पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन संस्थान के भवन को हाईकोर्ट को स्थानांतरित करने से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह तक टल गई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता प्रियंका सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 3 जनवरी, 2023 तक राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था.
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याचिका में संस्थान के स्थानांतरण करने की अपील: याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया था कि पटना हाइकोर्ट के पश्चिम में हाईकोर्ट की काफी भूमि है. पटना हाईकोर्ट का लगातार विस्तार हो रहा है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन संस्थान को पटना के मीठापुर स्थित पुराने बस स्टैंड की भूमि में स्थानांतरित किया जा सकता है. वह क्षेत्र शैक्षणिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है.
याचिकाकर्ता की दलील: अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया था कि हाईकोर्ट के प्रशासनिक विस्तार के साथ ही यहां वकीलों, उनके स्टाफ और कई लोग हाईकोर्ट में काम करने वालों की संख्या काफी बढ़ी है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के पूर्वी सीमा पर भी हाईकोर्ट की भूमि है. हाईकोर्ट के विस्तार को देखते हुए हाईकोर्ट को इन भूमि की आवश्यकता है. बड़ी तादाद में वैसे वकील है, जिन्हें हाईकोर्ट में बैठने और कार्य करने की व्यवस्था नहीं है. उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं.
30 जनवरी को अगली सुनवाई: उन्होंने बताया कि जो पूर्वी सीमा पर मूल रूप से हाईकोर्ट को भूमि आवंटित की गई थी, राज्य सरकार ने उस पर एमएलए और सरकारी अधिकारियों के फ्लैट निर्माण कर लिया है. राज्य सरकार को हाईकोर्ट की पूर्वी सीमा से वीरचन्द पटेल पथ तक की भूमि के बदले हाईकोर्ट को भूमि उपलब्ध करानी चाहिए. इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जनवरी, 2023 को की जाएगी.