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Bihar News: मुख्यमंत्री ने हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में 29 साहित्यकारों को किया सम्मानित

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Published : Jul 31, 2023, 11:02 PM IST

हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन 1 अणे मार्ग स्थित 'लोक संवाद में किया गया. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर साहित्यकारों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि बढ़ाने का निर्देश दिया. बिहार गीत के रचयिता कविवर सत्यनारायण को नागा अर्जुन पुरस्कार दिया गया. पढ़ें, विस्तार से.

मुख्यमंत्री
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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के अंतर्गत कुल 29 साहित्यकारों को अंगवस्त्र, मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं चेक प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया. मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग द्वारा 1 अणे मार्ग स्थित 'लोक संवाद में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर साहित्यकारों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि बढ़ाने का निर्देश दिया. बिहार गीत के रचयिता कविवर सत्यनारायण को नागा अर्जुन पुरस्कार दिया गया.

नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.


इन्हें किया गया सम्मानित: मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020-21 के अंतर्गत हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना के अधीन डॉ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को डॉ० राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान, डॉ अशोक कुमार को बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर पुरस्कार, मृणाल पाण्डे को जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, डॉ सुशीला टाकभौरे को बीपी मंडल पुरस्कार, कविवर सत्यनारायण को नागार्जुन पुरस्कार, रामश्रेष्ठ दीवाना को राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार, जाबिर हुसैन को फणीश्वरनाथ रेणु पुरस्कार, डॉ पूनम सिंह को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ के वनजा को बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा (हैदराबाद, तेलंगाना) को विधाकर कवि पुरस्कार, श्रीमती गीता श्री को विद्यापति पुरस्कार, डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि को मोहनलाल महतो 'वियोगी' पुरस्कार, भगवती प्रसाद द्विवेदी को भिखारी ठाकुर पुरस्कार, डॉ छाया सिन्हा को डॉ ग्रियर्सन पुरस्कार एवं अनंत विजय को डॉ फादर कामिल बुल्के पुरस्कार से सम्मानित किया.

नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.


डॉ फादर कामिल बुल्के पुरस्कारः पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष 2021-22 के अंतर्गत हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना के अधीन मुख्यमंत्री ने मधुसुदन आनंद को डॉ राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान, बलराम को बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर पुरस्कार, डॉ चंद्र त्रिखा को जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, डॉ इरशाद कामिल को बीपी मंडल पुरस्कार, भोला पंडित 'प्रणयी' को नागार्जुन पुरस्कार, अनिरुद्ध सिन्हा को राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार, डॉ शहनाज फातमी को फणीश्वरनाथ 'रेणु' पुरस्कार, डॉ भावना को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ गुरमीत सिंह को बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार, असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति को विधाकर कवि पुरस्कार, श्रीमती कविता प्रयागराज को विद्यापति पुरस्कार, महेंद्र नारायण पंकज को मोहनलाल महतो 'वियोगी' पुरस्कार, डॉ आशीष कंधवे को डॉ ग्रियर्सन पुरस्कार एवं श्रीमती विभा रानी को डॉ फादर कामिल बुल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
साहित्यकारों को सम्मानित करेंः पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी से आग्रह है कि इस कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष 14 सितंबर को घोषित हिन्दी दिवस के दिन करें और उस दिन हिन्दी भाषा को विकसित करनेवाले साहित्यकारों को सम्मानित करें. कविवर सत्यनारायण जी द्वारा रचित बिहार गीत पूरे बिहार में सभी महत्वपूर्ण बैठकों एवं विभिन्न अवसरों पर बजाया जा रहा है और आज उन्हें नागार्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. हम तो कहेंगे कि उनको पुरस्कार स्वरूप दी जानेवाली दो लाख रुपये की राशि की जगह तीन लाख रुपये प्रदान करें. उन्होंने कहा कि सबकी मांग को ध्यान में रखते हुए हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत प्रदान की जानेवाली धनराशि में बढ़ोतरी करें.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
हिन्दी काफी अच्छी भाषा हैः मुख्यमंत्री ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के आने से लोग पुरानी बातों को भूलने लगे हैं, यह ठीक नही है. वर्ष 2019 के बाद मोबाइल फोन का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की तादाद तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पृथ्वी को काफी नुकसान पहुंच रहा है. अगर यही स्थिति रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि सब कुछ खत्म हो जाएगा. आजकल मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चा से लेकर हर उम्र के लोग जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, यह उचित नही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी काफी अच्छी भाषा है. इस देश की अधिकांश आबादी आपसी बोलचाल में इसी भाषा का इस्तेमाल करती है. आप सभी से आग्रह है कि इस भाषा को कायम रखते हुए इसे विकसित एवं विस्तारित करने पर विशेष बल दें.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के अंतर्गत कुल 29 साहित्यकारों को अंगवस्त्र, मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं चेक प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया. मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग द्वारा 1 अणे मार्ग स्थित 'लोक संवाद में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर साहित्यकारों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि बढ़ाने का निर्देश दिया. बिहार गीत के रचयिता कविवर सत्यनारायण को नागा अर्जुन पुरस्कार दिया गया.

नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.


इन्हें किया गया सम्मानित: मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020-21 के अंतर्गत हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना के अधीन डॉ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को डॉ० राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान, डॉ अशोक कुमार को बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर पुरस्कार, मृणाल पाण्डे को जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, डॉ सुशीला टाकभौरे को बीपी मंडल पुरस्कार, कविवर सत्यनारायण को नागार्जुन पुरस्कार, रामश्रेष्ठ दीवाना को राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार, जाबिर हुसैन को फणीश्वरनाथ रेणु पुरस्कार, डॉ पूनम सिंह को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ के वनजा को बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा (हैदराबाद, तेलंगाना) को विधाकर कवि पुरस्कार, श्रीमती गीता श्री को विद्यापति पुरस्कार, डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि को मोहनलाल महतो 'वियोगी' पुरस्कार, भगवती प्रसाद द्विवेदी को भिखारी ठाकुर पुरस्कार, डॉ छाया सिन्हा को डॉ ग्रियर्सन पुरस्कार एवं अनंत विजय को डॉ फादर कामिल बुल्के पुरस्कार से सम्मानित किया.

नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.


डॉ फादर कामिल बुल्के पुरस्कारः पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष 2021-22 के अंतर्गत हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना के अधीन मुख्यमंत्री ने मधुसुदन आनंद को डॉ राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान, बलराम को बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर पुरस्कार, डॉ चंद्र त्रिखा को जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, डॉ इरशाद कामिल को बीपी मंडल पुरस्कार, भोला पंडित 'प्रणयी' को नागार्जुन पुरस्कार, अनिरुद्ध सिन्हा को राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार, डॉ शहनाज फातमी को फणीश्वरनाथ 'रेणु' पुरस्कार, डॉ भावना को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ गुरमीत सिंह को बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार, असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति को विधाकर कवि पुरस्कार, श्रीमती कविता प्रयागराज को विद्यापति पुरस्कार, महेंद्र नारायण पंकज को मोहनलाल महतो 'वियोगी' पुरस्कार, डॉ आशीष कंधवे को डॉ ग्रियर्सन पुरस्कार एवं श्रीमती विभा रानी को डॉ फादर कामिल बुल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
साहित्यकारों को सम्मानित करेंः पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी से आग्रह है कि इस कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष 14 सितंबर को घोषित हिन्दी दिवस के दिन करें और उस दिन हिन्दी भाषा को विकसित करनेवाले साहित्यकारों को सम्मानित करें. कविवर सत्यनारायण जी द्वारा रचित बिहार गीत पूरे बिहार में सभी महत्वपूर्ण बैठकों एवं विभिन्न अवसरों पर बजाया जा रहा है और आज उन्हें नागार्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. हम तो कहेंगे कि उनको पुरस्कार स्वरूप दी जानेवाली दो लाख रुपये की राशि की जगह तीन लाख रुपये प्रदान करें. उन्होंने कहा कि सबकी मांग को ध्यान में रखते हुए हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत प्रदान की जानेवाली धनराशि में बढ़ोतरी करें.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
नीतीश कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया.
हिन्दी काफी अच्छी भाषा हैः मुख्यमंत्री ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के आने से लोग पुरानी बातों को भूलने लगे हैं, यह ठीक नही है. वर्ष 2019 के बाद मोबाइल फोन का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की तादाद तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पृथ्वी को काफी नुकसान पहुंच रहा है. अगर यही स्थिति रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि सब कुछ खत्म हो जाएगा. आजकल मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चा से लेकर हर उम्र के लोग जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, यह उचित नही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी काफी अच्छी भाषा है. इस देश की अधिकांश आबादी आपसी बोलचाल में इसी भाषा का इस्तेमाल करती है. आप सभी से आग्रह है कि इस भाषा को कायम रखते हुए इसे विकसित एवं विस्तारित करने पर विशेष बल दें.
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