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हाईवे निर्माण में पेड़ों की कटाई रोकने की जनहित याचिका पर हुई सुनवाई, NHAI से हाईकोर्ट ने मांगा ब्यौरा

नारायणपुर-मनिहारी-पूर्णिया हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई रोकने के लिए दायर जनहिता याचिका पर सुनवाई (Felling of Trees in Highway Construction) करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर NHAI से ब्यौरे के साथ हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

जनहित याचिका पर हुई सुनवाई
हाईवे निर्माण में पेड़ों की कटाई
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Published : Feb 1, 2022, 3:51 PM IST

पटना: नारायणपुर-मनहारी-पूर्णिया हाईवे निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई को रोकने के लिये दायर एक जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की डिवीजन बेंच ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए NHAI को पूरा ब्यौरा देते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- यूपी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से बक्सर को जोड़ने के मामले पर NHAI ने दायर किया हाईकोर्ट में हलफनामा

इससे पूर्व कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पूरक हलफनामा दायर करने को कहा था, जिसमें याचिकाकर्ता को बताने को कहा गया है कि कार्बन के उत्सर्जन को कैसे कम किया जा सकता है. कोर्ट ने पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने की अनुमति पूर्व में ही दे दी थी.

कोर्ट के समक्ष NHAI द्वारा दायर जवाबी हलफनामा में कहा गया था कि पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की जा रही है. यह भी बताया गया था कि पेड़ों को गिराने व ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई 3 फरवरी 2021 और 23 फरवरी 2021 को जिला वन अधिकारी द्वारा दिये गए आदेश के आलोक में हो रहा है.

कोर्ट को जानकारी दी गई कि 8340 पेड़ों को गिराया गया था और 2045 पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है. यह भी कहा गया है कि 90 सेंटीमीटर से अधिक घेरा वाले पेड़ों को गिराया जा रहा है और इससे नीचे के घेरा वाले पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है.

याचिकाकर्ता शाश्वत ने पूर्व में ही कोर्ट को बताया था कि विकास व निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई पर रोक को लेकर 26 जुलाई 2019 को राज्य सरकार के पर्यावरण, वन व मौसम विभाग द्वारा कार्यालयी आदेश भी जारी किया गया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये संबंधित विभागों से विस्तृत योजना रिपोर्ट, क्लीयरेन्स सर्टिफिकेट, योजना पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने को लेकर भी अनुरोध किया है.

जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, पेड़ों की उम्र, इसका पर्यावरण के लिए महत्व व पेड़ों की कटाई से आसपास के पशु-पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आंकलन करने को लेकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने हेतु आदेश देने का अनुरोध भी किया है. याचिका में इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट व पटना हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेशों का भी उल्लेख किया गया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 फरवरी 2022 को होगी.

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पटना: नारायणपुर-मनहारी-पूर्णिया हाईवे निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई को रोकने के लिये दायर एक जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की डिवीजन बेंच ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए NHAI को पूरा ब्यौरा देते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

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इससे पूर्व कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पूरक हलफनामा दायर करने को कहा था, जिसमें याचिकाकर्ता को बताने को कहा गया है कि कार्बन के उत्सर्जन को कैसे कम किया जा सकता है. कोर्ट ने पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने की अनुमति पूर्व में ही दे दी थी.

कोर्ट के समक्ष NHAI द्वारा दायर जवाबी हलफनामा में कहा गया था कि पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की जा रही है. यह भी बताया गया था कि पेड़ों को गिराने व ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई 3 फरवरी 2021 और 23 फरवरी 2021 को जिला वन अधिकारी द्वारा दिये गए आदेश के आलोक में हो रहा है.

कोर्ट को जानकारी दी गई कि 8340 पेड़ों को गिराया गया था और 2045 पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है. यह भी कहा गया है कि 90 सेंटीमीटर से अधिक घेरा वाले पेड़ों को गिराया जा रहा है और इससे नीचे के घेरा वाले पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है.

याचिकाकर्ता शाश्वत ने पूर्व में ही कोर्ट को बताया था कि विकास व निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई पर रोक को लेकर 26 जुलाई 2019 को राज्य सरकार के पर्यावरण, वन व मौसम विभाग द्वारा कार्यालयी आदेश भी जारी किया गया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये संबंधित विभागों से विस्तृत योजना रिपोर्ट, क्लीयरेन्स सर्टिफिकेट, योजना पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने को लेकर भी अनुरोध किया है.

जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, पेड़ों की उम्र, इसका पर्यावरण के लिए महत्व व पेड़ों की कटाई से आसपास के पशु-पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आंकलन करने को लेकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने हेतु आदेश देने का अनुरोध भी किया है. याचिका में इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट व पटना हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेशों का भी उल्लेख किया गया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 फरवरी 2022 को होगी.

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