पटना: राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों व उनके अंतर्गत कॉलेजों में छात्रों के हॉस्टलों की दयनीय हालत पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी कृष्णन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 14 जुलाई 2023 तक का मोहलत दिया है.
हॉस्टलों की दयनीय स्थिति पर कोर्ट में सुनवाई: याचिकाकर्ता विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने अपनी जनहित याचिका में बताया कि राज्य के विश्वविद्यालयों व उनके अंतर्गत कालेजों में छात्रों के हॉस्टलों की स्थिति काफी दयनीय है. उन हॉस्टलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. छात्रों के लिए साफ सुथरे और अच्छे कमरे, स्वच्छ शौचालयों, शुद्ध पेय जल, कैंटीन, बिजली आदि की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.
विद्यार्थियों के पढ़ाई और स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर: याचिका में ये कहा गया कि इससे छात्रों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. इसका प्रभाव उनकी पढ़ाई और स्वास्थ्य पर पड़ता है. इस याचिका में ये अनुरोध किया गया कि छात्रों के लिए नये हॉस्टलों का निर्माण किया जाये, जिनमें उनके लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि उन्हें रहने और पढ़ने लिए सही माहौल मिले.
ठोस कार्रवाई की उम्मीद: याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 23 अक्टूबर 2019 को बिहार सरकार के मुख्य सचिव और सभी सबंधित पक्षों को जानकारी दी गई है. इसमें ये कहा गया कि छात्रों के लिए साफ सुथरे कमरे,स्नानघर, शौचालयों,बिजली आदि की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी.
कोर्ट ने आज इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अबतक की गयी कार्रवाई का ब्यौरा राज्य को 14 जुलाई, 2023 को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 14 जुलाई 2023 को होगी.