पटना: कोरोना की दूसरी लहर ने बिहार के गांव को भी अपनी चपेट में ले लिया है. बड़ी संख्या में गांव में लोग संक्रमित हो रहे हैं. गांव में शहरों की तरह स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं है. ऐसे में सरकार के सामने गांव के लोगों को बचाना चुनौती है.
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'संक्रमण के रफ्तार में लगी ब्रेक'
कोरोना के रफ्तार में थोड़ी ब्रेक लगी है. पूरे बिहार में लगभग 7500 संक्रमित मरीज मिले हैं. हालांकि सरकार ने लॉकडाउन की मियाद को 25 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. लॉकडाउन में संक्रमण में कमी आने से उत्साहित होकर सरकार ने लॉकडाउन को बढ़ाया है. सरकार के सामने चुनौती गांव को बचाने की है. दूसरी लहर में ग्रामीण त्राहिमाम कर रहे हैं. संक्रमण गांव में भी तेजी से फैल रहा है.
'गांव में जो लोग जांच के बाद संक्रमित पाए जाते हैं. कंट्रोल रूम के जरिए उन्हें पूरी सहायता दी जाती है. दवाई के किट उन्हें उपलब्ध कराए जाते हैं. और लगातार उनकी काउंसलिंग की जाती है. संक्रमण न फैले इसके लिए सरकार ने पाबंदियों को बढ़ाने का काम किया है.'- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
'गांव को बचाने के लिए लॉकडाउन बढ़ाया गया'
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि दूसरी लहर में संक्रमण गांव में तेजी से फैल रहा है. स्वास्थ्य विभाग संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास कर रही है. सरकार टेस्टिंग ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट पर ध्यान केंद्रित कर रही है.