पटनाः राज्य सरकार द्वारा जातियों की गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट में आज भी सुनवाई जारी रहेगी. इस मामले में दायर याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश केवी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. इससे पहले हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे जाति एवं आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी. इस मामले पर आज सुनवाई पूरी होने की संभावना है.
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सर्वेक्षण का 80 फीसदी पूरा हो चुका है कामः गुरुवार को महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा था, जिसमें उन्होंने अदालत को बताया था कि ये सर्वे है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के सम्बन्ध आंकड़ा एकत्रित करना है. इसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के लिए किया जाएगा. सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो चुका है.
राज्य सरकार ने अदालत से ये भी कहा - 'जानकारी देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा रहा, सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो चुका है. जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के समय भी दी जाती है. जातियां समाज का हिस्सा है. हर धर्म में अलग-अलग जातियां होती हैं. ऐसा सर्वेक्षण राज्य सरकार के अधिकार में है'.
याचिकाकर्ता ने अदालत के सामने रखा ये पक्ष: वहीं इससे पहले सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार जो जातीय और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है वो राज्य सरकार के अधिकारक्षेत्र के बाहर है. ये असंवैधानिक है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है. याचिकाकर्ता के वकील अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है. ये सर्वेक्षण केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है.
अदालत के फैसले पर ही टिकी नजरः आपको बता दें कि मई महीने में पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में हो रही जाति आधारित गणना पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद नीतीश सरकार ने एक याचिका दायर कर मामले में जल्द सुनवाई की अपील की थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने सरकार की उस याचिका को भी खारिज कर दिया था और कहा था कि 03 जुलाई को ही इस पर सुनवाई होगी. अब 3 जुलाई से इस मामले पर सुनवाई चल रही है जो आज भी पांचवें दिन भी जारी रहेगी. अब सबकी नजरें अदालत के फैसले पर ही टिकी हुई है.