ETV Bharat / state

पर्यावरण पर खतरा: यूं ही होती रहेगी पीपल के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई तो भला कैसे बचेगी हरियाली!

author img

By

Published : Jun 20, 2021, 11:08 PM IST

जिस पीपल के पेड़ को पर्यावरण का सबसे अच्छा मित्र माना जाता है, उसी की मसौढ़ी में अंधाधुंध कटाई की जा रही है. कहा जा रहा है कि इन हरे वृक्षों की कटाई गैरकानूनी तरीके से हो रही है, लेकिन हैरत की बात ये है कि इसे रोकने या ऐसे लोगों पर लगाम लगाने के लिए कोई पहल नहीं हो रही है.

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई

पटना(मसौढ़ी): एक तरफ तो राज्य सरकार 'जल जीवन हरियाली' के तहत सूबे में पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करने मे जुटी है, वहीं दूसरी तरफ राजधानी के ग्रामीण इलाकों में लोग हरे वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं. इन पेड़ों में पीपल भी शामिल है, जिसे पर्यावरण का सबसे अच्छा मित्र माना जाता है.

ये भी पढ़ें- विश्व पर्यावरण दिवस: धनरूआ में युवाओं की टीम बना रही 'बीज बम', 10 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य

ठेंगे पर कानून!
मसौढ़ी में कई जगहों पर हरे वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. इन हरे पेड़ों की कटाई गैरकानूनी तरीके से हो रही है. वन अधिनियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए पीपल समेत अन्य पेड़ों की कटाई की जा रही है. वन विभाग से लेकर स्थानीय प्रशासन तक, कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है.

पर्यावरण पर खतरा
हम सब जानते हैं कि पीपल हो या अन्य पेड़, सभी पर्यावरण के लिए जरूरी हैं. इसके बावजूद मसौढ़ी अनुमंडल के मसौढ़ी, धनरूआऔर पुनपुन में कई जगहों पर हरे वृक्षों की कटाई चल रही है. जाहिर है इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है.

पेड़ों की कटाई करते लोग
पेड़ों की कटाई करते लोग

कार्रवाई का दावा
पटना वन प्रमंडल के वन पदाधिकारी पुरूषोत्तम सिंह की मानें तो वैसे लोग, जो हरे वृक्षों की कटाई करते पकड़े जाएंगे उन पर कठोर कारवाई की जाएगी. साथ ही अगर कोई निजी जमीन पर भी हरे वृक्ष की कटाई कर रहा है तो उसके लिए भी वन विभाग से परमिट लेनी होगी.

ये भी पढ़ें- 2021 में बिहार में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, बांस से जुड़े उद्योग को दिया जाएगा बढ़ावा

पीपल पर्यावरण का मित्र
पीपल के पेड़ को हवा को शुद्ध करने वाला सबसे अहम वृक्ष माना गया है. पीपल एक ऐसा वृक्ष है जो सूर्य के ताप को रोक लेता है. इसके पेड़ पर लगने वाला फल पिपरी को सुखाकर कई प्रकार की दवाओं में प्रयोग किया जाता है. यह सांस, जुकाम, कब्ज, त्वचा, दांत और घाव ठीक करने में असरदार साबित होता है

पीपल की पूजा का महत्व
पद्मपुराण के अनुसार पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु का रुप है. इसलिए इसे धार्मिक क्षेत्र में श्रेष्ठ देव वृक्ष की पदवी मिली और इसका विधि विधान से पूजन आरंभ हुआ. माना जाता है कि पीपल की जड़ में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सब देवताओं से युक्त अच्युत सदा निवास करते हैं.

पटना(मसौढ़ी): एक तरफ तो राज्य सरकार 'जल जीवन हरियाली' के तहत सूबे में पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करने मे जुटी है, वहीं दूसरी तरफ राजधानी के ग्रामीण इलाकों में लोग हरे वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं. इन पेड़ों में पीपल भी शामिल है, जिसे पर्यावरण का सबसे अच्छा मित्र माना जाता है.

ये भी पढ़ें- विश्व पर्यावरण दिवस: धनरूआ में युवाओं की टीम बना रही 'बीज बम', 10 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य

ठेंगे पर कानून!
मसौढ़ी में कई जगहों पर हरे वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. इन हरे पेड़ों की कटाई गैरकानूनी तरीके से हो रही है. वन अधिनियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए पीपल समेत अन्य पेड़ों की कटाई की जा रही है. वन विभाग से लेकर स्थानीय प्रशासन तक, कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है.

पर्यावरण पर खतरा
हम सब जानते हैं कि पीपल हो या अन्य पेड़, सभी पर्यावरण के लिए जरूरी हैं. इसके बावजूद मसौढ़ी अनुमंडल के मसौढ़ी, धनरूआऔर पुनपुन में कई जगहों पर हरे वृक्षों की कटाई चल रही है. जाहिर है इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है.

पेड़ों की कटाई करते लोग
पेड़ों की कटाई करते लोग

कार्रवाई का दावा
पटना वन प्रमंडल के वन पदाधिकारी पुरूषोत्तम सिंह की मानें तो वैसे लोग, जो हरे वृक्षों की कटाई करते पकड़े जाएंगे उन पर कठोर कारवाई की जाएगी. साथ ही अगर कोई निजी जमीन पर भी हरे वृक्ष की कटाई कर रहा है तो उसके लिए भी वन विभाग से परमिट लेनी होगी.

ये भी पढ़ें- 2021 में बिहार में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, बांस से जुड़े उद्योग को दिया जाएगा बढ़ावा

पीपल पर्यावरण का मित्र
पीपल के पेड़ को हवा को शुद्ध करने वाला सबसे अहम वृक्ष माना गया है. पीपल एक ऐसा वृक्ष है जो सूर्य के ताप को रोक लेता है. इसके पेड़ पर लगने वाला फल पिपरी को सुखाकर कई प्रकार की दवाओं में प्रयोग किया जाता है. यह सांस, जुकाम, कब्ज, त्वचा, दांत और घाव ठीक करने में असरदार साबित होता है

पीपल की पूजा का महत्व
पद्मपुराण के अनुसार पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु का रुप है. इसलिए इसे धार्मिक क्षेत्र में श्रेष्ठ देव वृक्ष की पदवी मिली और इसका विधि विधान से पूजन आरंभ हुआ. माना जाता है कि पीपल की जड़ में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सब देवताओं से युक्त अच्युत सदा निवास करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.