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GMC बेतिया के ऑर्थोपेडिक के HOD डॉ. अरविंद कुमार की कोरोना से मौत, पटना एम्स में चल रहा था इलाज

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Published : May 25, 2021, 9:53 AM IST

बिहार में कोरोना कहर बरपा रहा है. इस मुश्किल घड़ी में धरती के भगवान भी खतरे में हैं. कोरोना के कारण कई डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई है. बेतिया मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक के एचओडी डॉक्टर अरविंद कुमार की भी सोमवार देररात कोरोना से मौत हो गई.

पटना
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पटना: कोरोना संकटकाल में धरती के भगवान भी खतरे में हैं. कोरोना से संक्रमित होने के बाद बड़ी संख्या में चिकित्सकों की मौत हुई है. इस सूची में एक और नाम जुड़ गया है. बेतिया मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक के एचओडी डॉक्टर अरविंद कुमार की कोरोना से मौत हो गई. वे बीते कुछ दिनों से कोरोना से संक्रमित थे. उनका इलाज पटना एम्स में चल रहा था. सोमवार रात उनकी मौत हो गई.

यह भी पढ़ें: IMA ने डॉक्टरों की लगातार हो रही मौतों पर जताई चिंता, 8 सदस्यीय टीम की गठित

चिकित्सकों की मौत के मामले में बिहार सबसे आगे
कोरोना वायरस के दूसरी लहर में पूरे देश की तुलना में बिहार में डॉक्टरों की सबसे ज्यादा मौत हुई है. डॉक्टरों की मौत के आंकड़े ने ना सिर्फ डॉक्टरों की बल्कि सरकार की भी नींद उड़ा दी है.

दूसरी लहर में अब तक 100 डॉक्टरों की मौत कोरोना से हो चुकी है जिसमें सूबे के बेहद नामी और एक्सपर्ट डॉक्टर्स शामिल है. वहीं साल 2020 के पहली लहर में भी सूबे के 40 डॉक्टरों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया था.

अब ऐसे में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर आईएमए हरकत में आया है और संस्थान ने 8 सदस्यीय टीम बनाई है, ताकि पता लगाया जा सके कि इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की मौत की वजह क्या रही है. और कहां चूक हुई है.

पटना: कोरोना संकटकाल में धरती के भगवान भी खतरे में हैं. कोरोना से संक्रमित होने के बाद बड़ी संख्या में चिकित्सकों की मौत हुई है. इस सूची में एक और नाम जुड़ गया है. बेतिया मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक के एचओडी डॉक्टर अरविंद कुमार की कोरोना से मौत हो गई. वे बीते कुछ दिनों से कोरोना से संक्रमित थे. उनका इलाज पटना एम्स में चल रहा था. सोमवार रात उनकी मौत हो गई.

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चिकित्सकों की मौत के मामले में बिहार सबसे आगे
कोरोना वायरस के दूसरी लहर में पूरे देश की तुलना में बिहार में डॉक्टरों की सबसे ज्यादा मौत हुई है. डॉक्टरों की मौत के आंकड़े ने ना सिर्फ डॉक्टरों की बल्कि सरकार की भी नींद उड़ा दी है.

दूसरी लहर में अब तक 100 डॉक्टरों की मौत कोरोना से हो चुकी है जिसमें सूबे के बेहद नामी और एक्सपर्ट डॉक्टर्स शामिल है. वहीं साल 2020 के पहली लहर में भी सूबे के 40 डॉक्टरों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया था.

अब ऐसे में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर आईएमए हरकत में आया है और संस्थान ने 8 सदस्यीय टीम बनाई है, ताकि पता लगाया जा सके कि इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की मौत की वजह क्या रही है. और कहां चूक हुई है.

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