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पटना हाईकोर्ट में बिहार फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार की नियुक्ति को लेकर हुई सुनवाई

बिहार फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार के सेवानिवृत्ति के बाद भी पद पर बने रहने को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई (Hearing In Patna High Court) की. जहां स्वास्थ्य प्रधान सचिव को इस पद पर नए अधिकारी को अविलंब नियुक्त करने का निर्देश दिया गया.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Mar 7, 2022, 8:15 PM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को बिहार फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार (Bihar Pharmacy Council Registrar Appointment) के पद पर नए अधिकारी को अविलंब नियुक्त करने का निर्देश दिया है. इस मामले को लेकर उमा शंकर शर्मा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट में वेंडिंग जोन निर्माण को लेकर सुनवाई, HC का सरकार को हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश

कथित तौर पर सेवानिवृत्ति के बाद भी बिहार फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार के पद पर बने रहने को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की. इससे पूर्व में कोर्ट ने लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी थी.

याचिका में कहा गया है कि रजिस्ट्रार की नियुक्ति स्थाई तौर पर पटना हाईकोर्ट द्वारा एक अवमानना मामले में 19 अगस्त, 2011 को दिए गए आदेश को गलत तरीके से परिभाषित करते हुए बगैर की गई. जिसमें किसी विज्ञापन, साक्षात्कार और बिहार फार्मेसी एक्ट 1948 के सेक्शन 26 (ए) और बिहार सर्विस कोड के नियम 67 (ख) तथा सीसीए रूल्स के नियम 16 का उल्लंघन किया गया.

ये भी पढ़ेंः पटना जिम ट्रेनर गोलीकांड: खुशबू सिंह को पटना हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शिल्पी केसरी का कहना था कि बिहार फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसके बावजूद उन्हें इस पद पर रखकर काम कराया जा रहा है, जो गैर कानूनी है. इस मामले में अभी आगे भी सुनवाई की जाएगी.

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पटनाः पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को बिहार फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार (Bihar Pharmacy Council Registrar Appointment) के पद पर नए अधिकारी को अविलंब नियुक्त करने का निर्देश दिया है. इस मामले को लेकर उमा शंकर शर्मा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की.

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कथित तौर पर सेवानिवृत्ति के बाद भी बिहार फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार के पद पर बने रहने को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की. इससे पूर्व में कोर्ट ने लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी थी.

याचिका में कहा गया है कि रजिस्ट्रार की नियुक्ति स्थाई तौर पर पटना हाईकोर्ट द्वारा एक अवमानना मामले में 19 अगस्त, 2011 को दिए गए आदेश को गलत तरीके से परिभाषित करते हुए बगैर की गई. जिसमें किसी विज्ञापन, साक्षात्कार और बिहार फार्मेसी एक्ट 1948 के सेक्शन 26 (ए) और बिहार सर्विस कोड के नियम 67 (ख) तथा सीसीए रूल्स के नियम 16 का उल्लंघन किया गया.

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याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शिल्पी केसरी का कहना था कि बिहार फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसके बावजूद उन्हें इस पद पर रखकर काम कराया जा रहा है, जो गैर कानूनी है. इस मामले में अभी आगे भी सुनवाई की जाएगी.

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