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बैरिया से कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट हटाने की मांग वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, नगर निगम से जवाब तलब

पटना के बैरिया से कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट हटाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने नगर निगम को जवाब तलब किया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Nov 18, 2021, 5:57 PM IST

पटनाः राजधानी पटना के संपतचक बैरिया में स्थापित किये जाने वाले कचड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट ( Waste Management Project ) को हटाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की. जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने सुरेश प्रसाद यादव व अन्य द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) से जवाब मांगा है.

इसे भी पढ़ें- मसौढ़ी में सड़क किनारे डंप कर जलाया जा रहा है कूड़ा, राहगीरों और आसपास के लोगों को हो रही परेशानी

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्रीप्रकाश श्रीवास्तव ने खंडपीठ को बताया कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जवाबी हलफनामा से यह स्पष्ट होता है कि बगैर किसी प्रक्रिया का पालन करते हुए संपतचक बैरिया की जनता को गंभीर प्रदूषण झेलने के लिए छोड़ दिया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति भी नहीं ली गई है. इस कारण से एक ओर वायु प्रदूषण फैल रहा है, तो दूसरी ओर कृषि योग्य भूमि पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

याचिका में यह प्रश्न उठाया गया कि किस कानूनी अधिकार के तहत पंचायत क्षेत्र में पड़ने वाले इस जगह का चयन कचड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट के लिए किया गया है? साथ ही यह भी कहा गया कि कृषि भूमि पर स्थापित किये जाने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए बैरिया कर्णपुरा पंचायत राज से किसी भी प्रकार की अनुमति ली गई है?

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नगर विकास व आवास विभाग के आयुक्त, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पटना नगर निगम से स्पष्टीकरण पूछने सह शो-कॉज करने का आग्रह भी इस याचिका में किया गया है. बता दें कि प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण किये जाने के पूर्व पंचायत राज बैरिया के ग्राम सभा द्वारा एक बैठक भी 29 दिसंबर, 2006 को बुलाई गई थी, जिसमें इस प्रोजेक्ट को लेकर विरोध जताया था. इस मामले पर आगे भी सुनवाई की जाएगी.

पटनाः राजधानी पटना के संपतचक बैरिया में स्थापित किये जाने वाले कचड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट ( Waste Management Project ) को हटाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की. जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने सुरेश प्रसाद यादव व अन्य द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) से जवाब मांगा है.

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्रीप्रकाश श्रीवास्तव ने खंडपीठ को बताया कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जवाबी हलफनामा से यह स्पष्ट होता है कि बगैर किसी प्रक्रिया का पालन करते हुए संपतचक बैरिया की जनता को गंभीर प्रदूषण झेलने के लिए छोड़ दिया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति भी नहीं ली गई है. इस कारण से एक ओर वायु प्रदूषण फैल रहा है, तो दूसरी ओर कृषि योग्य भूमि पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

याचिका में यह प्रश्न उठाया गया कि किस कानूनी अधिकार के तहत पंचायत क्षेत्र में पड़ने वाले इस जगह का चयन कचड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट के लिए किया गया है? साथ ही यह भी कहा गया कि कृषि भूमि पर स्थापित किये जाने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए बैरिया कर्णपुरा पंचायत राज से किसी भी प्रकार की अनुमति ली गई है?

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नगर विकास व आवास विभाग के आयुक्त, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पटना नगर निगम से स्पष्टीकरण पूछने सह शो-कॉज करने का आग्रह भी इस याचिका में किया गया है. बता दें कि प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण किये जाने के पूर्व पंचायत राज बैरिया के ग्राम सभा द्वारा एक बैठक भी 29 दिसंबर, 2006 को बुलाई गई थी, जिसमें इस प्रोजेक्ट को लेकर विरोध जताया था. इस मामले पर आगे भी सुनवाई की जाएगी.

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