ETV Bharat / state

'कोरोना वैक्सीन लेने से डर रहे हैं स्वास्थ्य कर्मी, जनप्रतिनिधि आएं आगे' - bihar Corona vaccination news

प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में रुझान है कम, डॉक्टर बोले रुझान बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधि आगे आकर लें टीका.

Corona vaccination  in bihar
Corona vaccination in bihar
author img

By

Published : Jan 23, 2021, 6:08 PM IST

पटना: प्रदेश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. लेकिन इस अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों की ज्यादा रुचि देखने को नहीं मिल रही है. अब तक के वैक्सीनेशन में लगभग 53 फीसदी ही स्वास्थ्य कर्मी वैक्सीनेशन के लिए सामने आए हैं. अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी निजी कारण और ड्रग एलर्जी का कारण बताकर वैक्सीनेशन के लिए नहीं आ रहे हैं.

स्वास्थ्य कर्मियों में वैक्सीनेशन को लेकर जागरुकता बढ़े, इसके लिए जनप्रतिनिधि से अपील कर रहे हैं कि वह बढ़-चढ़कर आगे आएं. खुद पहले वैक्सीन लें, ताकि लोगों में वैक्सीन को लेकर एक विश्वास कायम हो.

देखें रिपोर्ट

जनप्रतिनिधियों को आना चाहिए सामने
पटना के मशहूर चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि वह समझते हैं कि वैक्सीन के प्रति स्वास्थ्य कर्मियों में भरोसा बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधियों को सामने आना चाहिए. जैसे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री आगे आए और पहले कोरोना के कोवैक्सीन का टीका लें.

"भारत के दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं. लेकिन जो स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन है, सभी जनप्रतिनिधि इस वैक्सीन का टीका लें. जनप्रतिनिधियों की इस पहल से लोगों में वैक्सीन को लेकर विश्वास निश्चित तौर पर बढ़ेगा. जो दो वैक्सीन है, उसमें से कोवैक्सीन को लेकर लोगों के मन में आशंकाएं ज्यादा है. इसकी प्रमुख वजह यह है कि इसके क्लिनिकल ट्रायल के थर्ड फेज का रिजल्ट अब तक सामने नहीं आया है. इसे सामने आने में मार्च का महीना लग जाएगा"- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

वैक्सीन की पढ़ते हैं रिपोर्ट
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि जो डॉक्टर होते हैं, वह रिसर्च बेस्ड ड्रग और वैक्सीन लेना पसंद करते हैं. ऐसे में वह तलाशते हैं कि वैक्सीन को लेकर रिपोर्ट किस मेडिकल जर्नल में छिपा है और क्या छिपा है.

"वैक्सीन को लेकर संदेह इसलिए भी लोगों के मन में बढ़ गया है. क्योंकि सरकार ने पहले कहा था कि वैक्सीन सभी के लिए सुरक्षित है. लेकिन बाद में निर्देश आया कि कुछ रेडफ्लेक्स है, जैसे कि जिन्हें एलर्जी हैं या फिर जो ब्लड थिनर का सेवन करते हैं, उन्हें यह वैक्सीन नहीं लेना है. सरकार को एलर्जी को डिफाइन करने की जरूरत है कि किस प्रकार की एलर्जी के लोग यह वैक्सीन नहीं ले सकते हैं. 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और अधिकांश डॉक्टर हार्ट अटैक से बचने के लिए ब्लड थिनर का सेवन करते हैं. ऐसे में यह डॉक्टर भी वैक्सीन नहीं ले सकते हैं. जबकि वैक्सीन के लिए स्वास्थ्य विभाग में सभी स्वास्थ्य कर्मियों का नाम गया हुआ है"- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

ये भी पढ़ें: तेजप्रताप के ट्वीट पर बोले JDU नेता- 'पता नहीं जी कौन सा नशा करता है'

अलग से सेशन तैयार करे सरकार
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि एक अलग से सेशन तैयार करे, जिसमें वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में जितनी भी सुविधाएं हैं, उसको दूर किया जा सके. इसके साथ ही प्रभावशाली राजनेता कोवैक्सीन का टीका लें. ताकि लोगों पर इसका सकारात्मक असर हो.

पटना: प्रदेश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. लेकिन इस अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों की ज्यादा रुचि देखने को नहीं मिल रही है. अब तक के वैक्सीनेशन में लगभग 53 फीसदी ही स्वास्थ्य कर्मी वैक्सीनेशन के लिए सामने आए हैं. अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी निजी कारण और ड्रग एलर्जी का कारण बताकर वैक्सीनेशन के लिए नहीं आ रहे हैं.

स्वास्थ्य कर्मियों में वैक्सीनेशन को लेकर जागरुकता बढ़े, इसके लिए जनप्रतिनिधि से अपील कर रहे हैं कि वह बढ़-चढ़कर आगे आएं. खुद पहले वैक्सीन लें, ताकि लोगों में वैक्सीन को लेकर एक विश्वास कायम हो.

देखें रिपोर्ट

जनप्रतिनिधियों को आना चाहिए सामने
पटना के मशहूर चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि वह समझते हैं कि वैक्सीन के प्रति स्वास्थ्य कर्मियों में भरोसा बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधियों को सामने आना चाहिए. जैसे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री आगे आए और पहले कोरोना के कोवैक्सीन का टीका लें.

"भारत के दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं. लेकिन जो स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन है, सभी जनप्रतिनिधि इस वैक्सीन का टीका लें. जनप्रतिनिधियों की इस पहल से लोगों में वैक्सीन को लेकर विश्वास निश्चित तौर पर बढ़ेगा. जो दो वैक्सीन है, उसमें से कोवैक्सीन को लेकर लोगों के मन में आशंकाएं ज्यादा है. इसकी प्रमुख वजह यह है कि इसके क्लिनिकल ट्रायल के थर्ड फेज का रिजल्ट अब तक सामने नहीं आया है. इसे सामने आने में मार्च का महीना लग जाएगा"- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

वैक्सीन की पढ़ते हैं रिपोर्ट
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि जो डॉक्टर होते हैं, वह रिसर्च बेस्ड ड्रग और वैक्सीन लेना पसंद करते हैं. ऐसे में वह तलाशते हैं कि वैक्सीन को लेकर रिपोर्ट किस मेडिकल जर्नल में छिपा है और क्या छिपा है.

"वैक्सीन को लेकर संदेह इसलिए भी लोगों के मन में बढ़ गया है. क्योंकि सरकार ने पहले कहा था कि वैक्सीन सभी के लिए सुरक्षित है. लेकिन बाद में निर्देश आया कि कुछ रेडफ्लेक्स है, जैसे कि जिन्हें एलर्जी हैं या फिर जो ब्लड थिनर का सेवन करते हैं, उन्हें यह वैक्सीन नहीं लेना है. सरकार को एलर्जी को डिफाइन करने की जरूरत है कि किस प्रकार की एलर्जी के लोग यह वैक्सीन नहीं ले सकते हैं. 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और अधिकांश डॉक्टर हार्ट अटैक से बचने के लिए ब्लड थिनर का सेवन करते हैं. ऐसे में यह डॉक्टर भी वैक्सीन नहीं ले सकते हैं. जबकि वैक्सीन के लिए स्वास्थ्य विभाग में सभी स्वास्थ्य कर्मियों का नाम गया हुआ है"- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

ये भी पढ़ें: तेजप्रताप के ट्वीट पर बोले JDU नेता- 'पता नहीं जी कौन सा नशा करता है'

अलग से सेशन तैयार करे सरकार
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि एक अलग से सेशन तैयार करे, जिसमें वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में जितनी भी सुविधाएं हैं, उसको दूर किया जा सके. इसके साथ ही प्रभावशाली राजनेता कोवैक्सीन का टीका लें. ताकि लोगों पर इसका सकारात्मक असर हो.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.