पटना: भागलपुर की महिला डॉक्टर से कथित तौर पर रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. डॉ संगीता मेहता की आपराधिक रिट याचिका पर जस्टिस पार्थ सारथी (Justice Partha Sarathi) ने सुनवाई की.
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याचिकाकर्ता ने 3 अगस्त 2020 को इस मामले में आरोपित अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह के विरुद्ध भागलपुर के जिला बार एसोसिएशन के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई गई थी. इस मामले में सम्बंधित एसोसिएशन द्वारा जवाब दिया गया कि उक्त अधिवक्ता का लाइसेंस अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत निलंबित कर दिया गया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में अपने और अपने परिवार के लोगों की जान माल की रक्षा के लिए कोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश देने का अनुरोध किया है.
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अधिवक्ता द्वारा विभिन्न अधिकारियों के समक्ष उनके विरुद्ध बहुत सी शिकायतें दर्ज कराई गईं. विभिन्न विभागों के द्वारा याचिकाकर्ता के क्लिनिक में जांच की गई. इससे वह अपमानित महसूस करती हैं और उनकी छवि कलंकित होती है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सरोज कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध भागलपुर के एसएसपी, जिलाधिकारी व डीआईजी के समक्ष भी शिकायत दर्ज कराई गई थी, किन्तु जांच के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद याचिकाकर्ता ने देश के राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत की. इस शिकायत को भागलपुर के ग्रीवांस सेल में भेजा गया.
इसके बाद आरोपित के विरुद्ध स्थानीय पुलिस द्वारा प्राथमिकी तो दर्ज की गई लेकिन जमानतीय धाराओं में. याचिकाकर्ता से 50 लाख रुपये रंगदारी की मांग की गई थी, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी गई थी. आरोपित के विरुद्ध स्थानीय लोगों द्वारा भी अनेक एफआईआर दर्ज करवाये गए हैं. इस मामले में आगे की सुनवाई आगामी 1 मार्च 2022 को होगी.
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