पटना: सरकार की नीतियों पर उठ रहे सवालों पर दो बड़े अधिकारियों ने सफाई दी है. मीडिया के सामने आए अपर मुख्य सचिव और डीजीपी ने अलग-अलग मुद्दों पर जवाब दिया.
दरअसल गृह विभाग की तरफ से हाल के दिनों में ही एक पत्र जारी किया गया था. जिसमें कहा गया था कि सभी टेंडर लेने वाली कंपनियां या फिर ठेकेदारों को जिले के एसपी से कैरेक्टर सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है. जारी आदेश पर सवाल उठा तो डीजीपी और अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी गई. डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि टेंडर लेने वाली कंपनी और व्यक्ति साफ छवि का हो. इसको सुनिश्चित करना होगा, तभी टेंडर मिलेगा.
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि 'चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर जो आदेश जारी किया गया है यह पूर्व से प्रदेश में लागू है. उसमें कुछ अंश और जोड़ा गया है. लोकतंत्र में व्यक्तिगत स्वतंत्रता की आजादी होती है और इसके तहत शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की अनुमति होती है. सरकार की कही कोई ऐसी मंशा नहीं है कि लोकतंत्र में मिले अधिकार का हनन करे.'
'रूपेश मामले में परिवार ने नहीं की सीबीआई जांच की मांग'
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस मुख्यालय के एडीजे जितेंद्र कुमार ने कहा '2006 और 2020 के पत्र में चरित्र सत्यापन की बातों का उल्लेख पूर्व से है. 25 जनवरी 2021 को उसी पत्र के तहत तीसरा पत्र जारी किया गया है. पुलिस मुख्यालय ने जो पत्र जारी किया है उसके अनुसार थाना स्तर के पदाधिकारियों को भी मामले का सत्यापन निर्धारित समयावधि में किया करना है.' रूपेश सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस पर उठे सवाल पर डीजीपी ने कहा कि 'इस मामले में अब आगे कुछ भी बताने के लिए नहीं बचा है.'
वहीं, गृह विभाग के प्रमुख सचिव आमिर सुबहानी ने कहा 'रूपेश सिंह के परिवार या उनकी पत्नी के तरफ से सरकार के लेवल पर किसी तरह से कोई बातचीत नहीं हुई है और ना ही सीबीआई जांच की मांग की गई है.'
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समस्तीपुर के मूल निवासी रेडियो ऑपरेटर रामकुमार का अपहरण मामले में गृह विभाग के प्रमुख सचिव आमिर सुबहानी और बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने कहा 'रामकुमार की रिहाई के लिए हम लोग पूरा प्रयास कर रहे हैं. सकुशल रिहाई को लेकर तमाम इनपुट्स और तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है. हेलीकॉप्टर से लेकर ड्रोन कैमरा का भी सहारा लिया जा रहा है. इस संबंध में असम के डीजीपी से भी हुई है.'