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कोरोना के मद्देनजर जेल प्रशासन की पहल, बिहार के सभी जेलों में खोले जाएंगे हेल्प डेस्क - कोरोना को लेकर ई मुलाकात की व्यवस्था

जेलों में अनियमितता और कैदियों को अपने बारे में जानकारी या किसी भी कैदी के बारे में में जानकारी प्राप्त करने हेतु बिहार के सभी जेल में हेल्प डेस्क बनाने का निर्णय जेल प्रसासन द्वारा लिया गया है. यह हेल्प डेस्क जेल के अंदर और बाहर दोनों जगह मौजूद रहेगा. जिसमें उस जेल में बंद सभी कैदियों के बारे में सही जानकारी उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सकेगा.

PATNA
बिहार के सभी जेलों में खोले जाएंगे हेल्प डेस्क
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Published : Apr 3, 2021, 1:47 PM IST

Updated : Apr 3, 2021, 2:41 PM IST

पटना: कोरोना के मद्देनजर जेल प्रशासन जेलों में बंद कैदियों को लेकर काफी सतर्क हो गई है. जेल प्रशासन का मानना है कि जेल में बंद किसी भी एक कैदी कोरोना संक्रमित होता है तो इसे जेलों में फैलने से रोक पाना काफी मुश्किल होगा. जिस वजह से करोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा सभी जेलों में अलग से क्वारांटीन सेंटर बनाया गया है.

ये भी पढ़ें...बेऊर जेल में बंद कैदी के पास से मैगजीन बरामद, पहुंचाने वाला होमगार्ड का जवान हुआ सस्पेंड

कोरोना को लेकर ई-मुलाकात की व्यवस्था
संक्रमण जेलों तक ना फैले इसको लेकर मार्च से ही जेलों में बंद कैदियों से उनके परिजनों की मुलाकात कर रोक लगा दी गई है. वहीं, परिजन या उनके जानने वाले को आमने-सामने की मुलाकात की इजाजत पर बंदिश लगाते हुए ई-मुलाकात की व्यवस्था शुरू की गई है. अक्सर देखने को मिलता है कि जेलों में बंद नए कैदी के परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है कि वह जेल गेट पर आकर खड़े रहते हैं और उन्हें यह पता नहीं होता है कि उनका जो परिवार का सदस्य जेल में बंद है. वह किस वार्ड में है.

बिहार के सभी जेलों में खोले जाएंगे हेल्प डेस्क

ये भी पढ़ें...दरभंगा: कारा को संक्रमण मुक्त रखने की कवायद, महिला कैदी बना रही मास्क

हेल्प डेस्क से मिलेगी मदद
जेलों में बंद कैदियों के वकीलों को ही हेल्प डेस्क के माध्यम से काफी सहूलियत मिल पाएगी. यहां तक की उन कैदियों के बारे में सही जानकारी भी परिजनों तक नहीं मिल पाता है. जिस वजह से उनका सामान दूसरे कैदियों के पास पहुंच जाता है. जेल प्रशासन की मानें तो कैदियों के बारे में जानकारी या उनके सामान पहुंचाने को लेकर जेल गेट पर तैनात पुलिसकर्मी द्वारा पैसे की भी मांग की जाती है.

पटना: कोरोना के मद्देनजर जेल प्रशासन जेलों में बंद कैदियों को लेकर काफी सतर्क हो गई है. जेल प्रशासन का मानना है कि जेल में बंद किसी भी एक कैदी कोरोना संक्रमित होता है तो इसे जेलों में फैलने से रोक पाना काफी मुश्किल होगा. जिस वजह से करोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा सभी जेलों में अलग से क्वारांटीन सेंटर बनाया गया है.

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कोरोना को लेकर ई-मुलाकात की व्यवस्था
संक्रमण जेलों तक ना फैले इसको लेकर मार्च से ही जेलों में बंद कैदियों से उनके परिजनों की मुलाकात कर रोक लगा दी गई है. वहीं, परिजन या उनके जानने वाले को आमने-सामने की मुलाकात की इजाजत पर बंदिश लगाते हुए ई-मुलाकात की व्यवस्था शुरू की गई है. अक्सर देखने को मिलता है कि जेलों में बंद नए कैदी के परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है कि वह जेल गेट पर आकर खड़े रहते हैं और उन्हें यह पता नहीं होता है कि उनका जो परिवार का सदस्य जेल में बंद है. वह किस वार्ड में है.

बिहार के सभी जेलों में खोले जाएंगे हेल्प डेस्क

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हेल्प डेस्क से मिलेगी मदद
जेलों में बंद कैदियों के वकीलों को ही हेल्प डेस्क के माध्यम से काफी सहूलियत मिल पाएगी. यहां तक की उन कैदियों के बारे में सही जानकारी भी परिजनों तक नहीं मिल पाता है. जिस वजह से उनका सामान दूसरे कैदियों के पास पहुंच जाता है. जेल प्रशासन की मानें तो कैदियों के बारे में जानकारी या उनके सामान पहुंचाने को लेकर जेल गेट पर तैनात पुलिसकर्मी द्वारा पैसे की भी मांग की जाती है.

Last Updated : Apr 3, 2021, 2:41 PM IST
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