पटना: सासाराम के ऐतिहासिक महत्व के धरोहर शेरशाह के मकबरे के आसपास बने तालाब में स्वच्छ और ताजा पानी आने के लिए बनाया गए नाले बंद होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 4 सप्ताह में राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया.
ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से 7 साल बाद अपने बच्चे से मिलेगी मां
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: कोर्ट ने प्राची पल्लवी को इस जनहित की सुनवाई में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. कोर्ट ने कहा कि ये ऐतिहासिक धरोहर है, जिसकी सुरक्षा और देखभाल करना आवश्यक है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर ने कोर्ट को बताया कि सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा राष्ट्रीय धरोहर है. इसके तालाब में साफ और ताजा पानी जाने के लिए वहां तक नाले का निर्माण किया गया. साल 2018 से 2020 तक सिर्फ पचास फीसदी नाले का काम हुआ. इसे बाद में खराब माना गया.
कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब: अधिवक्ता ने बताया कि इसमें लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च हुए थे. इसमें काफी अनियमितताएं बरती गई, जिसकी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि ये नाला कूड़ा से भरा पड़ा है. जिस कारण शेरशाह के मकबरे के तालाब में साफ पानी नहीं पहुंच पाता है. वहीं तालाब गंदा और कचड़े से भरा हुआ है. वहां जो पर्यटक आते हैं, उन्हें ऐसी हालत देख कर निराशा होती है. इस मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी.
ये भी पढ़ें- बिहार में चल रहे अवैध ईंट भट्ठों को लेकर पटना हाईकोर्ट सख्त, 29 सितम्बर को अगली सुनवाई