पटना: बिहार के जेलों में बंद बीमार कैदी अब अच्छा हेल्थ ट्रीटमेंट ले सकते हैं. इसके लिए उन्हें अभी चार श्रेणी में बांटने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत जेलों में कैदियों के लिए हेल्थ ट्रैकिंग सिस्टम (Health Tracking System for Prisoners in Jails) लागू किया जाएगा. बिहार के जेलों में प्रवेश करने वाले कैदी की जांच तो की ही जाएगी साथ ही उसकी तस्वीर एक परफॉर्मा पर अपलोड भी की जाएगी. इसके अलावा जेल में बंद बीमार कैदियों का फोल्डर तैयार किया जाएगा, जिसमें 4 तरह का रंग होगा. इसके अलावा हर 3 महीने पर कैदियों का वजन चेक किया जाएगा. इसके अलावा रोज बीपी और शुगर की जांच की जाएगी. जेलों में बंद कैदियों की रोज पैथोलॉजी जांच भी की जाएगी.
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ऐसे रखी जाएगी बीमार कैदियों पर नजर: जेल आईजी की माने तो जेल में बंद बीमार कैदियों के फोल्डर उनके बीमारी के रंग के हिसाब से तय किए जाएंगे. फोल्डर पर जेल आईडी नंबर भी लिखा होगा. यही नहीं जेल में बंद बीमार कैदियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति की स्क्रीनिंग भी की जाएगी. बंदियो को उनकी बीमारियों के हिसाब से अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाएगा. स्वास्थ्य की जांच होने के समय ही उनकी स्थिति के हिसाब से उन्हें 4 श्रेणियों में बांटा जाएगा. इसी आधार पर उनकी ओपीडी स्लिप भी जारी की जाएगी.
स्लिप के रंग से पता चलेगी बिमारी: जेल आईजी के अनुसार बीमार बंदियो का केस सीट भी तैयार किया जाएगा. जो कैदी वार्ड में भर्ती होंगे उनकी प्रतिदिन की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी. अगर कोई कैदी ड्रग एडिक्ट हो गया हो तो उसे वार्ड में भर्ती किया जाएगा. जेल प्रशासन के मुताबिक अगर मरीज सामान्य है तो उसे हरे रंग की ओपीडी स्लिप जारी की जाएगी. वायरल इनफेक्शन मलेरिया चैस संरक्षण और पेट संबंधित रोगों के लिए पीला स्लिप जारी किया जाएगा. वहीं लाइफटाइम डिजीज के लिए नारंगी. इमरजेंसी, अल्कोहल, ड्रग एडिक्ट, टीवी और एचआईवी पीड़ितों को लाल रंग की ओपीडी स्लिप मिलेगा. जेल आईजी ने बिहार के सभी जिले के डीएम को इसे लेकर निर्देश जारी किया है. जिसमें जेल में बंद कैदियों की रोज पीवीसी लिक्विड प्रोफाइल के साथ-साथ जांच कराई जाएगी. महीने में एक बार स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन हर जेल में किया जाएगा, ताकि बीमार कैदियों को अच्छी सुविधा मिल सके.