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हृदय रोग से जूझ रहे 332 बच्चों को ऑपरेशन के लिए भेजा जाएगा अहमदाबाद: स्वास्थ्य मंत्री - ईटीवी भारत न्यूज

बिहार में बाल हृदय योजना के तहत 500 निबंधित बच्चों की स्क्रीनिंग की गई. जिसमें से 332 पाये गये, जिन्हें सर्जरी के लिए अहमदाबाद भेजने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 10 दिसंबर को राज्य के विभिन्न जिलों से 21 बच्चों को इलाज के लिए अहमदाबाद भेजा गया. पढ़ें पूरी खबर..

Health Minister Mangal Pandey
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Published : Dec 17, 2021, 11:13 PM IST

पटना: बिहार में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) तक पर है. सूबे के ऐसे बच्चे जिनके दिल में जन्म से ही छेद हो उसके इलाज को लेकर सरकार द्वारा बाल हृदय योजना (Bal Hriday Yojana) चलाई जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की बाल हृदय योजना दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए लाभकारी साबित हो रही है. खासकर मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है.

यह भी पढ़ें - हृदय रोग से जूझ रहे बच्चों को भेजा गया हैदराबाद, बिहार सरकार कराएगी मुफ्त ऑपरेशन

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस योजना के तहत हृदय रोगों की मुफ्त जांच और इलाज हो रही है. इस योजना के तहत इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना में 15 दिसंबर से आयोजित तीन दिवसीय निःशुल्क जांच शिविर लगाया गया, जिसमें कुल 500 निबंधित बच्चों में से 497 बच्चों की उपस्थिति रही. उन्होंने कहा कि पहले दिन 189, दूसरे दिन 184 और तीसरे दिन 124 बच्चों की स्क्रीनिंग हुई. पहले दिन की स्क्रीनिंग में 129, दूसरे दिन की स्क्रीनिंग में 118 जबकि तीसरे दिन की स्क्रीनिंग में 85 बच्चे ऐसे पाये गये, जिन्हें सर्जरी के लिए अहमदाबाद भेजने की आवश्यकता है.

मंत्री ने कहा कि इसकी शुरुआत 21 फरवरी 2021 से हुई थी और उसी दिन पहला बैच ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा गया था. उस वक्त से लेकर अब तक राज्य के 262 हृदय रोगों से ग्रसित बच्चों का सफल आपरेशन हुआ है. 10 दिसंबर 2021 को भी 21 और बच्चे राज्य के विभिन्न जिलों से अहमदाबाद इलाज के लिए भेजे गए. अब तक 13 बैच भेजे जा चुके हैं, जिसमें 262 बच्चों का सफल आपरेशन हो चुका है.

मंगल पांडेय ने कहा कि लोगों में इस योजना के तहत जागरुकता लाना आवश्यक है. वो जागरुक होंगे तो जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के आयु वाले बच्चों और किशोरों को हृदय रोग से बचाया जा सकता है. राज्य सरकार इसके लिए हरस्तर पर सहायता कर रही है, ताकि बच्चों को उनका जीवन लौटाया जा सके. राज्य में अभी संचालित होने वाले कैंप में इन रोगों की पहचान की जा रही है. जहां से उनकी स्क्रीनिंग कर इलाज के लिए अहमदाबाद के सत्य सांई हॉस्पिटल भेजने की प्रक्रिया की जाती है. इन बच्चों को उम्र के आधार पर परिवार या अभिभावक के साथ सरकारी खर्च पर हवाई जहाज से सत्य सांई अस्पताल भेजती है. साथ ही भोजन और रहने की भी समुचित व्यवस्था करती है.

यह भी पढ़ें - 20 जिलों के पारा मेडिकल संस्थानों में होगी कई सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई: मंगल पांडे

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पटना: बिहार में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) तक पर है. सूबे के ऐसे बच्चे जिनके दिल में जन्म से ही छेद हो उसके इलाज को लेकर सरकार द्वारा बाल हृदय योजना (Bal Hriday Yojana) चलाई जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की बाल हृदय योजना दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए लाभकारी साबित हो रही है. खासकर मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है.

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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस योजना के तहत हृदय रोगों की मुफ्त जांच और इलाज हो रही है. इस योजना के तहत इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना में 15 दिसंबर से आयोजित तीन दिवसीय निःशुल्क जांच शिविर लगाया गया, जिसमें कुल 500 निबंधित बच्चों में से 497 बच्चों की उपस्थिति रही. उन्होंने कहा कि पहले दिन 189, दूसरे दिन 184 और तीसरे दिन 124 बच्चों की स्क्रीनिंग हुई. पहले दिन की स्क्रीनिंग में 129, दूसरे दिन की स्क्रीनिंग में 118 जबकि तीसरे दिन की स्क्रीनिंग में 85 बच्चे ऐसे पाये गये, जिन्हें सर्जरी के लिए अहमदाबाद भेजने की आवश्यकता है.

मंत्री ने कहा कि इसकी शुरुआत 21 फरवरी 2021 से हुई थी और उसी दिन पहला बैच ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा गया था. उस वक्त से लेकर अब तक राज्य के 262 हृदय रोगों से ग्रसित बच्चों का सफल आपरेशन हुआ है. 10 दिसंबर 2021 को भी 21 और बच्चे राज्य के विभिन्न जिलों से अहमदाबाद इलाज के लिए भेजे गए. अब तक 13 बैच भेजे जा चुके हैं, जिसमें 262 बच्चों का सफल आपरेशन हो चुका है.

मंगल पांडेय ने कहा कि लोगों में इस योजना के तहत जागरुकता लाना आवश्यक है. वो जागरुक होंगे तो जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के आयु वाले बच्चों और किशोरों को हृदय रोग से बचाया जा सकता है. राज्य सरकार इसके लिए हरस्तर पर सहायता कर रही है, ताकि बच्चों को उनका जीवन लौटाया जा सके. राज्य में अभी संचालित होने वाले कैंप में इन रोगों की पहचान की जा रही है. जहां से उनकी स्क्रीनिंग कर इलाज के लिए अहमदाबाद के सत्य सांई हॉस्पिटल भेजने की प्रक्रिया की जाती है. इन बच्चों को उम्र के आधार पर परिवार या अभिभावक के साथ सरकारी खर्च पर हवाई जहाज से सत्य सांई अस्पताल भेजती है. साथ ही भोजन और रहने की भी समुचित व्यवस्था करती है.

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