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लालू यादव की जमानत पर शुक्रवार को होगी झारखंड हाइकोर्ट में  सुनवाई

शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका सुनवाई होने वाली है. तो क्या जमानत मिलने के बाद लालू यादव शुक्रवार को जेल से निकल पाएंगे? जानिए क्या है प्रावधान

रांची
जमानत याचिका पर सुनवाई कल
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Published : Nov 26, 2020, 10:10 PM IST

रांची: चर्चित चारा घोटाला के कई मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद के दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दायर जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. चारा घोटाला के तीन मामले में लालू प्रसाद को जमानत मिली हुई है. ऐसे में चौथे मामले में जमानत मिलते ही वे जेल से रिहा होंगे. 27 नवंबर को हाई कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है, ऐसे में अगर उन्हें जमानत मिल जाती है, फिर भी वह शुक्रवार को जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे. अगर बहुत तेजी से काम किया गया तो शनिवार की शाम तक बाहर हो पाएंगे, अगर शनिवार को सभी औपचारिकताएं पूरी नहीं हुई तो मंगलवार यानी 1 दिसंबर को रिहा होंगे, क्योंकि रविवार को तो कोर्ट बंद ही रहता है, सोमवार को निचली अदालत में अवकाश है.

राजद सूप्रीमो लालू यादव की जमानत अर्जी पर होगी सुनवाई
हाई कोर्ट के अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार से इस बिंदु पर बात करने पर उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट से अगर लालू को जमानत दी जाती है तो, उसके बाद न्यायाधीश के द्वारा आदेश लिखा जाता है. फिर उन्हें ऑफिशियल प्रक्रिया पूरी करने के बाद न्यायाधीश का हस्ताक्षर होता है, उसके बाद फिर आदेश को निचली अदालत में भेजा जाता है. हाई कोर्ट से भेजी गई आदेश जब निचली अदालत पहुंचता है, उसके बाद जमानत में दिए गए शर्त के अनुसार याचिकाकर्ता को निचली अदालत में बेल बॉन्ड भरना पड़ता है, बेल बॉन्ड की प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत फिर निचली अदालत के आदेश को जेल अधिकारी के पास भेजा जाता है.
राजद सुप्रीमो लालू यादव

ये भी पढ़ें- लालू यादव फोन मामले में जेल और जिला प्रशासन आमने-सामने, जांच के बाद होगी आगे की कार्रवाई


जब निचली अदालत के आदेश की कॉपी जेल प्रशासन को जाएगी, उसके बाद जेल प्रशासन उनकी रिहाई की प्रक्रिया पूर्ण करेगी, उसके बाद लालू प्रसाद की रिहाई संभव हो पाएगी. ऐसे में यह स्पष्ट है कि 27 नवंबर को लालू प्रसाद को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी उस दिन उनकी रिहाई नहीं हो सकेगी.

रांची: चर्चित चारा घोटाला के कई मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद के दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दायर जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. चारा घोटाला के तीन मामले में लालू प्रसाद को जमानत मिली हुई है. ऐसे में चौथे मामले में जमानत मिलते ही वे जेल से रिहा होंगे. 27 नवंबर को हाई कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है, ऐसे में अगर उन्हें जमानत मिल जाती है, फिर भी वह शुक्रवार को जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे. अगर बहुत तेजी से काम किया गया तो शनिवार की शाम तक बाहर हो पाएंगे, अगर शनिवार को सभी औपचारिकताएं पूरी नहीं हुई तो मंगलवार यानी 1 दिसंबर को रिहा होंगे, क्योंकि रविवार को तो कोर्ट बंद ही रहता है, सोमवार को निचली अदालत में अवकाश है.

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हाई कोर्ट के अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार से इस बिंदु पर बात करने पर उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट से अगर लालू को जमानत दी जाती है तो, उसके बाद न्यायाधीश के द्वारा आदेश लिखा जाता है. फिर उन्हें ऑफिशियल प्रक्रिया पूरी करने के बाद न्यायाधीश का हस्ताक्षर होता है, उसके बाद फिर आदेश को निचली अदालत में भेजा जाता है. हाई कोर्ट से भेजी गई आदेश जब निचली अदालत पहुंचता है, उसके बाद जमानत में दिए गए शर्त के अनुसार याचिकाकर्ता को निचली अदालत में बेल बॉन्ड भरना पड़ता है, बेल बॉन्ड की प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत फिर निचली अदालत के आदेश को जेल अधिकारी के पास भेजा जाता है.
राजद सुप्रीमो लालू यादव

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जब निचली अदालत के आदेश की कॉपी जेल प्रशासन को जाएगी, उसके बाद जेल प्रशासन उनकी रिहाई की प्रक्रिया पूर्ण करेगी, उसके बाद लालू प्रसाद की रिहाई संभव हो पाएगी. ऐसे में यह स्पष्ट है कि 27 नवंबर को लालू प्रसाद को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी उस दिन उनकी रिहाई नहीं हो सकेगी.

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