पटना: कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की तीसरी लहर को लेकर बिहार सरकार तैयारी में जुटी है. सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बने गाइडलाइन के पालन की बात करती है, लेकिन पटना जंक्शन (Patna Junction) पर ऐसा कुछ नजर नहीं आता. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का कहर थमने पर लोग एक बार फिर यात्रा के लिए घर से निकल रहे हैं. इसके चलते रेलवे स्टेशनों पर भीड़ जुट रही है.
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पटना जंक्शन पर भी यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है. यहां यात्रियों की कोरोना जांच (Corona Test) के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात तो किया गया है, लेकिन जांच में लापरवाही बरती जा रही है. लोग बिना मास्क के ही घूमते नजर आ रहे हैं. पटना जंक्शन पर सघन कोरोना जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन इसका पालन होता नहीं दिखता. स्वास्थ्य कर्मी जांच केंद्र में बैठे नजर आते हैं, लेकिन यात्रियों की जांच नहीं करते.
कोई यात्री खुद जांच कराने आता है तभी स्वास्थ्य कर्मी उनकी जांच करते हैं. स्वास्थ्य कर्मियों के साथ पुलिस के जवानों की भी ड्यूटी लगाई गई है. इन्हें यात्रियों की जांच में सहयोग करने की जिम्मेदारी दी गई है. यहां स्वास्थ्य कर्मी से लेकर सिपाही तक सभी कुर्सी पर बैठे-बैठे ड्यूटी करते दिखते हैं. कोई यात्री अपनी मर्जी से जांच काउंटर पर पहुंचता है तो उसकी जांच की जाती है. शुक्रवार को सुबह से लेकर दोपहर 3 बजे तक मात्र 105 यात्रियों की जांच की गई.
"यहां कोरोना जांच नहीं हो रही है. लोग भी अपनी जांच नहीं करा रहे हैं. प्रशासन के लोग जांच में लापरवाही बरत रहे हैं."- अभिषेक, केरल से लौटे यात्री
"यहां कोरोना जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. कोरोना जांच के लिए जिन लोगों को तैनात किया गया है वे लोग बैठे रहते हैं."- अमरेश, यात्री
ईटीवी भारत के कैमरे में जो तस्वीर कैद हुई है उसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पटना जंक्शन पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन जिन स्वास्थ्य कर्मियों को यात्रियों की जांच करनी चाहिए वे बैठकर गपशप करते रहते हैं. यात्री भी लापरवाह दिख रहे हैं. कोरोना की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं.
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