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आज है हरितालिका तीज, जानें कब तक है शुभ मुहूर्त - हरितालिका तीज

सुहागन महिलाएं अपने सुहाग की दीर्घायु की कामना के साथ चौबीस घंटे का व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करेंगी. कुंवारी लड़कियां भी सुंदर पति की चाह में यह व्रत रखती हैं.

हरितालिका तीज
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Published : Sep 2, 2019, 7:53 AM IST

पटनाः पूरे बिहार में हरितालिका तीज धूम-धाम से मनाया जा रहा है. आज सुहागन महिलाएं सोलह शृंगार करके भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करेंगी. साथ ही अपने पति की लंबी आयु की कामना करेंगी.

राजधानी में तीज की धूम
राजधानी में हरतालिका का व्रत यानी तीज की धूम है. महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखती हैं. इस बार तीज की पूजा करने का सही समय क्या है और क्यों करती हैं महिलाएं तीज, पुजारी भीम ओझा ने हमें इसके बारे में जानकारी दी.

सुबह 10 बजे तक कर लेनी है पूजा
पुजारी भीम ओझा ने बताया कि यह तीज पर्व रविवार यानी कि रात 8:00 बजे से चढ़ चुका है और सुबह 10:00 बजे तक रहेगा. यानी 10 बजे तक महिलाओं को पूजा पाठ कर लेनी है. 10 बजे तक पूजा कर लेने का खास महत्व है. पूजा के बाद महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास रखेंगी. महिलाएं अगले दिन सुबह उपवास तोड़ेंगी. तीज के दिन महिलाएं शिव को पूजा करती हैं. भगवान शिव से अपने पति के दीर्घायु होने और उनके स्वास्थ्य की कामना करती हैं.

भीम ओझा, पुजारी

पार्वती ने की थी शिव को पाने की अराधना
यह पर्व भाद्रपद मास के तृतीया तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि पार्वती को शिव बहुत पसंद थे. उन्होंने शिव को पसंद करने के लिए भाद्रपद मास के तृतीया तिथि को निर्जला हठ व्रत किया था. जिसके बाद शिव उन्हें प्राप्त हुए थे. माता पार्वती को शिव को प्राप्त करने की हठ देखकर भाद्रपद मास के तृतीय तिथि को भगवान शिव की आराधना करने को कहा गया था.

patna
कॉनसेप्ट इमेज

पति की लंबी उम्र के लिए व्रत
इसीलिए हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं के प्रमुख व्रतों में से एक है. यह व्रत पति की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए रखा जाता है. इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता गौरी और भगवान भोले नाथ की आराधना करती हैं. हिन्‍दू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर साल भादो माह की शुक्‍ल पक्ष तृतीया को आता है.

पटनाः पूरे बिहार में हरितालिका तीज धूम-धाम से मनाया जा रहा है. आज सुहागन महिलाएं सोलह शृंगार करके भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करेंगी. साथ ही अपने पति की लंबी आयु की कामना करेंगी.

राजधानी में तीज की धूम
राजधानी में हरतालिका का व्रत यानी तीज की धूम है. महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखती हैं. इस बार तीज की पूजा करने का सही समय क्या है और क्यों करती हैं महिलाएं तीज, पुजारी भीम ओझा ने हमें इसके बारे में जानकारी दी.

सुबह 10 बजे तक कर लेनी है पूजा
पुजारी भीम ओझा ने बताया कि यह तीज पर्व रविवार यानी कि रात 8:00 बजे से चढ़ चुका है और सुबह 10:00 बजे तक रहेगा. यानी 10 बजे तक महिलाओं को पूजा पाठ कर लेनी है. 10 बजे तक पूजा कर लेने का खास महत्व है. पूजा के बाद महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास रखेंगी. महिलाएं अगले दिन सुबह उपवास तोड़ेंगी. तीज के दिन महिलाएं शिव को पूजा करती हैं. भगवान शिव से अपने पति के दीर्घायु होने और उनके स्वास्थ्य की कामना करती हैं.

भीम ओझा, पुजारी

पार्वती ने की थी शिव को पाने की अराधना
यह पर्व भाद्रपद मास के तृतीया तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि पार्वती को शिव बहुत पसंद थे. उन्होंने शिव को पसंद करने के लिए भाद्रपद मास के तृतीया तिथि को निर्जला हठ व्रत किया था. जिसके बाद शिव उन्हें प्राप्त हुए थे. माता पार्वती को शिव को प्राप्त करने की हठ देखकर भाद्रपद मास के तृतीय तिथि को भगवान शिव की आराधना करने को कहा गया था.

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पति की लंबी उम्र के लिए व्रत
इसीलिए हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं के प्रमुख व्रतों में से एक है. यह व्रत पति की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए रखा जाता है. इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता गौरी और भगवान भोले नाथ की आराधना करती हैं. हिन्‍दू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर साल भादो माह की शुक्‍ल पक्ष तृतीया को आता है.

Intro:सोमवार यानी कि कल हरतालिका का व्रत यानी की तीज है. महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखती हैं. तीज का योग कब से शुरू हो रहा है और क्यों करती हैं महिलाएं तीज बताया पुजारी भीम ओझा ने…


Body:पुजारी भीम ओझा ने बताया कि यह तीज पर्व रविवार यानी कि आज रात 8:00 बजे से चढ़ रहा है और कल सुबह 10:00 बजे तक रहेगा. इसका मतलब यह है कि 10:00 बजे तक महिलाओं को पूजा पाठ कर लेनी है. 10:00 बजे तक पूजा कर लेने का खास महत्व है. पूजा के बाद महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास रखेंगी. महिलाएं अगले दिन सुबह उपवास तोड़ेंगी. तीज के दिन महिलाएं शिव को पूजा करती हैं. भगवान शिव से अपने पति के दीर्घायु होने और उनके स्वास्थ्य की कामना करती हैं.


Conclusion:यह पर्व भाद्रपद मास के तृतीया तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि पार्वती को शिव बहुत पसंद थे उन्होंने शिव को पसंद करने के लिए भाद्रपद मास के तृतीया तिथि को निर्जला हठ व्रत किया था. जिसके बाद शिव उन्हें प्राप्त हुए थे. माता पार्वती को शिव को प्राप्त करने की हठ देखकर भाद्रपद मास के तृतीय तिथि को भगवान शिव की आराधना करने को कहा गया था.
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