पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य में पुलिस द्वारा सही ढंग और स्तरीय जांच नहीं किये जाने के कारण अपराधियों के सजा से बच जाने के मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह (Justice Ashwini Kumar Singh) की खंडपीठ ने अधिवक्ता ओम प्रकाश की जनहित याचिका पर सुनवाई की.
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हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी: कोर्ट ने मामलें पर सुनवाई करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में अपराधियों के सजा पाने से बच जाने के कारण लोगों का आपराधिक न्याय व्यवस्था पर विश्वास कम होते जा रहा है. पुलिस अधिकारियों द्वारा किये जा रहे जांच में त्रुटियों और कमी के कारण अपराधियों को सजा से बच जाते है. बिहार पुलिस एकेडमी के निदेशक ने कोर्ट को बताया कि पुलिस अधिकारियों को जांच और अन्य आपराधिक मामलों को सुलझाने की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया जाता है. उनका समय-समय पर परीक्षा ली जाती हैं और उनके प्रगति का मूल्यांकन होता है, इसमें लगातार सुधार किया जा रहा है.
कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला: पुलिस आधुनकिकरण के एडीजी केके सिंह ने कोर्ट को बताया कि पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण और त्रुटियों पर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि संसाधनों की कमी के कारण भी समस्याएं हैं. फॉरेंसिक लेबोरेट्री में आवश्यक सुधार और सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है. एक फॉरेंसिक लैब पटना में है. दो क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब मुजफ्फरपुर और भागलपुर में भी है. दरभंगा में फॉरेंसिक लैब की स्थापना होने जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि आपराधिक न्याय व्यवस्था को प्रभावी ढंग से जारी रखने के लिए पुलिसकर्मियों सही ढंग से प्रशिक्षित करने की जरूरत है. साथ ही उनकी जांच में जिम्मेदारी तय करना भी आवश्यक है.
कोर्ट ने जाहिर की थी चिंता: बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कहा कि आपराधिक न्याय व्यवस्था को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि अपराधियों को सजा देने का अनुपात बढ़े. पुलिस को संवेदनशील बनाने के साथ ही उनकी कार्यक्षमता और कुशलता बढ़ाने के लिए समय-समय पर वर्कशॉप का आयोजन किया जाए. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि पुलिस के जांच की स्तर सुधारने के लिए क्या हो रहा है. कोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा सही ढंग, वैज्ञानिक और स्तरीय जांच नहीं करने के कारण अपराधियों को सजा नहीं मिलने पर गहरी चिंता जाहिर की थी.
अपराधियों को सजा मिलना सुनिश्चित हो: कोर्ट ने कहा था कि जहां पुलिस अधिकारियों को सही ढंग से आपराधिक मामलों की जांच के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराया जाना जरूरी है. सही तरीके से जांच करने, ठोस सबूत और पक्के गवाह उपलब्ध कराने पर ही अपराधियों को कोर्ट द्वारा सजा दी जा सकेगी. कोर्ट ने कहा था कि जबतक अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी, कोई भी सुरक्षित नहीं रह सकता है. इसके लिए आवश्यक है कि पुलिस के जांच आधुनिक, स्तरीय और वैज्ञानिक हो, जिसमें अपराधियों को सजा मिलना सुनिश्चित हो.
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