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पटना हाईकोर्ट में पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटरीकृत किए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई - Justice Ashwani Kumar Singh

राज्य के कई पुलिस स्टेशनों में अब तक कम्प्यूटर की सुविधा नहीं है. ऐसे में मामलों की जांच गतिविधि और केस डायरी हाथों से लिखा जाता हैं. कई बार लिखावट सही नहीं होने से पढ़ने में कठनाई होती है. जबकि राज्य सरकार दिसंबर 2020 तक पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटरीकृत करने का हलफनामा दायर किया था. इस मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई है.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Aug 2, 2022, 5:40 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटरीकृत (Computerization of Police Stations) किए जाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई (Hearing In Patna High Court) की. जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह (Justice Ashwani Kumar Singh) की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए रजिस्ट्रार जनरल, पटना हाईकोर्ट निर्देशक अभियोजन (गृह विभाग) और एडीजी ( SCRB) गृह विभाग को पार्टी बनाने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने एडीजी को अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें: परीक्षा पास होने के बाद भी 6 साल तक सर्टिफिकेट नहीं देने पर HC सख्त, BSEB पर लगाया 5 लाख का जुर्माना

पुलिस स्टेशनों में कम्प्यूटर की सुविधा नहीं: ये जनहित याचिका अधिवक्ता ओम प्रकाश ने दायर की है. जिसमें कोर्ट को बताया गया कि राज्य के बहुत से पुलिस स्टेशनों में कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इस कारण पुलिस स्टेशनों में आपराधिक मामलों की जांच और केस डायरी हाथों से लिखा जाता है. हस्तलिखित जांच रिपोर्ट और केस डायरी पढ़ने में काफी असुविधा होती है, क्योंकि लिखावट स्पष्ट नहीं होता है. इससे कोर्ट को काफी मुश्किलें होतीं हैं और समय भी काफी बर्बाद होता है. न्याय करने में भी कोर्ट को परेशानी होती है.

यह भी पढ़ें- MP-MLA के विरुद्ध लंबित आपराधिक मुकदमों को निपटाने के लिए पटना HC ने मांगा हलफनामा

अब तक नहीं किया जा सका कंप्यूटरीकृत: याचिकाकर्ता अधिवक्ता ओमप्रकाश की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ने दिसंबर 2020 में हलफनामा दायर कर कहा था कि राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों को शीघ्र कंप्यूटरीकृत कर लिया जाएगा लेकिन अभी भी राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटरीकृत नहीं किया जा सका हैं . इससे जहां न्यायिक पदाधिकारीगण को केस डायरी और जांच रिपोर्ट के अध्ययन में कठिनाई होती हैं. वहीं न्याय प्रशासन देने में विलम्ब होता है. इस मामलें पर अगली सुनवाई आगामी 11 सितम्बर को होगी.

पटना: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटरीकृत (Computerization of Police Stations) किए जाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई (Hearing In Patna High Court) की. जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह (Justice Ashwani Kumar Singh) की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए रजिस्ट्रार जनरल, पटना हाईकोर्ट निर्देशक अभियोजन (गृह विभाग) और एडीजी ( SCRB) गृह विभाग को पार्टी बनाने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने एडीजी को अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.

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पुलिस स्टेशनों में कम्प्यूटर की सुविधा नहीं: ये जनहित याचिका अधिवक्ता ओम प्रकाश ने दायर की है. जिसमें कोर्ट को बताया गया कि राज्य के बहुत से पुलिस स्टेशनों में कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इस कारण पुलिस स्टेशनों में आपराधिक मामलों की जांच और केस डायरी हाथों से लिखा जाता है. हस्तलिखित जांच रिपोर्ट और केस डायरी पढ़ने में काफी असुविधा होती है, क्योंकि लिखावट स्पष्ट नहीं होता है. इससे कोर्ट को काफी मुश्किलें होतीं हैं और समय भी काफी बर्बाद होता है. न्याय करने में भी कोर्ट को परेशानी होती है.

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अब तक नहीं किया जा सका कंप्यूटरीकृत: याचिकाकर्ता अधिवक्ता ओमप्रकाश की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ने दिसंबर 2020 में हलफनामा दायर कर कहा था कि राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों को शीघ्र कंप्यूटरीकृत कर लिया जाएगा लेकिन अभी भी राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटरीकृत नहीं किया जा सका हैं . इससे जहां न्यायिक पदाधिकारीगण को केस डायरी और जांच रिपोर्ट के अध्ययन में कठिनाई होती हैं. वहीं न्याय प्रशासन देने में विलम्ब होता है. इस मामलें पर अगली सुनवाई आगामी 11 सितम्बर को होगी.

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