पटना: बिहार म्यूजियम को शुरू हुए सालों हो गए हैं, लेकिन अब तक बिहार म्यूजियम में इतिहास दीर्घा शुरू नहीं हुई है. ये मूल रूप से इतिहास का म्यूजियम है, लेकिन इतिहास दीर्घा शुरू न होने के पीछे ढाई सालों का कोरोना काल प्रमुख वजह है. लंबे समय के बाद एक बार फिर से प्रदेश में संग्रहालय खुल गए हैं. ऐसे में इसकी इतिहास गैलरी में ऐतिहासिक वस्तुओं के इंस्टॉलेशन का काम एक बार फिर से शुरू हो गया है और म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह का दावा है कि आने वाले 3 महीने में म्यूजियम में इतिहास दीर्घा दर्शकों के लिए खोल (History gallery will open soon in Bihar Museum) दी जाएगी.
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बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह (Director General of Bihar Museum Anjani Kumar Singh) ने बताया कि बिहार म्यूजियम मूल रूप से इतिहास का म्यूजियम है, लेकिन इस म्यूजियम में बिहार के फोक आर्ट और कंटेंपरेरी आर्ट की भी गैलरी है. इसके अलावा म्यूजियम में डायस्पोरा गैलरी है. इस गैलरी की विशेषता यह है कि बिहार के लोग जहां-जहां गए हैं, उन तमाम बातों की जानकारी यहां उपलब्ध है. बिहार के लोग किस प्रकार मॉरीशस में बसे हैं, सिंगापुर में बसे हैं, इन सब जानकारियों को गैलरी में प्रदर्शित किया गया है. जिसे म्यूजियम घूमने वाले लोग आकर देखना पसंद करते हैं.
''म्यूजियम में बच्चों की गैलरी के अलावा कई एग्जिबिशन गैलरी भी ओपन हो गए हैं, लेकिन इतिहास गैलरी के शुरू ना होने के पीछे कोरोना बड़ी वजह रहा है. इतिहास गैलरी तैयार है, मगर इसमें प्रदर्शों के इंस्टॉलेशन का काम अभी बाकी है. इन प्रदर्शों का इंस्टॉलेशन करने के लिए जर्मनी और इटली जैसे देशों से कारीगर आने वाले थे, लेकिन कोरोना के कारण वीजा मिलने में परेशानी हुई और वो नहीं आ पाए. अब जब फिर से जनजीवन सामान्य हो रहा है और विदेश आने जाने में आसानी से वीजा मिल रहा है. ऐसे में वीजा मिलने के बाद काफी कारीगर बिहार आ गए हैं और म्यूजियम में इतिहास गैलरी के प्रदर्शों के इंस्टॉलेशन का काम तेजी से चल रहा है और आने वाले 3 महीने में यह गैलरी आम पर्यटकों के लिए खोल दी जाएंगी.''- अंजनी कुमार सिंह, महानिदेशक, बिहार म्यूजियम
अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि इसके अलावा म्यूजियम के लाइब्रेरी में भी दुर्लभ और बहुमूल्य पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए खरीददारी की प्रक्रिया चल रही है और साथ-साथ उनका डॉक्यूमेंटेशन भी हो रहा है. बिहार और भारत की कला संस्कृति से जुड़ी कई पुस्तकें उनके पास उपलब्ध हुई हैं और सभी का डिस्प्ले तैयार किया जा रहा है. शिल्प कला से लेकर लोक परंपरा से जुड़ी हुई विधाएं और बिहार के प्राचीन गौरव का वर्णन करने वाली कई पुस्तकें म्यूजियम में उपलब्ध हैं. आने वाले 1 सप्ताह में लाइब्रेरी पूरी तरह से तैयार हो जाएगी और जल्द ही इसे ओपन कर दिया जाएगा.
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