पटना: पटना हाईकोर्ट ने रेप और हत्या करने के आरोप में सासाराम की एक अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने मामले को निचली अदालत को भेजते हुए नए सिरे से चार्ज फ्रेमिंग के स्टेज से ट्रायल शुरु करने का आदेश दिया है. जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह (Justice Ashwani Kumar Singh) तथा जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने डेथ रेफरेंस और फांसी की सजा के खिलाफ अभियुक्त बलराम सिंह की ओर से दायर क्रिमिनल अपील पर सुनवाई (Hearing in Patna High Court) के बाद यह आदेश दिया.
यह भी पढ़ें: HC ने मधेपुर डीएम को 18 मई को हाईकोर्ट में हाजिर होने का दिया आदेश, सर्टिफिकेट जाली बताने का मामला
हाईकोर्ट ने मान लिया अनुरोध: अभियुक्त बलराम सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता कृष्णा प्रसाद सिंह ने कोर्ट को बताया कि निचली अदालत ने आनन फानन में तीन महीने में ही ट्रायल सम्पन्न कर फांसी की सजा सुना दी और सम्पुष्टि के लिए हाई कोर्ट को भेजा है. उन्होंने कहा कि ट्रायल में कई प्रकार की त्रुटि है, इसलिए फांसी की सजा को सम्पुष्ट करना न्यायसंगत नहीं होगा. उन्होंने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर नए सिरे से ट्रायल कराने का अनुरोध किया. जिसे हाई कोर्ट ने मान लिया है.
बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोप: बता दें कि अभियुक्त 39 वर्षीय बलराम सिंह पर एक 10 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या करने का आरोप है. मृत बच्ची की दादी की शिकायत पर डालमिया नगर पुलिस ने रेप, हत्या करने के साथ ही पॉक्सो एक्ट के तहत 15 नवम्बर 2020 को मामला दर्ज किया था. जिसके बाद उसी दिन अभियुक्त ने आत्मसमर्पण भी कर दिया. जांच कर पुलिस ने 30 नवम्बर 2020 को चार्जशीट किया.
8 दिसंबर 2020 को चार्ज फ्रेम हुआ. 11 जनवरी 2021को गवाही शुरु हुई और 26 मार्च को समाप्त हो गया. 13 जुलाई को अंतिम सुनवाई हुई और 30 जुलाई को फैसला सुनाया गया. उसी फैसले की सम्पुष्ट करने के लिए निचली अदालत ने हाई कोर्ट को भेजा था, जिसे बतौर डेथ रेफरेंस दर्ज किया गया था.
यह भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट में खुशी अपहरण मामले की सुनवाई, एसएसपी से रिपोर्ट तलब
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP