उधर, बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि प्रशांत किशोर कब क्या बोलेंगे, कोई नहीं जानता है. कांग्रेस के लिए भी उन्होंने काम किया है और उत्तर प्रदेश में पार्टी को सबसे बड़ी हार मिली. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की तारीफ तो पूरी दुनिया कर रही है. वैसे बेहतर होता कि प्रशांत किशोर फिर से घर वापसी करें. वह प्रचार प्रसार करने में माहिर हैं, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है.
"प्रशांत किशोर कब क्या बोलेंगे कोई नहीं जानता है. कांग्रेस के लिए भी उन्होंने काम किया है और उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी हार दिला दी. देखिए नरेंद्र मोदी की तारीफ तो पूरी दुनिया कर रही है, क्योंकि उन्होंने देश के लिए काम ही ऐसा किया है. प्रशांत किशोर फिर से घर वापसी करें तो हम स्वागत करेंगे"- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बिहार बीजेपी
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार रवि अटल का कहना है प्रशांत किशोर को लगता है कि कांग्रेस डूबती नैया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सितारा अभी बुलंदी पर है. लिहाजा उनकी रणनीति यही लग रही है कि वह फिर से कोशिश में लगे हैं कि बीजेपी में वापसी हो जाए. उसी दिशा में अभी से माहौल बनाने में लग गए हैं.
"प्रशांत किशोर को लगता है कि कांग्रेस डूबती नैया है और नरेंद्र मोदी का अभी सितारा बुलंदी पर है. इसलिए उनकी रणनीति यही लग रही है कि वह फिर से कोशिश में लगे हैं कि बीजेपी में उनकी वापसी हो जाए"- रवि अटल, वरिष्ठ पत्रकार
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बिहार के रहने वाले प्रशांत किशोर ने अपनी कुशल चुनावी रणनीति से कई राज्यों में कई दलों को जीत दिलाई है. सरकार बनाने में भी वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं. हाल में ममता बनर्जी की जीत में प्रशांत किशोर की भी बड़ी भूमिका रही है. प्रशांत किशोर की रणनीति (Prashant Kishor Strategy) का कमाल दक्षिण के राज्यों में भी देखने को मिल चुका है. दिल्ली में भी अपनी कुशलता का उदाहरण पेश किया था.
फिलहाल कांग्रेस के खिलाफ बदले रुख से साफ है कि प्रशांत किशोर नई रणनीति पर काम कर रहे हैं, क्योंकि अगले साल पांच राज्यों में चुनाव भी है. ममता बनर्जी की सक्रियता भी बढ़ी है और कांग्रेस को बीजेपी का विकल्प भी नहीं मान रही है. ऐसे में इन बयानों से ममता बनर्जी को लाभ दिलाने की कोशिश भी हो सकती है. कुल मिलाकर देखे हैं तो प्रशांत किशोर की रणनीति पर कई तरह के कयास लग रहे हैं, जवाब के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.
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