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क्या, नीतीश कुमार के लिए एनडीए के बंद दरवाजे की चाबी लेकर आएं हैं हरिवंश! खरमास बाद उलटफेर के कयास - Harivansh Bihar tour

बिहार में खरमास के बाद राजनीतिक उठापटक हो सकती है. कयास लगाये जा रहे हैं कि नीतीश कुमार पाला बदल सकते हैं. जीतन राम मांझी ने भी कहा था कि खरमास के बाद नीतीश कुमार एनडीए में आ सकते हैं. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश दो दिन के बिहार दौरे पर हैं. ऐसे में राजनीति गलियारे में इस बात की चर्चा फिर से जोर पकड़ने लगी है कि 14 जनवरी के बाद कुछ हो सकता है. क्योंकि, हरिवंश की नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार से नजदीकी सबको पता है. पढ़ें विस्तार से.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 11, 2024, 8:04 PM IST

बिहार की राजनीति में उलटफेर के कयास.

पटनाः मकर संक्रांति में दही चूड़ा के साथ खिचड़ी का विशेष महत्व होता है. बिहार के राजनीतिक गलियारे में भी खरमास के बाद खिचड़ी पकने वाली है. इसकी तैयारी हो रही है. जिस आग पर खिचड़ी पक रही है उसे हवा दे रहा है हरिवंश का बिहार दौरा. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश इन दिनों बिहार दौरे पर हैं. नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात होने की बात सामने आ रही है. राजनीति के जानकार कहते हैं कि 2017 में जब नीतीश कुमार ने पाला बदला था तो उस समय भी हरिवंश ने बड़ी भूमिका निभाई थी.

नीतीश और एनडीए के बीच बन सकते हैं सेतुः हरिवंश जदयू के राज्यसभा सांसद हैं. उनको राजनीति में लाने का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है. दो बार से जदयू के राज्यसभा सांसद हैं. नीतीश कुमार के साथ तो उनकी नजदीकियां स्वाभिक है, लेकिन कहा यह भी जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनको पसंद करते हैं. हरिवंश जदयू की बैठकों में शामिल नहीं होते हैं और इसको लेकर उन पर आरोप भी लगता रहा है. लेकिन, इसके बाद भी नीतीश कुमार ने अब तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं की है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हरिवंश नीतीश कुमार के लिए एनडीए में जाने के लिए सेतु का काम कर सकते हैं.

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हरिवंश पार्टी लाइन से हटकर काम किया, कार्यवाही नहीं हुई:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से ललन सिंह से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ली है, उसके बाद कई तरह के कयास लग रहे हैं. लालू प्रसाद और राजद के साथ अब पहले वाली नजदीकियां भी नहीं रही है. सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस से भी नीतीश कुमार की नाराजगी साफ दिखती है. यही कारण है कि नीतीश कुमार के पाला बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं. इसमें हरिवंश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन पर कई तरह के आरोप भी लगे थे. हरिवंश ने जदयू के विरोध के बाद भी संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया था. इसके बाद भी नीतीश कुमार ने ना तो उनके खिलाफ कोई बयान दिया और ना ही कोई कार्यवाही की.

"नीतीश कुमार को लेकर चर्चा है कि एनडीए में फिर से आ सकते हैं, तो कुछ लोग कह रहे हैं कि इंडिया गठबंधन में ही रहेंगे. नीतीश कुमार के पाला बदलने की जब बात होती है तो हरिवंश जी की चर्चा होने लगती है. हरिवंश जी की पुरानी मित्रता रही है. जदयू कोटे से ही राज्यसभा में गए. बीजेपी के साथ भी उनकी मित्रता है, ऐसे में नीतीश कुमार यदि एनडीए में आते हैं तो उनकी बड़ी भूमिका हो सकती है और एक सेतु का काम कर सकते हैं."- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विश्लेषक

राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं हैः जदयू के नेता फिलहाल नीतीश कुमार के पाला बदलने की बात से इनकार कर रहे हैं. जदयू संसद चंदेश्वर सिंह चंद्रवंशी का कहना है हम लोग भी चर्चा ही सुन रहे हैं लेकिन नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे हम लोग उनके साथ रहेंगे. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता भीम सिंह का कहना है कि बिहार में कुछ भी होता है तो पूरे देश में हलचल मचने लगता है. जहां तक नीतीश कुमार के एनडीए में आने की बात है तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. लेकिन, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहले ही कह दिया है कि नीतीश कुमार के लिए अब बीजेपी का दरवाजा बंद है. लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है. ऐसे इन सब पर शीर्ष नेता ही फैसला लेंगे. इन मामलों में हम लोग बोलने के लिए उपयुक्त नहीं हैं.


कौन हैं हरिवंश और क्यों हैं चर्चा में? : हरिवंश जदयू के राज्यसभा सांसद हैं. जदयू के एनडीए से अलग होने के बाद भी उपसभापति बने हुए हैं. जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर पहले से इस बात को लेकर कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार एनडीए में जाने के लिए हरिवंश उपसभापति के पद पर छोड़ रखा है. 2017 में भी हरिवंश नीतीश कुमार को एनडीए में आने में मदद की थी. हरिवंश को लालू प्रसाद यादव का विरोधी बताया जाता है. हरिवंश का प्रधानमंत्री के साथ अच्छा तालमेल है. इसी कारण से हमेशा यह कयास लगाए जाते रहे हैं. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश अभी बिहार दौरे पर हैं, इसलिए उनके मुख्यमंत्री से मिलने की भी चर्चा हो रही है.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Politics: सीएम के करीबी रहे 'हरिवंश नारायण सिंह' जरूरी या मजबूरी, जानें नीतीश का स्टैंड

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बिहार की राजनीति में उलटफेर के कयास.

पटनाः मकर संक्रांति में दही चूड़ा के साथ खिचड़ी का विशेष महत्व होता है. बिहार के राजनीतिक गलियारे में भी खरमास के बाद खिचड़ी पकने वाली है. इसकी तैयारी हो रही है. जिस आग पर खिचड़ी पक रही है उसे हवा दे रहा है हरिवंश का बिहार दौरा. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश इन दिनों बिहार दौरे पर हैं. नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात होने की बात सामने आ रही है. राजनीति के जानकार कहते हैं कि 2017 में जब नीतीश कुमार ने पाला बदला था तो उस समय भी हरिवंश ने बड़ी भूमिका निभाई थी.

नीतीश और एनडीए के बीच बन सकते हैं सेतुः हरिवंश जदयू के राज्यसभा सांसद हैं. उनको राजनीति में लाने का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है. दो बार से जदयू के राज्यसभा सांसद हैं. नीतीश कुमार के साथ तो उनकी नजदीकियां स्वाभिक है, लेकिन कहा यह भी जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनको पसंद करते हैं. हरिवंश जदयू की बैठकों में शामिल नहीं होते हैं और इसको लेकर उन पर आरोप भी लगता रहा है. लेकिन, इसके बाद भी नीतीश कुमार ने अब तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं की है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हरिवंश नीतीश कुमार के लिए एनडीए में जाने के लिए सेतु का काम कर सकते हैं.

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हरिवंश पार्टी लाइन से हटकर काम किया, कार्यवाही नहीं हुई: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से ललन सिंह से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ली है, उसके बाद कई तरह के कयास लग रहे हैं. लालू प्रसाद और राजद के साथ अब पहले वाली नजदीकियां भी नहीं रही है. सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस से भी नीतीश कुमार की नाराजगी साफ दिखती है. यही कारण है कि नीतीश कुमार के पाला बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं. इसमें हरिवंश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन पर कई तरह के आरोप भी लगे थे. हरिवंश ने जदयू के विरोध के बाद भी संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया था. इसके बाद भी नीतीश कुमार ने ना तो उनके खिलाफ कोई बयान दिया और ना ही कोई कार्यवाही की.

"नीतीश कुमार को लेकर चर्चा है कि एनडीए में फिर से आ सकते हैं, तो कुछ लोग कह रहे हैं कि इंडिया गठबंधन में ही रहेंगे. नीतीश कुमार के पाला बदलने की जब बात होती है तो हरिवंश जी की चर्चा होने लगती है. हरिवंश जी की पुरानी मित्रता रही है. जदयू कोटे से ही राज्यसभा में गए. बीजेपी के साथ भी उनकी मित्रता है, ऐसे में नीतीश कुमार यदि एनडीए में आते हैं तो उनकी बड़ी भूमिका हो सकती है और एक सेतु का काम कर सकते हैं."- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विश्लेषक

राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं हैः जदयू के नेता फिलहाल नीतीश कुमार के पाला बदलने की बात से इनकार कर रहे हैं. जदयू संसद चंदेश्वर सिंह चंद्रवंशी का कहना है हम लोग भी चर्चा ही सुन रहे हैं लेकिन नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे हम लोग उनके साथ रहेंगे. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता भीम सिंह का कहना है कि बिहार में कुछ भी होता है तो पूरे देश में हलचल मचने लगता है. जहां तक नीतीश कुमार के एनडीए में आने की बात है तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. लेकिन, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहले ही कह दिया है कि नीतीश कुमार के लिए अब बीजेपी का दरवाजा बंद है. लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है. ऐसे इन सब पर शीर्ष नेता ही फैसला लेंगे. इन मामलों में हम लोग बोलने के लिए उपयुक्त नहीं हैं.


कौन हैं हरिवंश और क्यों हैं चर्चा में? : हरिवंश जदयू के राज्यसभा सांसद हैं. जदयू के एनडीए से अलग होने के बाद भी उपसभापति बने हुए हैं. जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर पहले से इस बात को लेकर कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार एनडीए में जाने के लिए हरिवंश उपसभापति के पद पर छोड़ रखा है. 2017 में भी हरिवंश नीतीश कुमार को एनडीए में आने में मदद की थी. हरिवंश को लालू प्रसाद यादव का विरोधी बताया जाता है. हरिवंश का प्रधानमंत्री के साथ अच्छा तालमेल है. इसी कारण से हमेशा यह कयास लगाए जाते रहे हैं. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश अभी बिहार दौरे पर हैं, इसलिए उनके मुख्यमंत्री से मिलने की भी चर्चा हो रही है.

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