पटना: नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में पिछले 24 घंटों से बारिश हो रही है. इस कारण गंडक उफान मारने लगी है. बिहार में भारी बारिश (Heavy Rain In Bihar) ने भी चिंता बढ़ा दी है. बारिश के कारण गंडक नदी (Gandak River) का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नेपाल बराज से मंगलवार को रात नौ बजे तक 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे बढ़ रही चिंता के मद्देनजर सीएम नीतीश कुमार ने उच्च स्तरीय बैठक कर कई दिशा निर्देश दिए.
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अलर्ट मोड पर रहने का दिया निर्देश
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय बैठक हुई. बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि नेपाल एवं गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी वर्षापात के कारण गंडक नदी के जलश्राव (डिस्चार्ज) एवं नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि होने की संभावना है. इसे लेकर विभाग पूरी तरह मुस्तैद है. बैठक में मुख्यमंत्री ने भारी वर्षापात एवं संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग एवं सभी संबंधित जिलाधिकारियों को पूरी तरह अलर्ट में रहने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश
- जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग तथा प. चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिला पूरी तरह अलर्ट रहे.
- जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को खतरे वाली जगहों पर पूरी तरह अलर्ट रखें. ताकि तटबंधों की पूर्ण सुरक्षा की जा सके.
- एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाए.
बैठक में कई अधिकारी रहे शामिल
बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, अपर मुख्य सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस तथा पूर्वी चंपारण, प. चम्पारण एवं गोपालगंज के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे.
बाढ़ जैसे हालात शुरू
बिहार और नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों से हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं. कहीं नगर क्षेत्र की सड़कों से होकर पानी गुजर रहा है, तो कहीं पर स्कूलों में पानी भर गया है. वहीं कई अप्रोच पथ भी ध्वस्त होने केकगार पर है. मानसून के शुरुआत में ही बारिश के कहर से लोग भयभीत हैं. बता दें कि यह मानसून का पहला सप्ताह है. दो दिन में ही नेपाल बराज ने पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू कर दिया है.
तेजी से बढ़ रहा मॉनसून
इधर, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र के साथ नमी की वजह से काफी तेजी से मानसून (Monsoon) आगे बढ़ रहा है. बिहार के साथ नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. इससे तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
सुरक्षित स्थानों पर जाने का दिया आदेश
यदि मौसम का मिजाज ऐसे ही बना रहा तो गण्डक नदी के जलस्तर में और वृद्धि देखने को मिलेगी और निचले इलाकों में एक मर्तबा फिर बाढ़ आने का अंदेशा है. नतीजतन प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश भी दिया है.
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बगहा में पहली बारिश से ही बाढ़ जैसे हालात
तस्वीरें देख कर ही आप समझ जाएंगे कि बगहा में बारिश से क्या हाल हुआ है. 2017 में राज्य में भयानक बाढ़ आई थी. इस बार भी नेपाल (Nepal) के साथ-साथ उत्तर बिहार में लगातार बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. वाल्मिकी नगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से छोड़े गए 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी के बाद कई जगहों पर बांध टूट गया है. कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है.
कई जगहों पर घुसा पानी
बरसात ने अपना ऐसा रंग दिखाया है कि कई गांव और शहर के मुहल्लों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. बगहा में पुलिस बैरक (Police Barracks, Bagaha) में बरसात का पानी घुस गया है. वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (Valmiki Tiger Reserve)के बीचों-बीच बसे गोनौली और नौरंगिया दरदरी गांव में पहाड़ी नदी का पानी घुस गया है. लिहाजा ग्रामीण परेशान हैं. कई घरों में पानी भर जाने से खाने पर भी आफत है.
अधिकांश नदियों का बढ़ा जलस्तर
लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकांश नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ग्रामीणों को डर सता रहा है कि अभी मानसून की पहली बारिश ही हुई है. जबकि अभी पूरा मॉनसून बाकी है. हालात ऐसे ही रहे तो कटाव और बाढ़ के खतरों के बीच जिंदगी कैसे चलेगी?
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कैमूर में भी भयावह है स्थिति
कैमूर में लगातार बारिश होने से दुर्गावती नदी (Durgavati River) सहित कई नदियां उफान पर हैं. इससे कहीं पुल का एप्रोच सड़क टूट रहा है, तो कहीं डायवर्सन पानी में बह गया. रामगढ़-बक्सर जाने वाली सड़क पर अकोढ़ी पुल का डायवर्सन पानी में बह गया. जिससे आवागमन बाधित हो गई है.
पुल के पाया में आ गया दरार
दुर्गावती नदी पर बने पुल के एक पाया में दरार आ गई. जिसके बाद बड़े वाहनों पर रोक लगा दी गई है. साल 2016 में पुल के पाया में दरार आयी थी. उसके बाद विभाग ने 8 करोड़ में फिर नए पुल बनाने का टेंडर लिया. जो आधा-अधूरा है. पुल के पास डायवर्सन बनाया गया. जिसमें 70 लाख की लागत आयी. जो हर साल नदी के पानी के बहाव में बह जाता है.
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बेतिया में भी कहर बरपाने को तैयार है पहाड़ी नदियां
बेतिया में लगातार बारिश हो रही है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. आलम यह है कि नरकटियागंज अनुमंडल के गौनाहा प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतों में पहाड़ी नदियां कोहराम मचा रही हैं. गौनाहा प्रखंड के मरजदी में कटहा नदी पर बना एप्रोच पथ पुल ध्वस्त हो गया है. आवागमन पूरी तरह बाधित है.
पिछले साल भी ध्वस्त हुआ था अप्रोच पथ
बता दें कि पिछले साल भी अमर ज्योति गांव में बनाया एप्रोच पथ पुल ध्वस्त हो गया था और इस साल मानसून की पहली बारिश में ही यह अप्रोच पथ का पुल ध्वस्त हो गया है. कमो-बेश वैसे ही हालात प्रखंड क्षेत्र के कई इलाकों का है. ग्रामीणों दहशत में जी रहे हैं.
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बेतिया के ग्रामीण इलाकों में दहशत
बेतिया में बारिश हर साल लोगों के लिए खतरे की घंटी जैसी है. बारिश होते ही लोग नदी में कटाव को लेकर परेशान रहते हैं. इसी परेशानी से निजात पाने के लिए मझौलिया प्रखंड के लोगों ने डीएम से पक्के ठोकर बनाने की मांग की है. ग्रामीण बूढ़ी गंडक नदी के कटाव के कारण दहशत में हैं. उनका कहना है कि 2007 से ही बूढ़ी गंडक नदी तबाही मचाती आ रही है.
हर साल होती है तबाही
मझौलिया प्रखंड में बाढ़ हर साल तबाही लेकर आती है. प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ की चपेट में आते हैं. सड़कों पर 5 से फीट 10 फीट तक पानी भरा रहता है. कई ऐसे गांव भी हैं जहां पर बाढ़ के समय नाव ही एकमात्र सहारा होता है. ऐसा ही मझौलिया प्रखंड का रमपुरवा महनवा पंचायत का बढ़ई टोला है.
रतजगा करते हैं लोग
यहां हर साल नदी का कटाव होता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे रात-रात भर जाग कर टॉर्च से नदी के तटबंध की निगरानी करते हैं. ताकि अगर अचानक से तेज कटाव होने लगे तो परिवार संग घर छोड़कर भाग सकें.
हर साल भारी नुकसान
बाढ़ से हर साल किसानों को भारी नुकसान होता है. नदी में कई घर डूब जाते हैं. लोगों को अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ता है. ऐसे में उनके सामने एक तो बाढ़ की तबाही होती है तो दूसरी तरफ भुखमरी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है.
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लगभग सभी जिलों में बारिश का अलर्ट
इधर बिहार में मॉनसून के कारण सूबे के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है. मौसम विज्ञान केंद्र ( Meteorological Department ) पटना ने बिहार के कई जिलों के लिए तात्कालिक अलर्ट जारी किया है. मौसम वैज्ञानिकों ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में गरज के साथ तेज बारिश होने की संभावना जताई है. पटना, गया, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, सिवान, सारण, गोपालगंज, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, नवादा के लिए तात्कालिक अलर्ट जारी किया है.
दो से तीन घंटों में गरज के साथ तेज बारिश
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार के इन जिलों में आने वाले अगले दो से 3 घंटों के दौरान गरज के साथ तेज बारिश व बिजली गिरने की संभावना है. साथ ही 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना जताई है.
15 वर्षों बाद मानसून की ऐसी सक्रियता
बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र और नमी की वजह से मानसून में तीव्रता दिखाई पड़ रही है. इससे बिहार में प्रवेश करने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश को भी कवर कर लिया है. मानसून की इतनी सक्रियता लगभग 15 वर्षों बाद दिखाई दे रही है.
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