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गया के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के मामले पर सुनवाई, राज्य सरकार को सभी संबंधित पक्षों के साथ बैठक करने का निर्देश - पटना हाईकोर्ट

गया के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि यह मंदिर सार्वजनिक है. किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है, इसलिए इस मंदिर में पूजा के लिए सबको अवसर देना चाहिए.

पटना
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Published : Nov 26, 2020, 3:52 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने गया के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के मामले पर सुनवाई की है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर बैठक करने का निर्देश दिया. गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने यह सुनवाई की.

गया कोर्ट में अपील पर सुनवाई लंबित
बता दें कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड और मंदिर प्रबंधन समिति के बीच विवाद के मामले में गया कोर्ट में अपील पर सुनवाई लंबित है. कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से तिरुपति, विश्वनाथ मंदिर वाराणसी और वैष्णो देवी मंदिर का प्रबंधन के लिए कानून बनाया गया. उसी तरह विष्णुपद मंदिर के प्रबंधन के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि पुजारियों को पूजा कराने और दक्षिणा लेने के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं किया जाए.

लोगों के आस्था का केंद्र है मंदिर
याचिकाकर्ता के वकील सुमीत सिंह ने कोर्ट को बताया कि यह मंदिर सदियों पुराना है, जो यहां के लोगों के आस्था का केंद्र है. मंदिर के पंडों के हितों का ख्याल रखा जाएगा, लेकिन इस मंदिर से आमलोगों की आस्था जुड़ी हुई हैं. इस जनहित याचिका में मांग की गई थी कि राज्य सरकार इस मंदिर को अपने नियंत्रण में लेकर इसका प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन करें. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.

पटना: पटना हाईकोर्ट ने गया के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के मामले पर सुनवाई की है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर बैठक करने का निर्देश दिया. गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने यह सुनवाई की.

गया कोर्ट में अपील पर सुनवाई लंबित
बता दें कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड और मंदिर प्रबंधन समिति के बीच विवाद के मामले में गया कोर्ट में अपील पर सुनवाई लंबित है. कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से तिरुपति, विश्वनाथ मंदिर वाराणसी और वैष्णो देवी मंदिर का प्रबंधन के लिए कानून बनाया गया. उसी तरह विष्णुपद मंदिर के प्रबंधन के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि पुजारियों को पूजा कराने और दक्षिणा लेने के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं किया जाए.

लोगों के आस्था का केंद्र है मंदिर
याचिकाकर्ता के वकील सुमीत सिंह ने कोर्ट को बताया कि यह मंदिर सदियों पुराना है, जो यहां के लोगों के आस्था का केंद्र है. मंदिर के पंडों के हितों का ख्याल रखा जाएगा, लेकिन इस मंदिर से आमलोगों की आस्था जुड़ी हुई हैं. इस जनहित याचिका में मांग की गई थी कि राज्य सरकार इस मंदिर को अपने नियंत्रण में लेकर इसका प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन करें. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.

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